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Last Modified: मंगलवार, 19 मार्च 2019 (21:54 IST)

टोक्यो ओलंपिक में सोना जीतने की तैयारी में सुशील कुमार

टोक्यो ओलंपिक में सोना जीतने की तैयारी में सुशील कुमार - Olympic, gold medal, Sushil Kumar, Asian championship
नई दिल्ली। दो बार के ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार बेशक इस साल की एशियाई चैंपियनशिप में नहीं उतर रहे हैं लेकिन उनका अगले साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने का लक्ष्य है। 
 
2008 के बीजिंग ओलंपिक में कांस्य और 2012 के लंदन ओलंपिक में रजत जीतने वाले तथा इसी बीच 2010 विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाले सुशील ने पिछले साल एशियाई खेलों में शुरुआती दौर में बाहर होने के बाद किसी टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया है। हालांकि 2018 गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था। 
 
सुशील ने चीन में 23 से 28 अप्रैल तक होने वाली एशियाई कुश्ती प्रतियोगिता के लिए सोनीपत में ट्रॉयल नहीं दिया था जिसके बाद उनके भविष्य को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं। लेकिन सुशील ने इन सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए मंगलवार को कहा कि उनका पूरा ध्यान ओलंपिक क्वालिफायर पर लगा हुआ है। 
 
उन्होंने कहा, मेरी ट्रेनिंग दोबारा शुरू हो गई है और मैं धीरे धीरे उन सभी कमियों पर काम कर रहा हूं जो पहले थी। जैसे ही यह कमियां दूर हो जाएंगी मैं कुश्ती के रण में उतर जाऊंगा। मेरा ध्यान ओलंपिक क्वालिफायर पर है, मेरा इस साल विश्व चैंपियनशिप में भी उतरने का इरादा है जहां ओलंपिक के लिए अधिकतम कोटा स्थान होते हैं।
 
हर पहलवान ओलंपिक क्वालिफिकेशन टूर्नामेंटों पर नजदीकी नजर रखता है और वह इस बात का ध्यान रखता है कि उसे कहां अपना पूरा जोर लगाना है। 74 किग्रा वर्ग के पहलवान सुशील ने कहा, मेरे अंदर अभी तक ओलंपिक स्वर्ण की कसक बाकी है जिसे मैं हर हाल में पूरा करना चाहता हूं। मैंने कांस्य और रजत पदक जीता है और मैं स्वर्ण की कसक को पूरा करना चाहता हूं। 
 
सुशील 2016 के रियो ओलंपिक के लिए पूरी तरह तैयार थे लेकिन नरसिंह यादव के साथ उनका मामला ट्रॉयल को लेकर फंस गया और फिर यह कोर्ट में चला गया। अंतत: नरसिंह वाडा की डोपिंग जांच में फंसे और उनपर चार साल का प्रतिबंध लग गया। इस 74 किग्रा वर्ग में रियो में भारत का कोई प्रतिनिधित्व नहीं हो पाया। 
 
एशियाई चैंपियनशिप के ट्रॉयल में न उतरने के बारे में पूछने पर सुशील ने कहा, मेरा उसूल है कि जब तक मैं पूरी तरह तैयार नहीं होता हूं तब तक अखाड़े में नहीं उतरता हूं। मैंने अपनी ट्रेनिंग को तेज किया है, मैं पूरी तरह फिट हूं और मुझे कोई चोट नहीं है। 
 
सुशील छत्रसाल स्टेडियम अखाड़े में कोच विनोद, जार्जियाई कोच और अपने गुरू सतपाल की निगरानी में कड़ी ट्रेनिंग कर रहे हैं। उनका अगला टूर्नामेंट अप्रैल में इटली में हो सकता है।
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