विश्व मुक्केबाजी सीरीज में भारत की वापसी
लुसाने। भारत की मुक्केबाजी टीम विश्व मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) की अर्ध-पेशेवर विश्व मुक्केबाजी सीरीज (डब्ल्यूएसबी) में वापसी कर रही है और इस साल फरवरी में होने वाले मुकाबले के आठवें सत्र में उसे एशियाई ग्रुप में रखा गया है।
भारतीय फ्रेंचाइजी का नाम अभी तय नहीं हुआ है लेकिन इसका मालिकाना हक भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के पास होगा। यह टीम मुंबई फाइटर्स की जगह लेगी जो 2012 में बीएफआई से समर्थन नहीं मिलने के कारण हट गई।
एआईबीए ने एक बयान में कहा, डब्ल्यूएसबी प्रारूप में तीनों ग्रुप के मुकाबलों के साथ नियमित क्षेत्रीय मुकाबले और वैश्विक प्ले-ऑफ मुकाबले होंगे। इसमें यूरोप ग्रुप से क्रोएशियन नाईट की टीम भी शामिल हो रही जबकि एशियाई ग्रुप में पहली बार भारत की ओर से कोई टीम जुड़ेगी।
उन्होंने कहा, आठवें सत्र में हम और भी आगे जा रहे हैं, भारत में मुक्केबाजी में अच्छा करने की भूख बढ़ रही है जिससे इस टूर्नामेंट को नया आयाम मिलेगा और कोएशियन नाईट्स के आने से इसमें मुक्केबाजी के सभी बड़े देश जुड़ रहे।
एशियाई ग्रुप में अस्ताना अर्लान्स टीम का सामना चीन ड्रेगन्स, भारतीय टीम और रूस की पैट्रियट मुक्केबाजी टीम से भिंड़ेगी। कोएशियन नाईट्स यूरोप ग्रुप में अपने पहले सत्र का आगाज ब्रिटिश लायनहार्ट्स, फ्रांस फाइटिंग रूस्टर्स और इटालिया थंडर के खिलाफ रिंग में उतरेगी।
अमेरिका ग्रुप में सातवें सत्र की उपविजेता क्यूबा डोमाडोर्स की टीम तीसरी बार खिताब जीतकर अर्लान्स की बराबरी करना चाहेगी। इसके लिए उन्हें कोलंबिया हीरोइकोस और वेनेजुएला कासिक्स के खिलाफ कड़ी चुनौती का समना करना पड़ेगा।
डब्ल्यूएसबी में शामिल 11 टीमें मुक्केबाजों के उपलब्ध राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पूल से मुक्केबाजों को जोड़ सकती हैं। डब्ल्यूएसबी ने विदेशी मुक्केबाजों के आठवें सत्र के लिए पंजीकरण बंद कर दिया है। इसके लिए 42 देशों के 196 मुक्केबाजों ने पंजीकरण कराया हैं।
एआईबीए ने कहा कि पेशेवर करियर की शुरूआत कर रहे मुक्केबाज भी इसमें शामिल हो सकते है। टीमों से मुक्केबाजों को जोड़ने की समयसीमा जनवरी के मध्य में रखी गई है। (भाषा)