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Last Updated : बुधवार, 15 सितम्बर 2021 (15:33 IST)

जो नफरत करे, वह योगी कैसा? राहुल गांधी के Tweet पर योगी आदित्यनाथ ने ऐसे दिया जवाब

जो नफरत करे, वह योगी कैसा? राहुल गांधी के Tweet पर योगी आदित्यनाथ ने ऐसे दिया जवाब | Yogi Adityanath
नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ के कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'अब्बा जान' वाले बयान की पृष्ठभूमि में मंगलवार को उन पर परोक्ष रूप से निशाना साधा और कहा कि 'जो नफरत करे, वह योगी कैसे हो सकता है। दूसरी ओर योगी आदित्यनाथ के कार्यालय ने कांग्रेस नेता पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर अपराधियों के साम्राज्य पर बुलडोजर चलाना नफरत है, तो यह नफरत अनवरत जारी रहेगी।

 
राहुल गांधी ने योगी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि जो नफरत करे, वह योगी कैसा! इस पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री के कार्यालय ने ट्वीट किया कि जिन्ह कें रही भावना जैसी। प्रभु मूरति तिन्ह देखी तैसी। और हां श्रीमान राहुल जी! अपराधियों और उपद्रवियों के साम्राज्य पर बुलडोजर चलाना अगर नफरत है, तो ए नफरत अनवरत जारी रहेगी। योगी ने रविवार को उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए 'अब्बा जान' वाली टिप्पणी की थी।

 
पूर्व की समाजवादी पार्टी सरकार का परोक्ष रूप से उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा था कि अब्बा जान कहने वाले गरीबों की नौकरी पर डाका डालते थे। पूरा परिवार झोला लेकर वसूली के लिए निकल पड़ता था। अब्बा जान कहने वाले राशन हजम कर जाते थे। राशन नेपाल और बांग्लादेश पहुंच जाता था। आज जो गरीबों का राशन निगलेगा, वह जेल चला जाएगा। राहुल गांधी ने हाथरस में दलित युवती के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्या की घटना के एक साल पूरा होने पर एक फेसबुक पोस्ट में प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि न्याय का इंतजार जारी है। हाथरस की बेटी, देश की बेटी।

 
ओवैसी ने भी साधा निशाना : आईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी योगी आदित्यनाथ की 'अब्बा जान' वाली टिप्पणी का उल्लेख करते हुए चुटकी लेते कहा कि यह 'बाबा' की ओर से ध्रुवीकरण की रणनीति थी। असदुद्दीन ओवैसी ने ट्विटर पर लिखा, कैसा तुष्टिकरण? प्रदेश के मुसलमानों की साक्षरता-दर सबसे कम है, मुस्लिम बच्चों का Dropout rate सबसे ज़्यादा है। मुस्लिम इलाक़ों में स्कूल-कॉलेज नहीं खोले जाते। अल्पसंख्यकों के विकास के लिए केंद्र सरकार से बाबा की सरकार को 16207 लाख रुपए मिले थे, बाबा ने सिर्फ 1602 लाख रुपए खर्च किया।