सिंधू-श्रीकांत ने बैडमिंटन को बनाया नंबर वन
नई दिल्ली। ओलम्पिक और विश्व चैम्पियशिप की रजत पदक विजेता पीवी सिंधू और किदाम्बी श्रीकांत ने अपनी शानदार कामयाबियों से बैडमिंटन को 2017 में देश का नंबर एक खेल बना दिया। बैडमिंटन पूरे साल चर्चा में बना रहा और इस बात का पूरा श्रेय जाता है सिंधू और श्रीकांत को जिन्होंने पूरे साल विश्व बैडमिंटन में तिरंगा बुलंद रखा।
सिंधू और श्रीकांत इस साल विश्व रैंकिंग में नंबर दो पर भी पहुंचे। सिंधू और श्रीकांत को मुंबई में पहले इंडियन स्पोर्ट्स ऑनर्स में साल के सर्वश्रेष्ठ महिला एवं पुरुष खिलाड़ी का पुरस्कार मिला। श्रीकांत को ओलम्पिक खेल वर्ग में 'गो स्पोर्ट्स एथलीट ऑफ़ द ईयर' का अवॉर्ड भी मिला। सिंधू और श्रीकांत साल के आखिरी दुबई वर्ल्ड सुपर सीरीज फाइनल्स में खेले जो शीर्ष रैंकिंग के आठ खिलाड़ियों का टूर्नामेंट होता है।
इस टूर्नामेंट में हालांकि श्रीकांत अपने तीनों ग्रुप मैच हार गए लेकिन सिंधू ने फाइनल में पहुंच सायना नेहवाल के 2011 में फाइनल में पहुंचने के प्रदर्शन की बराबरी की। सिंधू को फाइनल में जापान अकाने यामागूची से तीन गेमों में हार का सामना करना पड़ा जिन्हें उन्होंने ग्रुप मैच में लगातार गेमों में हराया था। सिंधू ने वर्ल्ड सुपर सीरीज के रजत पदक के अलावा विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतकर सायना की बराबरी की।
इससे पहले उन्होंने गत वर्ष रियो ओलम्पिक में भी रजत पदक जीता था। सिंधू ने सैयद मोदी, इंडिया ओपन और कोरिया ओपन के भी खिताब जीते। वह कोरिया ओपन जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनी। सिंधू को विश्व बैडमिंटन महासंघ के एथलीट आयोग में भी चुना गया। श्रीकांत वर्ल्ड सुपर सीरीज फाइनल्स में हांलांकि एक मैच जीतने में भी कामयाब नहीं हो पाए लेकिन उन्होंने पूरे साल हैरतअंगेज प्रदर्शन किया।
उन्होंने 2017 में पांच सुपर सीरीज टूर्नामेंटों के फाइनल में जगह बनाई और चार में खिताब जीतकर इतिहास रचा। श्रीकांत ने फ्रेंच ओपन, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया और डेनमार्क ओपन में खिताब जीते। वह एक साल में चार या इससे अधिक सुपरसीरीज खिताब जीतने वाले दुनिया के चौथे और भारत के पहले खिलाड़ी बने। श्रीकांत की सबसे बड़ी कामयाबी ओलम्पिक चैंपियन चीन के चेन लोंग को हराकर ऑस्ट्रेलियन ओपन खिताब जीतना रही।
2017 का साल पूर्व ओलम्पिक कांस्य पदक विजेता साइना नेहवाल की वापसी के लिए भी याद किया जाएगा। साइना को पिछले साल रियो ओलम्पिक की निराशा के बाद घुटने की सर्जरी से गुजरना पड़ा था। उस दौरान साइना ने यहां तक कह दिया था कि एक बार तो उनके मन में ख्याल आ गया था कि वह खेल से ही संन्यास ले लें लेकिन जीवट की धनी इस खिलाड़ी ने कमाल की वापसी की। सिंधू ने नागपुर में सिंधू को पराजित कर राष्ट्रीय चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। उन्होंने नौ साल बाद यह खिताब जीता।
साइना ने मलेशिया मास्टर्स का भी खिताब जीता। बी साई प्रणीत ने भी शानदार प्रदर्शन किया और सिंगापुर ओपन के फाइनल में श्रीकांत को हराकर खिताब जीता। प्रणीत ने थाईलैंड ओपन ग्रां प्री खिताब भी अपने नाम किया। एच एस प्रणय ने राष्ट्रीय चैपियनशिप में श्रीकांत को हराकर राष्ट्रीय खिताब अपने नाम किया। प्रणय ने परुपल्ली कश्यप को हराकर यू एस ओपन ग्रां प्री खिताब भी जीता।
भारतीय बैडमिंटन संघ ने अपने अवार्ड शुरू किए और महान खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण को 'लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार' से नवाजा गया। इस साल की कामयाबियों ने बैडमिंटन को 2017 में देश का नंबर एक खेल बना दिया और बैडमिंटन खिलड़ियों ने यह साबित कर दिया कि वे अगले ओलम्पिक में ज्यादा पदक जीतने का दम रखते हैं। (वार्ता)