टोक्यो:भारतीय तीरंदाज शुक्रवार को यहां रैंकिंग राउंड के साथ टोक्यो ओलंपिक अभियान शुरू करेंगे और पिछले ओलंपिक प्रदर्शन की कड़वी यादों को भुलाना चाहेंगे।
भले ही महिला टीम क्वालीफाई करने में असफल रही हो लेकिन दीपिका कुमारी, अतनु दास, तरूणदीप राय और प्रवीण जाधव की चौकड़ी इस खेल में देश को पहला ओलंपिक पदक दिलाने की उम्मीद के साथ टोक्यो पहुंची है।
इनमें सबसे ज्यादा उम्मीदें दास और दीपिका की पति पत्नी की जोड़ी से लगी है जो पेरिस विश्व कप की मिश्रित युगल स्पर्धा की तरह का जादू युमेनोशिमा पार्क में बिखेरना चाहेगी जहां पर शनिवार को यह स्पर्धा खेलों में पदार्पण करेगी।
वर्ष 1988 खेलों के बाद भारत ने इस खेल में कई चैम्पियन दिये हैं जिसमें लिम्बा राम और फिर डोला बनर्जी ने सभी स्तर की प्रतियोगिताओं में पदक जीते लेकिन ओलंपिक में ऐसा नहीं कर सके।
जयंत तालुकदार 2006 में दुनिया के दूसरे नंबर के तीरंदाज बन गये थे जबकि डोला बनर्जी ने 2007 में विश्व चैम्पिय बनकर उम्मीदें बढ़ा दी थीं लेकिन बीजिंग 2008 में ये सभी विफल रहे।
इसके बाद दीपिका ने 15 साल की उम्र में 2009 युवा विश्व चैम्पियनशिप जीतकर आकर्षित किया और फिर अगले साल नयी दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण पदक अपनी झोली में डाले।
लेकिन लंदन 2012 में वह पहले दौर में ही बाहर हो गयी और पूरी भारतीय टीम कोई प्रभाव डालने में विफल रही। इसके चार साल रियो डि जिनेरियो में कोई सुधार नहीं हुआ।
लगातार तीसरे ओलंपिक में हिस्सा ले रही दो बार की नंबर एक तीरंदाज दीपिका पिछले दो ओलंपिक के प्रदर्शन को देख चुकी हैं। पांच साल बाद रांची की यह तीरंदाज अपनी शानदार फार्म में है और हाल में पांच विश्व कप स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं।
पहले से कहीं अनुभवी दीपिका के लिये सबसे बड़ी चुनौती कोरियाई तीरंदाजों से निपटना है जो मानसिक और शारीरिक रूप से काफी मजबूत हैं।
दीपिका ने खेलों से पहले कहा था, यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि भारतीय तीरंदाजों के पास ओलंपिक पदक नहीं है इसलिये मैं जीतना चाहती हूं।
गत चैम्पियन चांग हुए जिन की अनुपस्थिति में दीपिका के लिये सबसे बड़ी चुनौती कांग यंग होंगी जो अगर 2020 में ओलंपिक हुए होते तो दुनिया की नंबर एक तीरंदाज होती।
वहीं 20 साल की एन सान भी बड़ी चुनौती पेश कर सकती हैं जिन्होंने जुलाई 2019 में टोक्यो 2020 परीक्षण प्रतियोगिता में दीपका को सीधे सेटों में हराकर स्वर्ण पदक जीता था।
वर्ष 2012 के बाद पहली बार क्वालीफाई करने वाली पुरूष टीम अगर अंतिम चार तक भी पहुंच जाती है तो यह बड़ी उपलब्धि होगी।
सेना के अनुभवी तीरंदाज तरूणदीप राय, दास और प्रवीण की पुरूष टीम ने 2019 विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतकर ओलंपिक कोटा हासिल किया था।
राय अपने तीसरे ओलंपिक में शिरकत कर रहे हैं जिन्होंने एथेंस 2004 में पदार्पण किया था और दूसरी बार रियो में खेले थे।
विश्व रैंकिंग से सही स्थिति पता नहीं चलती क्योंकि न तो कोरियाई न ही चीनी ताइपे, चीन और जापान ने 2019 के दूसरे हिस्से में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शिरकत की है। ये चारों मजबूत प्रदर्शन करना चाहेंगे और देखना होगा कि भारतीय इस एशियाई चुनौती से पार पाते हैं या नहीं।(भाषा)
तीरंदाजी महिला व्यक्तिगत रैंकिंग राउंड:सुबह 5:30 बजे
तीरंदाजी पुरुष व्यक्तिगत रैंकिंग राउंड:सुबह 9:30 बजे