58 साल का सूखा किया खत्म, सात्विक-चिराग ने बैडमिंटन एशिया चैंपियनशिप में जीता ऐतिहासिक स्वर्ण
सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की पुरुष युगल जोड़ी ने बैडमिंटन एशिया चैंपियनशिप के फाइनल में रविवार को मलेशिया के ओंग यू सिन और तियो ई यी को हराकर ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीत लिया।
भारतीय जोड़ी ने एक घंटा सात मिनट तक चले रोमांचक खिताबी मुकाबले में कई बार पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए मलेशियाई युगल को 16-21, 21-17, 21-19 से मात दी। सात्विक-चिराग इसके साथ विश्व चैंपियनशिप में युगल स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय भी बन गये।
इस मुकाबले की शुरुआत भारत के पक्ष में नहीं रही और सात्विक-चिराग पहला गेम 16-21 से हार गये। भारतीय जोड़ी दूसरे गेम में भी 7-13 से पिछड़ी हुई थी लेकिन इसके बाद उन्होंने दर्शनीय वापसी की। सात्विक और चिराग ने बैकहैंड एवं स्मैश का बेहतरीन प्रयोग करके स्कोर 12-13 कर लिया। ओंग-तियो ने एक पॉइंट स्कोर किया लेकिन सात्विक-चिराग ने लगातार चार अंक स्कोर करते हुए 16-14 की बढ़त बना ली।
मलेशियाई युगल ने पिछड़ने के बाद कुछ अप्रत्याशित गलतियां भी कीं और भारतीय जोड़ी ने दूसरा गेम 21-17 से जीतकर खिताब हासिल करने की उम्मीदें जिंदा रखीं।
ओंग-तियो ने आखिरी गेम में दमदार शुरुआत की और देखते ही देखते 14-11 की बढ़त बना ली। भारतीय जोड़ी एक बार फिर पिछड़ी हुई थी लेेकिन उन्होंने संयम के साथ जीत की ओर कदम बढ़ाए। ओंग ने एक जोरदार स्मैश मारकर मलेशिया के लिये 15वां पॉइंट बनाया, जिसका जवाब भारतीय युगल ने लगातार तीन पॉइंट स्कोर करके दिया। तियो ने एक बार फिर बॉडी स्मैश से अंक अर्जित किया लेकिन सात्विक-चिराग लगातार तीन पॉइंट बनाकर 18-17 की बढ़त लेने में सफल रहे।
चिराग के दो सटीक प्रहारों की मदद से भारतीय जोड़ी ने 20-17 पर तीन चैंपियनशिप पॉइंट अर्जित कर लिये। मलेशियाई युगल दो पॉइंट बचा सका, लेकिन सात्विक के स्मैश ने भारत को चैंपियनशिप जिता दी।
भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) ने इस ऐतिहासिक जीत के लिये सात्विक-चिराग को 20 लाख रुपये की इनामी राशि से पुरस्कृत करने का फैसला किया है। इससे पहले एशिया चैंपियनशिप में किसी भारतीय पुरुष युगल जोड़ी का पिछला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1971 में आया था जब दीपू घोष और रमन घोष ने कांस्य पदक जीतकर अपना अभियान समाप्त किया था।
(एजेंसी)