देसी गर्ल बनने के लिए इन मॉडर्न गर्ल्स ने फर्श साफ किया, हाथों से गोबर उठाया, भैंसों के साथ रैम्प पर चलीं, चूल्हे पर खाना पकाया और अखाड़ों में पहलवानों का मुकाबला भी किया। 4 जुलाई को कश्मीरा शाह, इशिता अरूण और रोशनी चोपड़ा में से कोई एक देसी गर्ल का ताज पहनेगी। सियाल्बा माजरी के निवासी अपनी मुँहबोली बेटियों को अपना भरपूर समर्थन दे रहे हैं। 4 जुलाई को रात 9 बजे इमैजिन पर मनोरंजन से भरपूर फाइनल देखने को मिलेगा।
कश्मीरा शाह
PR |
इशिता अरूण
PR |
इशिता अरूण एक बार कार्यक्रम से बाहर हो गई थीं, लेकिन बाद में निर्णय बदला गया और मोनिका बेदी को बाहर होना पड़ा। वे कहती हैं ‘कठिनाइयों के बावजूद गाँव वालों के प्यार और सहयोग से मैं फाइनल में पहुँच पाई हूँ। मैं बहुत आभारी हूँ कि उन्होंने मुझे अपनाया। देसी गर्ल अपने आपको पहचानने के लिए एक बहुत ही खूबसूरत यात्रा साबित हुई है। मुझे इस बात की अपार प्रसन्नता है कि मेरे द्वारा संपन्न किए गए कठिन कार्य और अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से ही मैं फाइनल में पहुँच पाई हूँ। मैंने जो भी किया है, अपनी माँ के लिए किया है जो कि सही मायने में एक देसी गर्ल हैं। इशिता को लोग पसंद करते हैं और वे भी तगड़ी दावेदार हैं।
रोशनी चोपड़ा
PR |
रोशनी चोपड़ा ने फाइनल तक पहुँच कर सभी को चौंका दिया और ये बता दिया कि उन्हें कम नहीं आँका जाए क्योंकि वे भी लोकप्रिय हैं। वे कहती हैं ‘सियाल्बा माजरी की यात्रा काफी चुनौतीपूर्ण रही है। यहाँ आकर मैंने बहुत कुछ पाया भी है। मैं गर्व के साथ कह सकती हूँ कि यहाँ गुजारे गए सात सप्ताह मेरे अंदर के देसी गर्ल को समझने और पहचानने में मददगार साबित हुए हैं।‘