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Last Updated : सोमवार, 10 जुलाई 2023 (14:37 IST)

ऐसे गत विजेता को हराकर लक्ष्य सेन ने जीता कनाडा ओपन (Video Highlights)

ऐसे गत विजेता को हराकर लक्ष्य सेन ने जीता कनाडा ओपन (Video Highlights) - Sensational Lakshya Sen seals Canada Open title beats All England champion Feng
भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी Lakshya Sen लक्ष्य सेन ने  Canada Open कनाडा ओपन के फाइनल में चीन के ली शी फेंग पर सीधे गेम में जीत के साथ अपना दूसरा BWF (विश्व बैडमिंटन महासंघ) सुपर 500 खिताब हासिल किया।

इस 21 साल के खिलाड़ी ने 2022 इंडिया ओपन में अपना पहला सुपर 500 खिताब जीता था। सेन ने अविश्वसनीय गति और कौशल के मिश्रण से रविवार को यहां   फाइनल में  मौजूदा ऑल इंग्लैंड चैंपियन फेंग को 21-18 22-20 से हराया।

इस जीत के बाद सेन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ ओलंपिक क्वालीफिकेशन वर्ष में यह कठिन था क्योंकि चीजें मेरे अनुरूप नहीं थीं। इसलिए इस जीत मेरे आत्मविश्वास को बहुत बढ़ेगा।’सेन ने कहा, "मुझे कुछ मैचों में अपना पूरा दमखम लगाना पड़ा। यहां की परिस्थितियां अलग थीं और इसका आदी होना महत्वपूर्ण था।’’
पिछले साल अगस्त में राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के बाद सेन का यह पहला खिताब था। वह इस साल एकल चैम्पियन बनने वाले देश के दूसरे खिलाड़ी है। इससे पहले मई में एच प्रणय ने मलेशिया मास्टर्स में जीत का परचम लहराया था।

सेन ने इस मुकाबले में अपने मजबूत जज्बे का परिचय देते हुए दूसरे गेम में चार गेम प्वाइंट बचाकर चैंपियनशिप प्वाइंट को अपने नाम किया। वह दमदार स्पैम लगाकर चैम्पियनशिप अंक हासिल करने के बाद जश्न मनाते हुए कोर्ट पर लेट गये।

सेन ने कहा, ‘‘यह मेरे लिए एक अद्भुत सप्ताह रहा है। जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ा, मैं बेहतर होता गया, मैं परिस्थितियों का आदी हो गया और कल और  आज (सेमीफाइनल और फाइनल) मेरी रणनीति कारगर रही।  मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं।’’

दोनों खिलाड़ियों ने इस मुकाबले में नेट की दोनों ओर से तेज गति की कुछ असाधारण रैली खेलीं लेकिन आखिर में चीन के खिलाड़ी के खिलाफ  सेन भारी पड़े। दोनों खिलाड़ियों के बीच यह 12वां मुकाबला था जिसमें सेन सात बार सफल रहे।

यह जीत सेन के आत्मविश्वास के लिए काफी जरूरी थी। वह सत्र की शुरुआत में अपनी फॉर्म पाने के लिए संघर्ष करने के बाद रैंकिंग में 19वें नंबर पर खिसक गए थे।विश्व रैंकिंग में पूर्व में छठे स्थान पर रहे सेन 2021 ने विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। पिछले अगस्त में विश्व चैंपियनशिप के बाद उनके नाक की सर्जरी हुई थी। इस उपचार से उन्हें उबरने में काफी समय लगा।

सेने ने विश्व रैंकिंग में 10वें स्थान पर काबिज खिलाड़ी के खिलाफ नेट का शानदार इस्तेमाल करते हुए शुरुआती गेम में 6-2 की बढ़त हासिल की।दोनों ने इसके बाद काफी तेज गति के स्पैम लगाये। फेंग ने 390 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से स्पैम लगाया तो वही सेन के कई स्पैम की गति 400 किलोमीटर प्रतिघंटे से अधिक थी।

पहले गेम के मध्यांतर में सेन के पास तीन अंक की बढ़त थी। सेन ने इस बढ़त को 15-12 तक पहुंचाया लेकिन फेंग ने वापसी कर स्कोर को 15-15 कर दिया।सेन ने एक बार फिर बढ़त हासिल की और तीन गेम प्वाइंट हासिल किया। उन्होंने शटल को फेंग के सिर के पास खेल कर पहला गेम अपने नाम किया।
दूसरे गेम में सेन ने बढ़त हासिल की लेकिन चीन के खिलाड़ी ने अपने मौका का इंतजार किया और स्कोर को 5-5 कर दिया। मध्यांतर के समय फेंग के पास चार अंक की बढ़त थी।फेंग नेट पर सेन से भारी पड़ रहे थे लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने अपनी रणनीति को बदलकर गेम में वापसी की। वह स्कोर को 13-14 करने में सफल रहे।

चीन के खिलाड़ी ने एक बार फिर से चार अंक की बढ़त हासिल कर ली लेकिन सेन ने धैर्य बनाये रखा और शटल को दमदार तरीके से फेंग के शरीर पर खेलने लगे। भारतीय खिलाड़ी को इसका फायदा हुआ। उन्होंने स्कोर बराबर करने के बाद लगातार दो अंक हासिल कर दूसरा गेम और मुकाबला जीत लिया।सेन ने कहा, ‘‘ वह (ली) एक कठिन प्रतिद्वंद्वी है, हमेशा उसके खिलाफ मुकाबला हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है। मैं नेट पर हावी था और वह भी आक्रमण कर रहा था। लेकिन मैं महत्वपूर्ण अंक जीतने में कामयाब रहा।’’(भाषा)
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