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Written By UN
Last Updated : बुधवार, 20 अगस्त 2025 (16:43 IST)

नेपाल ने रुबेला से पूरी तरह पाई मुक्ति - WHO

WHO
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बताया है कि नेपाल ने रुबेला को सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में समाप्त कर दिया है। यह इस हिमालयी राष्ट्र के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जिसने एक दशक से अधिक समय तक बच्चों और माताओं की सुरक्षा की ख़ातिर अपने टीकाकरण तंत्र को मज़बूत किया है।

रुबेला को जर्मन ख़सरा भी कहा जाता है। यह एक बहुत तेज़ी से फैलने वाला वायरल संक्रमण है जोकि गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष रूप से ख़तरनाक माना जाता है। इससे गर्भपात मृत शिशु जन्म या आजीवन विकलांगता वाले जन्म दोष हो सकते हैं, लेकिन यह बीमारी सुरक्षित और किफ़ायती टीकों से पूरी तरह रोकी जा सकती है।

WHO दक्षिण-पूर्व एशिया की प्रभारी डॉक्टर कैथरीना बोहम ने कहा कि नेपाल की यह सफलता उसके नेतृत्व की प्रतिबद्धता, स्वास्थ्यकर्मियों और स्वयंसेवकों की मेहनत और समुदायों के सहयोग का नतीजा है- जिससे बच्चों को स्वस्थ शुरुआत और रुबेला-रहित भविष्य मिलेगा।

ख़सरा और रुबेला उन्मूलन के लिए क्षेत्रीय सत्यापन आयोग (SEA-RVC) द्वारा की गई पुष्टि जुलाई 2025 की वार्षिक बैठक में नेपाल की रोग निगरानी एवं टीकाकरण कवरेज से जुड़ी जानकारी की गहन समीक्षा के बाद की गई।

इस उपलब्धि के साथ नेपाल, भूटान, डीपीआर कोरिया, मालदीव, श्रीलंका और तिमोर-लेस्ते के बाद, WHO दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र का छठा देश बन गया है जिसने रुबेला का उन्मूलन किया। नेपाल की यात्रा 2012 में शुरू हुई, जब 9 महीने से 15 साल तक के बच्चों के लिए राष्ट्रीय अभियान के तहत रुबेला टीका लगाया गया।

2016 में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में इसकी दूसरी ख़ुराक शामिल की गई। नेपाल ने भूकम्प (2015 और 2023) और कोविड-19 जैसी चुनौतियों के बावजूद 2012, 2016, 2020 और 2024 में चार बड़े अभियान चलाए और अन्ततः 95% से ज़्यादा कवरेज हासिल किया।

समुदाय-आधारित क़दमों ने इस प्रयास को तेज़ किया जैसे कि “टीकाकरण माह” मनाना, टीकाकरण से वंचित बच्चों तक पहुँचना और ज़िलों को पूरी तरह टीकाकृत घोषित करने के लिए प्रोत्साहन देना। नेपाल दक्षिण-पूर्व एशिया का पहला देश भी बना जिसने निगरानी मज़बूत करने के लिए एक उन्नत प्रयोगशाला परीक्षण प्रणाली शुरू की।

नेपाल के स्वास्थ्य और जनसंख्या मंत्री प्रदीप पौडेल ने स्वास्थ्यकर्मियों, स्वयंसेवकों और समुदायों को धन्यवाद देते हुए कहा, “रुबेला उन्मूलन हमारी राष्ट्रीय टीकाकरण योजना की मज़बूती का प्रमाण है। गावी और WHO के सहयोग से हमारा संकल्प है कि नेपाल का कोई भी बच्चा टीकाकरण से रोकथाम योग्य बीमारी से पीड़ित नहीं हो।” नेपाल के परिवारों के लिए यह उपलब्धि केवल एक आंकड़ा नहीं है- यह एक वादा है कि आने वाली पीढ़ियां रुबेला जैसे मौन ख़तरे से सुरक्षित रहेंगी।
Edited By: Navin Rangiyal 
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