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Last Modified: गुरुवार, 13 जनवरी 2022 (17:57 IST)

उप्र के लिए 90 दलितों सहित 300 प्रत्याशियों का चयन हो चुका : बसपा

उप्र के लिए 90 दलितों सहित 300 प्रत्याशियों का चयन हो चुका : बसपा - 300 candidates including 90 Dalits have been selected for Uttar Pradesh
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने बृहस्पतिवार को बताया कि उनकी पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 403 विधानसभा सीटों में से 300 से अधिक सीटों पर अपने उम्मीदवार तय कर लिए हैं और इनमे से करीब 90 उम्मीदवार दलित हैं।

भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी पर कटाक्ष करते हुए मिश्र ने कहा कि इन दोनों दलों को अपने नेताओं पर भरोसा नहीं है और वह अब तक उम्मीदवारों के चयन के लिए माथापच्ची कर रहे हैं। मिश्रा ने बताया बसपा विधानसभा चुनाव के लिए 300 से अधिक प्रत्याशी तय कर चुकी है और इनमें से कुछ की घोषणा भी कर चुकी है। इनमें से करीब 90 प्रत्याशी दलित समाज से हैं तथा उनकी संख्या अभी और बढ़ेगी।

ब्राह्मण और मुस्लिम प्रत्याशियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बारे में 15 जनवरी को पार्टी प्रमुख मायावती के जन्मदिन के बाद जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा, विधानसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण की 90 फीसदी से अधिक सीटों के लिए पार्टी के प्रत्याशी चुने जा चुके हैं, जिनकी घोषणा पार्टी अध्यक्ष मायावती के जन्मदिन के बाद की जाएगी।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने सलमान सईद को चरथावल विधानसभा सीट से तथा हाल ही में कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थामने वाले इमरान मसूद के भाई नोमान मसूद को गंगोह विधानसभा सीट से अपनी पार्टी का उम्मीदवार बनाया है।

मिश्र ने बताया पार्टी दलितों के अलावा मुस्लिमों और ब्राह्मणों को भी टिकट देगी क्योंकि पार्टी ने 2007 के चुनाव में सर्व समाज को टिकट दिए थे और पूर्ण बहुमत से सत्ता हासिल की थी। पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा कि ब्राह्मण और मुस्लिमों को भी अच्छा प्रतिनिधित्व दिया जा रहा है। उन्होंने बताया पार्टी आगामी चुनावों में दलितों के अलावा मुस्लिमों और ब्राहम्ण समाज को भी काफी संख्या में टिकट देगी।

उन्होंने कहा कि मायावती ने पहले ही घोषणा की है कि बसपा 2007 के सर्व समाज वाले फार्मूले पर आगे बढ़ेगी जिसमें दलित, ब्राह्मण और अन्य वर्ग शामिल होंगे। मुस्लिम समुदाय में भी पार्टी की अच्छी पकड़ है। उत्तर प्रदेश में दलित आबादी 20 फीसदी से अधिक, ब्राह्मण 13 फीसदी और मुस्लिम आबादी करीब 20 फीसदी है।

राज्यसभा सदस्य मिश्र बसपा का ब्राह्मण चेहरा हैं और दलितों तथा ब्राह्मणों में नजदीकी लाने के लिए वे राज्य के विभिन्न हिस्सों का दौरा करते रहे हैं। बसपा के लिए सोशल इंजीनियरिंग का यह फार्मूला फायदेमंद साबित हुआ है।

मिश्र ने बताया, अभी तक मैंने उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में 96 चुनावी रैलियां की हैं। पार्टी के अन्य नेताओं ने करीब 200 से अधिक रैलियां की हैं। पार्टी के नेता जहां-जहां रैलियां कर रहे हैं, उन इलाकों में वह पार्टी उम्मीदवार तय कर देते हैं और उस उम्मीदवार से चुनाव की तैयारी में पूरी तरह से जुट जाने को कहा जाता है।

वह कहते हैं, पार्टी अध्यक्ष मायावती और अन्य नेता पिछले एक साल से एक-एक विधानसभा सीट पर गहन अध्ययन कर रहे हैं और सभी प्रत्याशियों के बारे में उनके क्षेत्र से जानकारी एकत्र कर और उनकी दावेदारी को परख रहे हैं। पार्टी ने आखिरी समय का इंतजार नहीं किया और जहां मजबूत प्रत्याशी मिले, वहां उम्मीदवार तय किए गए।

बृहस्पतिवार को मायावती ने दो नामों की घोषणा की। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस छोड़कर बुधवार को बसपा में शामिल हुए सलमान सईद चरथावल विधानसभा सीट से पार्टी के प्रत्याशी होंगे और नोमान मसूद गंगोह विधानसभा सीट से बसपा प्रत्याशी होंगे।

सईद उप्र के पूर्व गृहमंत्री सईदुज़्ज़मां के बेटे हैं। नोमान मसूद पूर्व केन्द्रीय मंत्री रशीद मसूद के भतीजे और सपा नेता इमरान मसूद के भाई हैं। वे लोकदल छोड़कर बहुजन समाज पार्टी में शामिल हुए हैं। पार्टी प्रवक्ता एमएच खान ने कहा कि पिछले छह माह से चुनाव के लिए बूथ-वार तैयारियां की जा रही हैं और इनका प्रभार ऐसे नेताओं को सौंपा जा रहा है जो जमीनी स्तर के हैं तथा जिनकी छवि साफ-सुथरी है।

उन्होंने कहा, अगर सपा और भाजपा को अपने नेताओं पर भरोसा होता तो वह अपनी सूचियों की घोषणा करते, नेताओं के दल बदलने का इंतजार नहीं करते। खान ने कहा कि टिकट मांगने वालों की कमी नहीं है लेकिन बसपा ने ऐसे लोगों को टिकट न देने का फैसला किया है जिनकी निष्ठा हर चुनाव में बदलती रहती है।

उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से सात चरण में विधानसभा चुनाव होंगे। चुनाव का परिणाम 10 मार्च को घोषित होगा। चुनाव आयोग के कोविड प्रतिबंध के तहत 15 जनवरी तक चुनाव प्रचार केवल वर्चुअल माध्यम से करने के निर्देश दिए हैं।(भाषा) 
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