जगदीप धनखड़ : प्रोफाइल
Jagdeep Dhankhar Hindi Profile : एक समय राजस्थान की सियासत का चर्चित चेहरा रहे जगदीप धनखड़ कानून, सियासत, सियासी दांवपेंच और हर पार्टी के अंदर अपने संबंधों की महारत के लिए जाने जाते हैं। राजस्थान में जाटों को आरक्षण दिलाने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। जगदीप धनखड़ देश के पूर्व उपराष्ट्रपति हैं। 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य का कारण बताते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यह अभी तक का पहला मामला है जब उपराष्ट्रपति ने इस्तीफा दिया है। धनखड़ का कार्यकाल 2027 तक था।
जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 को जाट परिवार में राजस्थान के झुंझुनूं जिले के किठाना गांव में हुआ। वे उच्चतम न्यायालय के जानेमाने वकील और राजनेता हैं। जयपुर में राजस्थान विश्वविद्यालय से बीएससी और एलएलबी की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने जयपुर में राजस्थान हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की और 1996 में राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए।
राजस्थान में जाटों को आरक्षण दिलाने में भी उनकी अहम भूमिका रही है। धनखड़ को ऐसे समय पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया है, जब टीएमसी और बीजेपी में तनाव चरम पर रहा। वे राजस्थान की जाट बिरादरी आते हैं। इस समुदाय में धनखड़ की अच्छी खासी साख है।
झुंझुनूं धनखड़ की जन्मभूमि के साथ कर्मभूमि भी रही। झुंझुनूं से साल 1989 से 1991 तक वे जनता दल से सांसद रहे। वे 21 अप्रैल 1990 से 5 नवंबर 1990 तक केंद्रीय मंत्री रहे। हालांकि बाद में उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। अजमेर से कांग्रेस के टिकट पर वे लोकसभा चुनाव हार गए थे, फिर 2003 में वे भाजपा में शामिल हो गए और अजमेर के ही किशनगढ़ से विधायक चुने गए।
21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य का कारण बताते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यह अभी तक का पहला मामला है जब उपराष्ट्रपति ने इस्तीफा दिया है। धनखड़ का कार्यकाल 2027 तक था। जगदीप धनखड़ ने 2022 में 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। 6 अगस्त 2022 को हुए उपराष्ट्रपति के चुनाव में धनखड़ ने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया था।
Edited By : Chetan Gour