India Share market weekly review : भारत पाकिस्तान संघर्ष विराम और अमेरिकी चीन ट्रेड डील जैसी बड़ी सकारात्मक खबरों ने मई के दूसरे हफ्ते में शेयर बाजार निवेशकों में उत्साह का संचार किया। यही वजह थी कि 5 में से 2 कारोबारी दिन सेंसेक्स और निफ्टी ने ऊंची उड़ान भरी। हालांकि भारत ने साफ कर दिया है कि ऑपरेशन सिंदूर जारी है। ऐसे में अब लोगों के जेहन में सवाल उठ रहा है कि क्या बाजार में अनिश्चितता का दौर खत्म हो गया है। आने वाले हफ्ते में कैसा रहेगा मार्केट ट्रैंड और क्या करें निवेशक?
कैसी रही सेंसेक्स और निफ्टी की चाल : शेयर बाजार के लिए हफ्ते की शुरुआत जबरदस्त रही। बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स 2,975.43 अंक यानी 3.74 प्रतिशत उछलकर 82,429.90 अंक पर बंद हुआ। जबकि एनएसई निफ्टी ने 916.70 अंक की बड़ी छलांग लगाई। चौतरफा लिवाली से निवेशक हुए मालामाल, एक ही दिन में पूंजी 16.15 लाख करोड़ रुपए बढ़ गई। मंगलवार को सेंसेक्स 1,281.68 अंक टूटकर 81,148.22 अंक पर आ गया जबकि निफ्टी 346.35 अंक के नुकसान से 24,578.35 अंक पर जा पहुंचा।
बुधवार को सेंसेक्स 182.34 अंक की बढ़त के साथ 81,330.56 अंक पर था तो निफ्टी भी 88.55 अंक के लाभ से 24,666.90 अंक पर जा पहुंचा। गुरुवार को एक बार फिर शेयर बाजार में भारी तेजी दिखाई दी। सेंसेक्स 1,200.18 अंक उछलकर 82,530.74 अंक पर बंद, निफ्टी भी 395.20 अंक चढ़कर 25,062.10 अंक पर रहा। यह 7 माह में सेंसेक्स और निफ्टी का सर्वोच्च स्तर था। शुक्रवार को हफ्ते के आखिरी बाजार में निवेशकों ने मुनाफा वसूली की। बीएसई सेंसेक्स 200.15 अंक टूटकर 82,330.59, निफ्टी 42.30 अंक फिसलकर 25,019.80 अंक पर बंद हुआ। इस तरह मात्र 5 कारोबारी दिनों सेंसेक्स में 2875 अंकों का उछाल आ गया। निफ्टी में भी 1010 अंकों की भारी बढ़त दिखाई दी।
इन फैक्टर्स ने बाजार पर डाला असर : भारत पाकिस्तान संघर्ष विराम और अमेरिका चीन ट्रेड डील से निवेशकों ने राहत की सांस ली। अमेरिका और चीन ने एक-दूसरे पर लगाए ऊंचे सीमा शुल्क को 90 दिन के लिए निलंबित करने की घोषणा की है। अमेरिका ने चीनी वस्तुओं पर शुल्क को 145 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत करने पर सहमति जताई है जबकि चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क को 125 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करने की घोषणा की।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित मुद्रास्फीति 3.16 प्रतिशत रही, जो जुलाई, 2019 के बाद का सबसे निचला स्तर है। धातु तथा औद्योगिक शेयरों में लिवाली तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों के पूंजी प्रवाह से भी बाजार को समर्थन मिला। विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी ने भारतीय शेयर बाजारों को और मजबूती दी और यह 7 माह के उच्चतम स्तर तक पहुंच गया। हालांकि हफ्ते के आखिरी दिन निवेशकों की मुनाफा वसूली से बाजार में आंशिक गिरावट रही।
इन सेक्टर्स में दिखा उछाल : कारोबारी धारणा में तेजी से सुधार की उम्मीदों से आईटी, धातु, रियल्टी, बैंक और प्रौद्योगिकी शेयरों में इस हफ्ते काफी उछाल दिखाई दिया। पिछले हफ्ते की तरह ही इस बार भी ड्रोन विनिर्माताओं, मिसाइल और संबद्ध उपकरणों के विनिर्माताओं समेत रक्षा क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों के शेयर में पूरे हफ्ते तेजी रही। बीएसई पर पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज, डाटा पैटर्न्स, एस्ट्रा माइक्रोवेव प्रोडक्ट्स, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, मिश्र धातु निगम, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स तथा भारत डायनेमिक्स के साथ ही ड्रोन विनिर्माता कंपनी ड्रोनाचार्य एरियल इनोवेशन के शेयर में भी तेजी रही।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ : बाजार विशेषज्ञ मनीष उपाध्याय ने बताया कि भारतीय शेयर बाजार के लिए पिछला हफ्ता पैनिक दूर करने वाला रहा। बाजार में एक बार फिर चमक लौट आई है। चीन अमेरिका के बीच ट्रेड वार थमने और भारत पाकिस्तान के बीच सीजफायर ने निवेशकों में उत्साह का संचार किया। विदेश निवेशक ने इस हफ्ते बाजार में अच्छी लेवाली की। डीआईआई भी इस हफ्ते खरीदार बने रहे।
उपाध्याय ने कहा कि बाजार में इस हफ्ते में तेजी का दौर बना रहेगा और निफ्टी के जल्द ही 25500 से 26000 तक पहुंचने की संभावना है। उन्होंने कहा कि अगर कोई आकस्मिक घटना होती है तो निफ्टी एक बार फिर गिरकर 24500 तक आ सकता है। आने वाले दिनों में पीओसी, ऑटो सेक्टर के शेयरों में तेजी रहने के आसार है। बैंकिंग सेक्टर के शेयरों में भी बढ़त दिखाई दे सकती है।
बाजार विशेषज्ञ सागर अग्रवाल ने कहा कि फिलहाल की स्थिति में बाजार से निश्चितता का दौर खत्म होता दिखाई दे रहा है। अगर अमेरिका और पाकिस्तान दोनों ही अपनी बातों पर कायम रहते हैं तो बाजार सकारात्मक दिशा में जाएगा। अगर अमेरिकी राष्ट्पति ट्रंप या पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ में से कोई भी एक अपनी बात से पीछे हटता है तो फिर ट्रेड वॉर या युद्ध की स्थिति बन सकती है। ऐसी स्थिति में बाजार एक बार फिर नकारात्मक दिशा में जा सकता है।
हालांकि बाजार से जुड़े कई लोगों का मानना है कि चीन, सिंगापुर और हांगकांग से कोरोना वायरस को लेकर आ रही खबरें चिंताजनक है। 4 मई तक पांच हफ्तों में वहां टेस्ट पॉजिटिविटी दर दोगुनी से भी ज्यादा हो चुकी है। भारी संख्या में लोग अस्पतालों और क्लीनिकों में पहुंच रहे हैं, उनमें कोरोना के लक्षण मिल रहे हैं। आने वाले समय में दुनियाभर के शेयर बाजारों पर भी इसका नकारात्मक अगर पड़ सकता है। भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर अगले हफ्ते होने वाली चर्चा पर भी निवेशकों की नजरें लगी हुई है।
अस्वीकरण : यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। यह कोई निवेश सलाह नहीं है। किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें।