स्वच्छ हवा के लिए बजट में होगा 4400 करोड़ का प्रावधान, पुराने ताप विद्युत संयंत्र होंगे बंद
नई दिल्ली। देश के प्रमुख शहरों में स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने बजट में 4,400 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इसके तहत राज्य सरकारों को 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में साफ हवा की उपलब्धता बढ़ाने के लिए योजनाएं तैयार करने को कहा गया है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में आम बजट 2020-21 पेश किया। बजट भाषण पढ़ते हुए उन्होंने 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में स्वच्छ हवा की उपलब्धता न होने पर भी चिंता व्यक्त की।
उन्होंने राज्यों से अधिक से अधिक स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने के लिए योजनाएं तैयार करने के लिए कहा। सीतारमण ने कहा कि इस पहल के लिए 2020-21 की अवधि के लिए 4,400 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। संबंधित योजनाओं और पहलों के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय जल्द ही उपयुक्त मानदंड अधिसूचित करेगा।
इसी के साथ वित्तमंत्री ने कार्बन उत्सर्जन से व्यापक स्तर पर निपटने के लिए पुराने ताप विद्युत संयंत्रों को बंद करने और वैकल्पिक प्रयोजन के लिए खाली पड़ी भूमि का उपयोग करने की मंशा व्यक्त की। सीतारमण ने बजट में आपदा सक्षम अवसंरचना को जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बनाने के भी प्रस्ताव रखे।
उन्होंने कहा कि आपदा सक्षम अवसंरचना गठबंधन (सीडीआरआई) का शुभारंभ सितंबर 2019 में किया गया था। इसका सचिवालय दिल्ली में है। इस वैश्विक भागीदारी से अनेक सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के साथ-साथ सेंडाई रूपरेखा के लक्ष्यों को भी पूरा करने में मदद मिलेगी। इससे आपदा सक्षम अवसंरचना को जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बनाना आसान होगा।
वित्तमंत्री ने पेरिस समझौता-2015 के तहत उल्लेखित 'राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित अंशदान' (एनडीसी) को सुनिश्चित करने की दिशा में सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को भी रेखांकित किया।