सोमवार, 23 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. बजट 2020-21
  3. बजट समाचार
  4. Budget session: Opposition protests as President Kovind hails CAA as historic law
Written By
Last Updated : शुक्रवार, 31 जनवरी 2020 (16:02 IST)

विपक्ष का बड़ा आरोप, अभिभाषण में CAA को उपलब्धि बताना शर्मनाक

विपक्ष का बड़ा आरोप, अभिभाषण में CAA को उपलब्धि बताना शर्मनाक - Budget session: Opposition protests as President Kovind hails CAA as historic law
नई दिल्ली। कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) का उपलब्धि के तौर पर उल्लेख शर्मनाक है और ऐसा करके सरकार ने राष्ट्रपति पद की गरिमा गिराई है।
 
राजद, माकपा नेताओं की मौजूदगी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने यह आरोप भी लगाया कि जम्मू-कश्मीर के बारे में गलतबयानी के लिए सरकार को माफी मांगनी चाहिए।
 
आजाद ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, 'आज सुबह 14 राजनीतिक दलों के नेताओं ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना दिया था और सभी ने अपनी अपनी बांह पर काली पट्टी बांध रखी थी। यह विरोध सीएए और एनआरसी को लेकर था।'
 
उन्होंने कहा, 'देश में कई हफ़्तों से लोग सड़कों पर है। इसमें अलग धर्म और जातियों तथा सभी आयु वर्ग के लोग शामिल हैं। सवा महीने में कई हजार जुलूस निकले हैं। जहां भी भाजपा की सरकार हैं वहां कई लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हुए।'
 
आजाद ने कहा, ऐसी स्थिति में जब पूरा देश संशोधित नागरिकता कानून का विरोध कर रहा है तो ऐसे हालात में अफसोस की बात यह है कि इस कानून को राष्ट्रपति के अभिभाषण में सरकार ने अपनी उपलब्धि बताया है। यह बड़े शर्म की बात है।'
 
उन्होंने दावा किया, 'अभिभाषण में कई पुरानी चीजें और कई बातों का तो कोई अर्थ ही नहीं है। महंगाई के बारे में कोई चर्चा नहीं है। जीडीपी और रुपए के गिरने की कोई चर्चा नहीं है।'
 
आजाद ने कहा कि सरकार ने जम्मू कश्मीर में विकास होने का दावा किया। इससे ज्यादा क्रूर मजाक कुछ और नहीं हो सकता। जहां लोगों के पास खाने के लिए कुछ नहीं है, लोगों के पास काम नहीं है वहां आप कैसे कह सकते हैं कि विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के मुंह से गलतबयानी के लिए सरकार को देश और जम्मू कश्मीर से माफी मांगनी चाहिए।'
 
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा, 'देश के लिए आज दुर्भाग्य का दिन है। राष्ट्रपति देश के संविधान के संरक्षक हैं। इस कानून के जरिये संविधान पर हमला किया गया है। सरकार ने सीएए को उपलब्धि बताकर राष्ट्रपति पद की गरिमा को गिराया है।'
 
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, 'सरकार ने प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत का कोई संकेत नहीं दिया । इसके उलट वह हिंसा का सहारा ले रही है।'
 
राजद नेता मीसा भारती ने कहा कि सरकार द्वारा प्रदर्शन को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश हो रही है। लेकिन इसमें सभी समुदायों के लोग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को उम्मीद थी कि अभिभाषण में राष्ट्रपति देश के हालात के बारे में बात करेंगे। लेकिन कुछ भी नहीं कहा गया।
 
गौरतलब है कि संसद के केंद्रीय कक्ष में राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान सीएए का विरोध करते हुए कांग्रेस समेत 14 विपक्षी दलों के सदस्य बांह पर काली पट्टी बांधकर पीछे की सीटों पर बैठे।
ये भी पढ़ें
Budget 2020-21 highlights: नरेन्द्र मोदी सरकार का आम बजट, मुख्‍य बिन्दु...