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Last Updated : रविवार, 1 जून 2025 (11:39 IST)

मई के अंत में ट्रंप टैरिफ ने फिर बढ़ाई अनिश्चितता, क्या है निवेशकों को जून से उम्मीद?

मई के आखिरी हफ्ते में भी शेयर बाजार से निराश हुए निवेशक, 5 में 3 दिन मुनाफावसूली

market ki baat
Share market review: 2025 के पहले 5 माह निवेशकों के लिए निराशाजनक रहे हैं। मई के आखिरी हफ्ते में भी शेयर बाजार में अनिश्चितता की स्थिति बनी रही। भारत और पाकिस्तान के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। ट्रंप टैरिफ का भूत एक बार फिर लौटता दिखाई दे रहा है।

चीन और अमेरिका में ठनती नजर आ रही है। रूस और यूक्रेन तनाव बढ़ गया है तो इजराइल भी ईरान और अमेरिकी की बढ़ती नजदीकियों से परेशान है। भारत के चौथे नंबर की अर्थव्यवस्था बनने की खबर ही बाजार के लिए सकारात्मक कही जा सकती है। इस वजह से निवेशक एक बार फिर संशय की स्थिति में दिखाई दे रहे हैं। जानिए आने वाले हफ्ते में कैसा रहेगा मार्केट ट्रैंड और क्या करें निवेशक?
 
कैसी रही सेंसेक्स और निफ्टी की चाल : भारतीय शेयर बाजार के लिए हफ्ते की शुरुआत बेहद जबरदस्त रही। भारत के दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने और यूरोपीय संघ पर लगाए गए अमेरिका के 50 प्रतिशत सीमा शुल्क को टालने की खबर से सोमवार को सेंसेक्स 455 अंक चढ़ गया। निफ्टी भी 148 अंक की बढ़त में रहा। मंगलवार को बाजार में जमकर मुनाफा वसूली हुई। सेंसेक्स 625 अंक टूटकर 81552 अंक पर पहुंच गया तो निफ्टी 175 अंक के नुकसान से 24826 बंद हुआ।

बुधवार को भी गिरावट का दौर जारी रहा। इस दिन के अंत में सेंसेक्स 239 अंक टूटकर 81,312 अंक पर और निफ्टी 73.75 अंक के नुकसान से 24,752 अंक पर था। गुरुवार को जवाबी शुल्क पर अमेरिकी अदालत की रोक के बाद शेयर बाजार में तेजी आई। सेंसेक्स 320.70 अंक बढ़कर 81,633.02, निफ्टी 81 अंक की तेजी के साथ 24,834 अंक पर बंद हुआ। शुक्रवार को भी बाजार में मुनाफा वसूली हुई और सेंसेक्स 182 अंक गिरकर 81,451 अंक पर बंद हुआ, निफ्टी भी 83 अंक घटकर 24,751 अंक पर रहा।

एफपीआई का भारतीय शेयर बाजार पर भरोसा कायम है। अनुकूल आर्थिक संकेतकों तथा मजबूत घरेलू बुनियाद के चलते एफपीआई ने मई में भारतीय शेयरों में 19,860 करोड़ रुपए का निवेश किया है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में एफपीआई ने शेयरों में 4,223 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया था।
 
इन फैक्टर्स ने बाजार पर डाला असर :  भारत के चौथे नंबर की अर्थव्यवस्था बनने से निवेशकों में जा उत्साह का संचार हुआ था। मानसून के समय से पहले आने और भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से सरकार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए रिकॉर्ड 2.69 लाख करोड़ रुपये का लाभांश देने की घोषणा ने भी निवेशकों में उम्मीद जगाई। हालांकि अंतरराष्‍ट्रीय स्तर पर आ रही बड़ी 
 
खबरों ने निवेशकों को निराश किया। बीएटी पीएलसी ने थोक सौदे के जरिये ITC की 12,927 करोड़ रुपए( में समूह में 2.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची। कुल मिलाकर FII और DII ही मिलकर बाजार को चला रहे हैं। बाजार में निवेशकों का ट्रस्ट नहीं बन पा रहा है। कंपनियों के रिजल्ट्स कुछ शेयरों को गति रहे हैं।
 
पिछले हफ्ते की तरह ही इस हफ्ते में 2 दिन ही बाजार सकारात्मक रहा। 3 दिन बाजार में गिरावट का माहौल दिखाई दिया। 5 कारोबारी दिनों में सेंसेक्स में मात्र 270 अंकों की गिरावट हुई। इसी तरह निफ्टी में भी मात्र 103 अंकों की गिरावट दर्ज की गई। कुल मिलाकर पूरे हफ्ते बाजार सिमित दायरे में रहा। बाजार में इस समय 2 धारणाएं काम कर रही है। कुछ लोगों का मानना है कि बाजार ऊपर जाने से पहले एक बार फिर गिरेगा। हालांकि कई लोग यह भी मानते हैं कि अनिश्चितता के बादल जल्द ही छटेंगे और बाजार जल्द ही नई ऊंचाई पर पहुंचेगा। 
 
क्या कहते हैं विशेषज्ञ : बाजार विशेषज्ञ सागर अग्रवाल ने बताया कि ट्रंप की ट्रेड पॉलिसी की वजह से भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के बाजार में अस्थिरता बनी हुई है। लोवर कोर्ट ने ट्रंप के टैरिफ को निरस्त कर दिया था। हालांकि उन्होंने उच्च अदालत में अपील कर इस आदेश को रोक लगवा दी। ट्रंप अब टैरिफ को लेकर नई पॉलिसी लाने की तैयारी कर रहे हैं। इसी अनिश्चितता की वजह से दिग्गज कारोबारी एलन मस्क ने भी ट्रंप का साथ छोड़ दिया। वर्ल्ड इकोनोमी, व्यापार, कमोडिटी शेयर बाजार सभी इस वजह से हिले हुए हैं। 
 
अग्रवाल ने भारत की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाली खबर को भी जुमला बताया। उन्होंने कहा कि प्रति वर्ष प्रति व्यक्ति आय के मामले में हम अभी भी 39वें नंबर पर है। जापान में हर व्यक्ति सक्षम है। अगर हमारे यहां प्रति व्यक्ति आय बढ़े तो बात अलग होगी। 
 
अस्वीकरण : यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। यह कोई निवेश सलाह नहीं है। किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें।