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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : बुधवार, 2 फ़रवरी 2022 (11:11 IST)

बजट में स्पेशल पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ने से भी आपकी जेब पर नहीं पड़ेगा असर,जानें वजह

सरकार बिना ब्लेंडिंग वाले फ्यूल पर 2 रुपये प्रति लीटर का अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लेगी

बजट में स्पेशल पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ने से भी आपकी जेब पर नहीं पड़ेगा असर,जानें वजह - The increase in excise duty on special petrol and diesel in the budget will not affect your pocket, know the reason
भोपाल। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में पेश अपने बजट में बिना एथेनॉल वाले पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 2 रु/ली ड्यूटी बढ़ा दी है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा कि सरकार बिना ब्लेंडिंग वाले फ्यूल पर 2 रुपये प्रति लीटर का अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लेगी। पेट्रोल-डीजल पर यह अतिरिक्त टैक्स एक अक्टूबर 2022 से लगाया जाएगा। बजट के एलान के बाद आपको एक अक्टूबर से बिना ब्लेंडिंग वाले फ्यूल मतलब ब्रांडेड पेट्रोल-डीजल के लिए 2 रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे। 
 
ऐसे में अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार के इस फैसले से महंगाई बढ़ेगी। ‘वेबदुनिया’ से बातचीत में मध्यप्रदेश पेट्रोल पंप ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह कहते हैं कि सरकार के इस फैसले से सीधे तौर पर आम  आदमी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा और न ही इस फैसले से पेट्रोल-पंप पर बिकने वाले पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। 
 
इसकी वजह बताते हुए कहते हैं कि आप जो पेट्रोल या डीजल किसी भी पेट्रोल पंप से लेते हैं वो ब्लेंडेड होता है। यानी उसमें पहले से एथेनॉल मिला होता है। ऐसे में पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ेंगे और आपकी जेब पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वह कहते हैं कि सरकार की यह पूरी कवायद पेट्रोल-डीजल में एथेनॉल के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए है। बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार पेट्रोल-डीजल में एथेनॉल ब्लेंडिंग को बढ़ावा दे रही है। 

मध्यप्रदेश पेट्रोल पंप ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह कहते हैं कि बिना एथेनॉल वाला या ब्रांडेड पेट्रोल-डीजल का इस्तेमाल केवल इंडस्ट्रियल यूज में किया जाता है, ऐसे में इसका उपयोग देश में सीमित मात्रा में ही होता है। इस तरह के पेट्रोल का यूज क्लाथ इंड्रस्टी और रबर इंड्रस्टी में होता है।  
 
दरअसल देश में प्रदूषण कम करने के लिए केंद्र सरकार ने कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने और आयात पर निर्भरता घटाने के लिए 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिल के लक्ष्य रखा है। वर्तमान में पेट्रोल में करीब 10 फीसदी एथेनॉल मिलाया जा रहा है।
 
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