सुशील का लक्ष्य टोक्यो ओलंपिक में पदक, कर रहे हैं कड़ी मेहनत
नई दिल्ली। पिछले कुछ समय से खराब फॉर्म से जूझ रहे पहलवान सुशील कुमार का लक्ष्य एक बार फिर ओलंपिक में पदक जीतने का है जिसके लिए वे कड़ी मेहनत कर रहे हैं। ओलंपिक में 2 बार के पदक विजेता सुशील ने यहां 'खेलो इंडिया' युवा खेल के दूसरे सत्र से जुड़े कार्यक्रम में कहा कि वे आगामी ओलंपिक में भी देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए कड़ा अभ्यास कर रहे हैं।
सुशील ने कहा कि मेरा लक्ष्य 2020 टोक्यो ओलंपिक में खेलना है। मैं अपने गुरु सतपालजी की देखरेख में प्रशिक्षण कर रहा हूं और अपनी कमियों पर काम कर रहा हूं ताकि आने वाले टूर्नामेंटों अच्छा प्रदर्शन कर सकूं। एशियाई खेलों के क्वालीफिकेशन दौर में हारकर बाहर हुए सुशील को उम्मीद है कि वे सितंबर (2019) में शुरू होने वाले क्वालीफिकेशन में मजबूत दावेदारी पेश करेंगे।
हाल के दिनों में निराशाजनक प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर सुशील ने कहा कि खिलाड़ियों के लिए यह बहुत आम बात है। हर किसी के प्रदर्शन में उतार-चढाव आता है जिसे लेकर मैं ज्यादा परेशान नहीं होता हूं। उन्होंने कहा कि कुश्ती में पिछले कुछ समय से भारतीय खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया जिसे देखते हुए अगले ओलंपिक में भारत को इस खेल से कई पदक मिल सकते है।
उन्होंने कहा कि बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, रवि, सुमित और साक्षी जैसे खिलाड़ियों की मौजूदगी भारत के लिए अच्छी बात है और ओलंपिक में हमारा भविष्य अच्छा है। कुश्ती खिलाड़ियों को केंद्रीय अनुबंध मिलने को सकारात्मक कदम बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे खिलाड़ियों का हौसला बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि मैं इसके लिए भारतीय कुश्ती महासंघ और इसके अध्यक्ष (बृजभूषण शरण सिंह) को बधाई दूंगा कि क्रिकेट के अलावा पहली बार किसी अन्य खेल के खिलाड़ियों को केंद्रीय अनुबंध मिला है। इससे खिलाड़ियों का हौसला निश्चित तौर पर बढ़ेगा और वे पैसे की चिंता छोड़कर अभ्यास करने पर अपना ध्यान लगा सकेंगे।
सुशील से जब अनुबंध में बी ग्रेड में जगह मिलने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे इससे कोई शिकायत नहीं है। यह खिलाड़ियों के पिछले प्रदर्शन को देखते हुए किया गया है। आगे अच्छा प्रदर्शन करूंगा तो मुझे शीर्ष ग्रेड में जगह मिल सकती है।