बारिश के मौसम में अपनी कार की ऐसे करें देखभाल
इस रिमझिम बारिश के मौसम में सड़कों पर वाहन चलाना काफी मुश्किल होता है। अगर बात भारत की सड़कों की जाएं तो हमारे वाहन बारिश के पानी से ज्यादा सड़कों के गड्डों से खराब होते हैं। बारिश में गाडियां काफी जल्दी खराब हो जाती हैं या बीच रस्ते में ही काम करना बंद कर देती हैं। ऐसे में बारिश के मौसम में कार का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। कार की सर्विस काफी महंगी होती है इसलिए बार-बार उसकी सर्विस करवाना किसी भी आम इंसान की पॉकेट के लिए सेहतमंद नहीं है। पर इन कुछ टिप्स की मदद से आप बारिश में अपनी कार का ध्यान रख सकते हैं। चलिए जानते हैं इन टिप्स के बारे में...
1. बैटरी और वायरिंग की जांच: बारिश के मौसम में कार की बैटरी आसानी से खराब हो जाती है या किसी तरह की वायरिंग समस्या आ जाती है। इसके साथ ही बारिश के मौसम में शॉर्ट सर्किट की समस्या भी होने लगती है। गाड़ी बहार ले जाते समय एक बार बैटरी और वायरिंग को ज़रूर चेक करें। साथ ही नियमित रूप से कार की सर्विस करवाएं।
2. कार को शेड में पार्क करें: हमेशा कार को शेड में पार्क करने की कोशिश करें। कई जगह पर ओपन पार्किंग के कारण हम कार को शेड में पार्क नहीं कर पाते हैं जिससे गाड़ी भीग जाती है। अगर शेड नहीं है तो आस पास किसी पेड़ के निचे या पास की किसी पार्किंग में कार को पार्क करने की कोशिश करें।
3. ब्रेक की जांच: बारिश के मौसम में गाड़ी स्लिप होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। ऐसे में अपने ब्रेक को चेक करें और सही समय पर गाड़ी की सर्विस करवाएं। साथ ही टायर को भी चेक करें और ज्यादा पुराने टायर का इस्तेमाल न करें। ब्रेक की जांच करना ज़रूरी है। किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए आपको यह सावधानी रखना ज़रूरी है।
4. गाड़ी को कवर करें: अपनी गाडी को बारिश से बचाने के लिए एक अच्छा सा वॉटर प्रूफ कवर खरीदें। अगर आपके ऑफिस या किसी भी जगह ओपन पार्किंग है तो आप कवर का इस्तेमाल कर सकते हैं। कवर आपकी गाड़ी को जंग से तो ज्यादा नहीं बचाएगा लेकिन आपकी गाड़ी का पेंट ज़रूर सुरक्षित रह सकता है।
5. कार के इंटीरियर पर ध्यान दें: कार बाहर से ज्यादा अंदर से खराब होती है। अगर कार के अंदर पानी चला जाए तो उसके इंटीरियर पार्ट आसानी से खराब हो जाते हैं। गाड़ी के अंदर गीले जूते या कपड़े न रखें। साथ ही अगर आपके शहर में ज्यादा पानी भर जाता है तो गाड़ी को न निकालें। साथ ही गाड़ी को बारिश में बार-बार न खोलें जिससे उसमें पानी अंदर न आएं।