बापू की याद : शे'री भोपाली
तेरी याद बापू मनाएँगे हमअहिंसा की बंसी बजाएँगे हम जो तूने बता दी है हमको डगर चलेंगे सदा हम उसी राह पर क़दम अब न उससे हटाएँगे हम = तेरी याद बापू------जो तूने दिलाई हैं आज़ादियाँलगा देंगे उसकी हिफ़ाज़त में जाँये पूँजी न हरगिज़ गंव्वेंगे हम = तेरी याद बापू--------वो बच्चे हों, बूढ़े हों या हों जवान ग़रीब और मज़दूर हो या किसान क़दम साथ आगे बढ़ाएँगे हम = तेरी याद बापू------- न अब कोई छोटा न कोई बड़ा रहे फर्क़ क्यों ज़ात और पात काके जन-जन को ऊँचा उठाएँगे हम = तेरी याद बापू------ज़माने में तेरा ही गुणगान हैतेरा नाम भारत का सम्मान है तेरे नाम से नाम पाएँगे हम = तेरी याद बापू---------तेरा नाम लेकर बढ़ेंगे ग़रीब रखेंगे तुझे अपने दिल के क़रीब तिरंगे की इज़्ज़त बढ़ाएँगे हम = तेरी याद बापू-------तुझे सारे भारत का प्रणाम हैअहिंसा की लै तेरा पैग़ाम है ये पैग़ाम दोहराए जाएँगे हम = तेरी याद बापू