दिल्ली के रहने वाले रवि को ‘वाइस ऑफ इंडिया’ घोषित किया गया। रविवार 21 दिसंबर को मुंबई से कुछ किलोमीटर दूर करजत में हुए कार्यक्रम में इसकी घोषणा की गई। अंतिम मुकाबला रवि और सप्तपर्णा के बीच था।
पाँच महीने लंबे चले शो में आखिरकार रवि ने इस ट्रॉफी पर अपना कब्जा जमाया। उन्हें ट्रॉफी के साथ 25 लाख रुपए का पुरस्कार स्टार टीवी की और से दिया गया। साथ ही उन्हें टी-सीरिज की ओर से तीन वर्ष का अनुबंध और एक चमचमाती कार भी इनाम में मिली।
18 जुलाई 2008 को कोलकाता से इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी। देश से चुनिंदा 24 प्रतिभाओं को चयनित किया गया था, जिनमें यह मुकाबला हुआ। इस बार इस कार्यक्रम में असम, राँची और कई छोटे शहरों से प्रतिभाओं को खोजा गया था।
जज की कुर्सी पर सुखविंदर सिंह, मोंटी शर्मा और इस्माइल दरबार जैसे नाम थे और कार्यक्रम का संचालन शान ने किया था, जो खुद एक गायक हैं। पाँच महीने चले इस कार्यक्रम में प्रतियोगियों ने सफलता और असफलता दोनों का स्वाद चखा। कई बार ऐसे गायक बाहर हुए, जो निर्णायकों को पसंद थे। उन्होंने इसे लेकर अपना रोष भी प्रकट किया।
बेमिसाल बारह के प्रत्येक प्रतियोगी ने हर संगीत प्रेमी के दिल में अपनी जगह बनाई। ये सब अलग-अलग पृष्ठभूमि और संस्कृति से आए हुए थे, लेकिन सबका मकसद एक ही था- वाइस ऑफ इंडिया बनना। इस यादगार सफर में बॉलीवुड की कई सेलिब्रिटीज़ भी नजर आई जिनमें मल्लिका शेरावत, सनी देओल, अजय देवगन, फरहान अख्तर प्रमुख हैं।
करजत में हुए कार्यक्रम में संगीत जगत की से बप्पी लाहिरी, कविता कृष्णमूर्ति, कुणाल गाँजावाला, मिका, रूपकुमार राठौर जैसी हस्तियाँ शामिल थीं। इन्होंने भी अपने सदाबहार गीतों से उपस्थित दर्शकों का मनोरंजन किया।
स्टार वाइस ऑफ इंडिया एक ऐसा कार्यक्रम है जो उभरती हुई प्रतिभाओं को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। कार्यक्रम के जज भी इन प्रतिभाओं को निखारने में अपना योगदान देते हैं।