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Last Modified: मंगलवार, 2 नवंबर 2021 (12:47 IST)

टी-20 विश्वकप में अश्विन रहे हैं भारत के सबसे सफल गेंदबाज, फिर भी नहीं मिला मौका, उठी जांच की मांग

टी-20 विश्वकप में अश्विन रहे हैं भारत के सबसे सफल गेंदबाज, फिर भी नहीं मिला मौका, उठी जांच की मांग - R Ashwin warming bench despite being the most successful T20 wc Indian bowler
अगर कोई गेंदबाज किसी बड़े टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करता है तो टीम उसको सिर्फ दल में शामिल नहीं करती बल्कि उसको अंतिम ग्यारह में भी खिलाती है। लेकिन इस विश्वकप में विराट कोहली की अगुवाई में भारत की टीम ने अपने सबसे सफल गेंदबाज को बैंच पर बैठा कर रखा है।

बात हो रही है रविचंद्रन अश्विन की जिन्होंने भारत के लिए टी-20 विश्वकप में अब तक सबसे ज्यादा विकेट लिए हैं। उन्होंने 3 विश्वकप के 15 मैचों में टीम इंडिया के लिए 16.70 की औसत से 20 विकेट लिए हैं।

2012 से 2016 के टी-20 विश्वकप में उनकी इकॉनोमी भी ठीक रही है। उन्होंने सिर्फ 6.18 की इकॉनोमी से रन दिए हैं। टी-20 विश्वकप में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 11 रन देकर 4 विकेट लेना रहा। टी-20 विश्वकप में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों की लिस्ट में वह 15वें पायदान पर हैं। और वर्तमान दल में विकटों के मामले में कोई भी भारतीय गेंदबाज उनके आस पास नहीं है।

टीम ने उनको 4 साल बाद टी-20 फॉर्मेट में सिलेक्ट तो कर लिया लेकिन इसके बाद उन्हें अब तक एक भी मौका नहीं मिला। टीम इंडिया 2 मैच हारकर टी-20 विश्वकप से बाहर निकलने के मुहाने पर खड़ी है।

इस मुद्दे को भारत के पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर ने भी उठाया। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि विराट कोहली जो रविचंद्रन अश्विन के साथ कर रहे हैं। वह गलत हैं और इसे जांच का विषय माना।

उन्होंने कहा कि पहले दो मैचों में अश्विन को जगह ना मिलना काफी गलत रहा। उनके ऊपर वरुण चक्रवर्ती को खिलाया गया। अश्विन के रिकॉर्ड को देखते हुए उन्हें बाहर रखने का कोई तुक नहीं बनता।

वेंगसरकर ने यह भी कहा कि अश्विन को मैच दर मैच बैंच पर जो बैठाया जा रहा है वह जांच का विषय है। 600 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय विकेट लेने के बाद और सबसे अनुभवी होने के बाद उनको नहीं खिलाया जा रहा है।

उन्होंने इस दौरान इंग्लैंड सीरीज का भी जिक्र किया। वेंगसरकर ने कहा कि इंग्लैंड सीरीज के दौरान भी उनको एक टेस्ट में भी मौका नहीं दिया गया था। अगर उनको मैदान पर खिलाना ही नहीं था तो दल में क्यों शामिल किया गया।

पूरे इंग्लैंड दौरे में पवैलियन में बैठे रहे अश्विन

आर अश्विन पूरे इंग्लैंड दौरे में पवैलियन में बैठे रहे और एक टेस्ट में भी भारतीय टीम का हिस्सा नहीं बने थे। इस कारण विराट कोहली की भी आलोचना हुई थी कि टेस्ट का दूसरा सर्वेश्रेष्ठ गेंदबाज (रैंकिंग के आधार पर) बाहर क्यों बैठा हुआ है। खासकर हैडिंग्ले और फिर ओवल में उनके टीम में शामिल ना किए जाने पर फैंस खासा नाराज हुए थे। हालांकि भारत अश्विन की गैरमौजूदगी में भी चौथा टेस्ट जीतने मे कामयाब हुआ था और सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाई थी।

4 साल बाद हुई टी-20 टीम में वापसी, वो भी विश्वकप में

अश्विन की चार साल बाद सीमित ओवरों की टीम में वापसी हुई है। उन्होंने सीमित ओवरों का अपना आखिरी मैच नौ जुलाई 2017 को खेला था। अश्विन आखिरी बार टी 20 में जुलाई 2017 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ खेले थे। उन्होंने 46 टी20 मैचों में 52 विकेट लिये हैं। यह फैसला काफी चौंकाने वाला था क्योंकि न केवल टी-20 बल्कि अश्विन को सीधे विश्वकप की टीम में शामिल किया गया था।

टी-20 विश्वकप की शुरुआत में अश्विन के बारे में यह कहा था कप्तान कोहली ने

कप्तान ने टूर्नामेंट शुरु होने से पहले अश्विन के बारे में कहा था, "रविचंद्रन अश्विन को अपने कौशल में विश्वास है और हमने महसूस किया है कि वह जिस तरह से गेंदबाज़ी कर रहे थे, उनकी विविधताएं और गति पर नियंत्रण कुछ ऐसा है जो हमें बहुत अनुभव दे सकता है। एक ऐसा व्यक्ति जिन्होंने इतना अंतर्राष्ट्रीय खेला है, अब जब उनका आत्मविश्वास सबसे अच्छा है, तो ऐसे खिलाड़ियों की हमें यहां पर जरूरत है। ऐसे में मुझे लगता है कि अश्विन अपने सफेद गेंद के कौशल को पूरी तरह से पुनर्जीवित करने के लिए सम्मान के पात्र हैं।"
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