PM मोदी बोले- तारीख पे तारीख के दिन खत्म, नए कानूनों से त्वरित न्याय संभव
Narendra Modi on new criminal laws: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को इस बात पर जोर दिया कि नए आपराधिक कानूनों के तहत त्वरित न्याय संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि अपराधियों के लिए तारीख पे तारीख या लंबे समय तक चलने वाले मुकदमे के दिन अब खत्म हो गए हैं। मोदी ने मंगलवार को यहां तीन नए आपराधिक कानूनों के सफल क्रियान्वयन को राष्ट्र को समर्पित किया। उनके साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी थे। मोदी ने कहा कि न्याय संहिता समानता, सद्भाव और सामाजिक न्याय के आदर्शों से बुनी गई है। समय पर न्याय मिलने के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि तारीख पे तारीख के दिन अब खत्म हो चुके हैं।
व्यापक दृष्टिकोण की जरूरत : तारीख पे तारीख फिल्म दामिनी में अभिनेता सनी देओल का एक लोकप्रिय संवाद है, जिसमें वह अदालतों में बार-बार स्थगन की संस्कृति पर अफसोस जताते हैं। अपने भाषण में मोदी ने हमारे दृष्टिकोण को व्यापक बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया ताकि कानून नागरिक सशक्तीकरण का माध्यम बन सके।
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उन्होंने कहा कि ऐसे कई कानून हैं जिन पर चर्चा और विचार-विमर्श का अभाव है। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 और तीन तलाक को हटाने पर काफी चर्चा हुई। मोदी ने कहा कि इन दिनों वक्फ बोर्ड से जुड़े कानून पर बहस चल रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नागरिकों की गरिमा और आत्मसम्मान बढ़ाने के लिए बनाए गए कानूनों को भी समान महत्व दिए जाने की जरूरत है।
समय पर न्याय जरूरी : इस बीच, मोदी ने कहा कि न्याय की कसौटी समय पर न्याय प्रदान करना है। उन्होंने नए कानूनों के तहत समय पर न्याय सुनिश्चित करने की ओर इशारा करते हुए कहा कि हम सुनते आ रहे हैं कि न्याय में देरी होती है, न्याय नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि किसी विशेष मामले में प्रत्येक कदम के लिए समय-सीमा निर्धारित की गई है।
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मोदी ने चंडीगढ़ में वाहन चोरी के एक मामले में एक आरोपी को महज दो महीने में सजा मिलने का उदाहरण दिया। दिल्ली के एक मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्राथमिकी दर्ज होने के 60 दिन बाद ही एक आरोपी को 20 साल की सजा हो गई। मोदी ने बिहार का उदाहरण भी दिया जहां एक हत्या के मामले में आरोपी को 14 दिन में आजीवन कारावास की सजा मिली।
उन्होंने आगे आग्रह किया कि इन फैसलों पर देश में यथासंभव चर्चा होनी चाहिए ताकि हर भारतीय को पता चले कि न्याय के प्रति उसकी शक्ति कैसे बढ़ी है। उन्होंने कहा कि ऐसे फैसलों से अपराधियों को अब पता चल जाएगा कि तारीख पर तारीख के दिन खत्म हो गए हैं। उन्होंने कहा कि कानून को नागरिकों के सशक्तीकरण का माध्यम बनना चाहिए और इसके लिए हम सभी को व्यापक दृष्टिकोण रखना चाहिए।
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अब जीरो पर एफआईआर : मोदी ने कहा कि मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि यहां कुछ कानूनों पर काफी चर्चा हो रही है और चर्चा होनी भी चाहिए, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण कानून चर्चा से दूर रह गए हैं। उन्होंने कहा कि जब अनुच्छेद 370 हटाया गया तो इस पर काफी चर्चा हुई। इसी तरह, जब तीन तलाक पर कानून आया तो भी चर्चा हुई। इन दिनों वक्फ बोर्ड से जुड़े कानून पर चर्चा हो रही है।
उन्होंने कहा कि हमें उन कानूनों को भी उतना ही महत्व देना चाहिए जो लोगों की गरिमा और आत्मसम्मान बढ़ाने के लिए बनाए गए हैं। औपनिवेशिक कानूनों के बारे में बात करते हुए मोदी ने कहा कि पहले प्राथमिकी दर्ज करवाना भी बहुत मुश्किल था। उन्होंने कहा कि लेकिन अब जीरो प्राथमिकी को कानूनी रूप दे दिया गया है। कोई भी कहीं से भी मामला दर्ज करवा सकता है। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala