व्यस्त कार्यक्रम मसला, लेकिन कोई विकल्प नहीं : गोपीचंद
नई दिल्ली। राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने आज कहा कि भारतीय शटलर व्यस्त कार्यक्रम से जुड़ी जटिलताओं से जूझ रहे हैं लेकिन साथ ही स्वीकार किया कि उन्हें इससे सामंजस्य बिठाना होगा क्योंकि कोई अन्य विकल्प नहीं है।
दिग्गज प्रकाश पादुकोण ने हाल में कहा था कि भारतीय खिलाड़ी जरूरत से ज्यादा टूर्नामेंटों में खेल रहे हैं, जिसके बाद व्यस्त कार्यक्रम को लेकर चर्चा शुरू हुई। गोपीचंद ने यहां एक खेल फाउंडेशन के लांच कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से कहा, व्यस्त कार्यक्रम से केवल भारत ही नहीं पूरा विश्व प्रभावित है। लेकिन हमें राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में भी खेलना होता है जो कि महत्वपूर्ण हैं और इसलिए भारत के लिए यह अधिक जटिल बन जाता है।
उन्होंने कहा, यूरोपीय देश राष्ट्रमंडल खेल या एशियाई खेलों में नहीं खेल रहे हैं लेकिन हमारे पास कोई विकल्प नहीं है और हमें सामंजस्य बिठाना होगा। आपको यात्रा के दौरान अभ्यास जारी रखना होगा। गोपीचंद से पूछा गया कि क्या भारत को शीर्ष खिलाड़ियों को विश्राम देकर राष्ट्रमंडल खेलों में दूसरे दर्जे की टीम भेजनी चाहिए तो उन्होंने नहीं में जवाब दिया।
उन्होंने कहा, राष्ट्रमंडल खेल महत्वपूर्ण प्रतियोगिता है और हमें शीर्ष खिलाड़ियों को उसमें भेजना चाहिए। अगले सत्र में हमारे पास योजना होगी। हम खिलाड़ियों और अधिकारियों से मिलकर एक योजना तैयार करेंगे ताकि खिलाड़ियों को विश्राम का पर्याप्त समय मिल सके।
गोपीचंद ने ओलंपिक रजत पदक विजेता पीवी सिंधू के इस साल दो बड़े टूर्नामेंटों में उप विजेता रहने पर जताई जा रही चिंता को तवज्जो नहीं दी। उन्होंने कहा, वह युवा है और उसने कुछ शानदार जीत दर्ज की हैं और भविष्य में भी करेगी। मैं वास्तव में चिंतित नहीं हूं। मैं उसके प्रदर्शन से खुश हूं। वह बेहतरीन खिलाड़ी है। वह अभी 22 साल की है और मैं उसको लेकर आश्वस्त हूं। (भाषा)