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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : शुक्रवार, 11 मार्च 2022 (14:51 IST)

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार क्या राहुल और प्रियंका की राजनीति का अंत?

विधानसभा चुनाव में हार के बाद राहुल और प्रियंका पिकनिक मनाने गए तो कांग्रेस की कहानी खत्म

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार क्या राहुल और प्रियंका की राजनीति का अंत? - Congress defeat in the assembly elections affect the politics of Rahul and Priyanka?
पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की बड़ी हार हुई है। पंजाब में सत्तारूढ रही कांग्रेस को चुनाव में बड़ी हार का सामना करना पड़ा है तो उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी के तमाम कोशिशों के बाद कांग्रेस ने अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन किया है। देश के इस सबसे बड़े राज्य में कांग्रेस मात्र दो सीटों पर सिमट गई है। कांग्रेस की करारी हार के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा हम इस नतीजे से सीख लेंगे और भारत की जनता के हित में काम करना जारी रखेंगे। 
 
पांच राज्यों में मिली करारी हार को राहुल गांधी ने भले ही स्वीकार कर लिया हो, लेकिन अब कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर उनकी वापसी का रास्ता कठिन हो गया है। इस हार के बाद पार्टी में भीतरी लोकतंत्र और कांग्रेस को गैर-गांधी परिवार के सौंपने की मांग कर रहे 23 वरिष्ठ नेताओं के गुट यानी जी-23 की आवाज और मुखर होगी। 

ऐसे में जब कांग्रेस में अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए चुनावी प्रक्रिया 15 अप्रैल से शुरु होनी है और कांग्रेस के नए अध्यक्ष का चुनाव 21 अगस्त से 20 सितम्बर के बीच होना है तब एक बार फिर से राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनने की मांग अब कमजोर पड़ेगी।

कांग्रेस की लगातार हार के बाद राहुल और प्रियंका गांधी पर उठ रहे सवालों पर वरिष्ठ पत्रकार नागेंद्र प्रताप कहते हैं कि कांग्रेस की सबसे बड़ी कमजोरी राहुल ही है। राहुल को या तो कांगेस का अध्यक्ष बन जाना चाहिए या एकदम से हट जाना चाहिए। राहुल जो बीच में खड़े है वह सबसे खतरनाक है। आज की तारीख में राहुल कांग्रेस अध्यक्ष हैं भी और नहीं भी।

नागेंद्र आगे कहते हैं कि राहुल को या तो अध्यक्ष बनकर पार्टी को अपने अनुसार चलाना चाहिए जिससे मैसेज क्लीयर हो। यह ठीक उसी तरह है कि कंपनी में जो सीईओ (CEO) समय पर हायरिंग (hiring) नहीं करता है वह कभी भी कंपनी को चला नहीं पाता है। राहुल और प्रियंका की असल चुनौती अब यह है कि क्या वह कल से एक्टिव हो रहे है या नहीं? अगर राहुल और प्रियंका एक्टिव नहीं होते है यह उनकी कहानी का अंत लिखा जा चुका है।

प्रियंका और राहुल अपनी चुनावी राजनीति में हर बार छह महीने गैप लेते रहे है। ऐसे में अब अगर वह पिकनिक मनाने की मूड में आए तो उनकी राजनीति खत्म हो जाएगी। प्रिंयका गांधी ने उत्तर प्रदेश में जो लड़ाई लड़ी है अगर वह अब आगे वैसे ही नहीं बढ़ी तो कहानी खत्म है।

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर नागेंद्र कहते हैं कि उत्तर प्रदेश के चुनाव के नतीजों से कांग्रेस का मूल्याकंन नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इन चुनाव के नतीजों में कांग्रेस कही थी ही नहीं। कांग्रेस का आकलन सीटों के अनुसार नहीं करना चाहिए।

प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में जिस अंदाज में बैटिंग की है उसे सीटों और वोटों में न देखकर उसको इस रूप में देखा जाना चाहिए कि प्रियंका ने भवानात्मक स्तर पर अपने कैडर को एक्टिव कर दिया है जिसका फायदा लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिल सकता है। अगर प्रियंका इसी पिच पर लड़ी तो 2024 के लोकसभा चुनाव में वह बड़ी फोर्स बनेगी, इससे इंकार नहीं किया जा सकता है।