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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली (भाषा) , सोमवार, 29 जून 2009 (18:58 IST)

ओलम्पियन सुशील कुमार को स्वर्ण

Sushil kumar won Gold Medal | ओलम्पियन सुशील कुमार को स्वर्ण
बीजिंग ओलिम्पिक खेलों में 56 सालों के बाद भारत को कुश्ती में पदक दिलाने वाले महाबली सतपाल के शिष्य सुशील कुमार ने एक बार फिर शानदार प्रदर्शन करते हुए जर्मन ग्राँप्री अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीते। इस प्रतियोगिता में भारत ने दो स्वर्ण सहित पाँच पदक जीते।

भारतीय कुश्ती संघ के प्रवक्ता खलीफा जसराम के अनुसार जर्मनी में 26 से 28 जून तक आयोजित प्रतियोगिता की फ्री स्टाइल शैली में सुशील कुमार (66 किलो) के अलावा राहुल आवरे ने भी (55 किलो) स्वर्ण पदक जीता इसके अलावा राजीव तोमर (120 किलो) ने रजत और रमेश कुमार (74 किलो) काँस्य पदक जीता। ग्रीको रोमन शैली में रविदरसिंह (60 किलो) ने काँस्य पदक जीता।

भारत के दस पहलवानों के दल ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया था, जिसमें पाँच ने कोई ने कोई पदक जीता है। सुशील के गुरु और 1982 के नई दिल्ली में आयोजित एशियाई खेलों की कुश्ती प्रतियोगिता में देश के लिए एकमात्र स्वर्ण पदक जीत चुके महाबली सतपाल ने सुशील के पदक जीतने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह तो रिहर्सल है। अभी जितनी तैयारी हम उसे करा रहे उस हिसाब से उसे अभी अगले साल राष्ट्रमंडल खेलों और फिर लंदन ओलिम्पिक में भारत के स्वर्ण पदक जीतना है।

सतपाल ने कहा कि जर्मन ग्राँप्री विश्व स्तर की कुश्ती प्रतियोगिता है और वह (सुशील) उसी हिसाब से आगे बढ़ रहा है जिस तरह से ओलिम्पिक के लिए हम उसकी तैयारी करा रहे हैं। सुशील ने इस प्रतियोगिता के पहले दौर में बेल्जियम के पहलवान को चित करके अगले दौर में प्रवेश किया। इसके बाद लगातार जर्मनी और उज्बेकिस्तान के पहलवालों को हराकर फाइनल में प्रवेश किया, जहाँ उसका मुकाबला बेलारूस के पहलवान से हुआ, जिसे उसने 4-0 हरा दिया।

सुशील के निजी कोच यशवीर ने इस धारणा को गलत बताया कि ओलिम्पिक पदक जीतने के बाद मिले भारी इनामों के बाद इस पहलवान ने अपने अभ्यास कार्यक्रम को ढीला कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह लंदन ओलिम्पिक का स्वर्ण पदक जीतने के लिए मेहनत कर रहा है और वह उसी तरह से अभ्यास कर रहा है, जिस तरह से बीजिंग ओलिम्पिक खेलों से पहले किया करता था।