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Last Modified: सोमवार, 1 मई 2023 (13:49 IST)

कौन हैं दिनेश खन्ना जिनका 58 साल पुराना इंतजार खत्म किया चिराग और सात्विकसाईंराज ने

कौन हैं दिनेश खन्ना जिनका 58 साल पुराना इंतजार खत्म किया चिराग और सात्विकसाईंराज ने - Satviksairaj and Chirag Shetty ended 58 year long victory draught
दुबई: पिछले पांच दशक से दिनेश खन्ना को एशियाई बैडमिंटन चैम्पियनशिप में किसी भारतीय के स्वर्ण पदक जीतने का इंतजार था और वह टीवी स्क्रीन पर नजरें गड़ाये रहते थे और अब सात्विक साइराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने उनकी बरसों की मुराद पूरी कर दी ।खन्ना ने 1965 में एशियाई चैम्पियनशिप में पुरूष एकल में स्वर्ण पदक जीता था लेकिन उसके बाद 58 साल तक कोई भारतीय इसमें खिताब नहीं जीत सका।खन्ना ने कहा ,‘‘ जब भी एशियाई चैम्पियनशिप होती थी तो मैं इस उम्मीद में हर मैच देखता था कि हमारा कोई खिलाड़ी तो खिताब जीतेगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ मैं बहुत खुश हूं कि चिराग और सात्विक ने खिताब जीता और हमें गौरवान्वित किया क्योंकि एशियाई चैम्पियनशिप विश्व चैम्पियनशिप ही है। यह भारत के लिये बड़ा पल है और मेरा बरसों का इंतजार खत्म हुआ। उम्मीद है कि यह सिलसिला जारी रहेगा।’’

सात्विक और चिराग पुरूष युगल में एशियाई चैम्पियन बने

सात्विक साइराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने 58 साल का इंतजार खत्म करते हुए एशियाई बैडमिंटन चैम्पियनशिप में भारत को पुरूष युगल में स्वर्ण पदक दिलाया।विश्व चैम्पियनशिप 2022 कांस्य पदक विजेता जोड़ी ने पहला गेम हारने के बाद शानदार वापसी करते हुए मलेशिया के ओंग यू सिन और तियो ई यि को 16 . 21, 21 . 17, 21 . 19 से हराया।

इससे पहले इस चैम्पियनशिप में भारत के लिये स्वर्ण सिर्फ दिनेश खन्ना ने जीता था जब उन्होंने 1965 में लखनऊ में थाईलैंड के सांगोब रत्तनुसोर्न को पुरूष एकल फाइनल में हराया था।इससे पहले इस चैम्पियनशिप में भारतीय पुरूष युगल टीम का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कांस्य पदक रहा है जो 1971 में दीपू घोष और रमन घोष ने जीता था।

बासेल में स्विस ओपन सुपर 300 खिताब जीतने वाले सात्विक और चिराग ने पहला गेम गंवाने के बावजूद जुझारूपन नहीं छोड़ा और दूसरे गेम में 7 . 13 से तथा तीसरे गेम में 11 . 15 से पिछड़ने के बाद वापसी की।इस जोड़ी का यह सत्र का दूसरा खिताब है। उन्होंने पिछले साल राष्ट्रमंडल खेल और बीडब्ल्यूएफ टूर पर पांच कैरियर खिताब जीते थे।
चिराग ने कहा ,‘‘ मैं सातवें आसमान पर हूं। मैने और सात्विक ने इस पदक के लिये काफी मेहनत की थी । मुझे खुशी है कि हमने खिताब जीता । मैं सभी को धन्यवाद देना चाहूंगा जिन्होंने हमारी हौसलाअफजाई की।’’सात्विक ने कहा ,‘‘ पहली बार यह टूर्नामेंट जीतकर अच्छा लग रहा है। मुझे यकीन है कि भविष्य में और खिताब जीतेंगे । भारत का परचम लहराने के लिये मेहनत करते रहेंगे।’’

अमलापुरम के 22 वर्ष के सात्विक और मुंबई के 25 वर्ष के चिराग ने बेहद आक्रामक खेल दिखाया । पहला गेम बराबरी का था जिसमें मलेशियाई जोड़ी भारी पड़ी। दूसरे गेम में भी मलेशियाई जोड़ी ने बढत बना ली थी। 8 . 13 से पिछड़ने के बाद भारतीय जोड़ी ने वापसी की । तियो की गलती पर सात्विक ने बैकहैंड पर जबर्दस्त स्मैश लगाकर मैच का रूख पलटा।

भारतीय जोड़ी ने 18 . 15 से बढत बना ली । इसके बाद तीन अंक लेकर मैच को निर्णायक गेम में खींचा।निर्णायक गेम में मलेशियाई जोड़ी का तकनीकी कौशल काबिले तारीफ था जिन्होंने 11 . 8 की बढत भी बना ली। भारतीय जोड़ी ने अंतर 14 . 15 का किया और फिर 17 . 16 से आगे हो गए। बैकहैंड पर चिराग के स्मैश पर भारतीय जोड़ी ने मुकाबला अपने नाम किया।
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