लंदन। अनुभवी फॉरवर्ड रानी की अगुवाई में भारतीय महिला, हॉकी महिला विश्व कप हॉकी टूर्नामेंट में शनिवार को होने वाले पहले मुकाबले में मेजबान, विश्व की दूसरे नंबर की टीम और ओलंपिक चैंपियन इंग्लैंड से भिड़ेगी और विश्व कप के 44 सालों के इतिहास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करेगी।
टूर्नामेंट में भारत दुनिया की दूसरे नंबर की टीम इंग्लैंड, 7वें नंबर की अमेरिका और 16वीं रैंकिंग के आयरलैंड के साथ ग्रुप बी में है। भारत विश्व रैंकिंग में 10वें स्थान पर है। भारत का पहला मुकाबला ही ओलंपिक चैंपियन इंग्लैंड से है। इंग्लैंड ने भारत को राष्ट्रमंडल खेलों के कांस्य पदक मुकाबले में हराया था।
पिछले 8 वर्षों में यह पहला मौका है, जब भारतीय टीम विश्व कप में हिस्सा लेगी। भारतीय टीम विश्व कप में 7वीं बार खेलने उतर रही है और उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1974 के विश्व कप में चौथा स्थान रहा है। भारत ने अब तक 6 बार विश्व कप में हिस्सा लिया है जिसमें उसने 9 मैच जीते हैं, 27 हारे हैं और 3 ड्रॉ खेले हैं। भारत ने इन मैचों में 48 गोल किए हैं और 87 गोल खाए हैं।
भारतीय टीम में सिर्फ रानी और दीपिका को ही विश्व कप में खेलने का अनुभव है जबकि बाकी खिलाड़ी पहली बार विश्व कप खेलेंगी। हालांकि टीम में कई खिलाड़ियों को 100 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का अनुभव है।
10वें नंबर की भारतीय टीम से हालांकि बहुत ज्यादा उम्मीदें नहीं लगाई जा रही हैं लेकिन भारतीय टीम के पास यह टूर्नामेंट एक ऐसा सुनहरा मौका है जिससे वह 18 अगस्त से इंडोनेशिया में होने वाले एशियाई खेलों के लिए अपनी तैयारियों को मजबूत कर सकती है। एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक भारतीय टीम को सीधे टोकियो ओलंपिक का टिकट दिला सकता है।
भारतीय टीम ने पिछले 1 वर्ष में अपने प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार किया है और वह विश्व रैंकिंग में एशियाई देशों में दक्षिण कोरिया (9) और चीन (8) से पीछे है। भारतीय टीम इस साल राष्ट्रमंडल खेलों में इंग्लैंड से हारकर चौथे स्थान पर रही थी।
भारतीय टीम यदि 1974 के चौथे स्थान के अपने प्रदर्शन में सुधार कर पाए तो यह किसी चमत्कार से कम नहीं होगा लेकिन भारतीय टीम अपने लिए क्वार्टर फाइनल को एकमात्र लक्ष्य बनाकर चल रही है। भारतीय टीम को राष्ट्रमंडल खेलों के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा था जबकि कांस्य पदक के मुकाबले में उसे इंग्लैंड ने 6-0 से हराया था।
भारतीय टीम 1978 में 7वें, 1983 में 11वें, 1998 में 12वें, 2006 में 11वें और 2010 में नौवें स्थान पर रही थी। हालांकि इसके बाद भारतीय टीम ने अपने खेल में सुधार दिखाया है और 2013 में जूनियर महिला विश्व कप में कांस्य पदक, 2016 एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में स्वर्ण पदक और 2017 एशिया कप में खिताब इस बात का प्रमाण है कि भारतीय टीम इस बार 8 साल पहले के नौवें स्थान को पीछे छोड़ सकती है।
भारतीय टीम में 16 खिलाड़ी ऐसी हैं, जो पहली बार विश्व कप खेलेंगी और उनके लिए यह विश्व कप सपना पूरे होने जैसा मौका होगा जिसे वे यादगार बनाना चाहेंगी।
विश्व कप की टीम- गोलकीपर : सविता (उपकप्तान), रजनी इतिमर्पू। डिफेंडर : सुनीता लाकड़ा, दीप ग्रेस इक्का, दीपिका, गुरजीत कौर, रीना खोखर। मिडफील्डर : नमिता टोप्पो, लीलिमा मिंज, मोनिका, नेहा गोयल, नवजोत कौर, निक्की प्रधान। फॉरवर्ड : रानी (कप्तान), वंदना कटारिया, नवनीत कौर, लालरेमसियामी, उदिता। (वार्ता)