अयोध्या विधानसभा में संत-महंतों ने संभाली भाजपा के पक्ष में कमान
अयोध्या के साधु-संत व धर्माचार्य भाजपा के पक्ष में वोट मांगने निकल पड़े हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान साधु-संतों का अपमान होता था। सपा अत्याचार करती थी।
अयोध्या के महंतश्री राजकुमार दास जी ने सवाल किया कि सपा नेताओं के पास इतनी संपत्ति कहां से आई, जो समाजवाद का तमगा लिए टहल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या के साधु-संत भाजपा के लिए प्रचार करने निकले हैं। कांग्रेस के आरोपों पर महाराज जी ने कहा कि कांग्रेस तो हमेशा से मानती रही है कि भगवान राम तो काल्पनिक हैं, इसको लेकर यह पार्टी हलफनामा भी दे चुकी है।
रामानुजाचार्य जी का कहना है कि बच्ची के लिए रोटी लेकर गए थे गोसाईंगंज तो पुलिसवालों ने हमको जेल में बंद कर दिया था। अयोध्या के 8 प्रमुख संत-महंत थे जेल में। मुलायम सरकार ने कहा था कि इनको तब तक बंद रखो जब तक परिक्रमा चलती रहे। उस समय हमने लैया खाकर समय बिताया था।
संतों ने कहा कि ये मस्जिद बनवाने वाले लोग हैं। संत समाज राम के जिया है, जो राम का नहीं वह किसी काम का नहीं। ऐसे कालनेमियों को हम सीधे लंका भेजेंगे।
वहीं गिरीश दास महाराज ने बताया कि आज चुनाव आ गया तो संतों को सम्मान दे रहे हैं। चुनाव से पहले उनको जय श्रीराम बोलने में संकोच था। यह लोग संतों को ठगना चाहते हैं। अब संत समाज भाजपा और संघ के साथ है।