पाकिस्तान के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी Arshad Nadeem अरशद नदीम ने कहा कि ओलंपिक चैंपियन Neeraj Chopra नीरज चोपड़ा के साथ उनकी कोई प्रतिद्वंद्विता नहीं है और इस भारतीय के जैसे शीर्ष खिलाड़ी से सीखने की हमेशा गुंजाइश रहती है।चोपड़ा और नदीम दोनों ने अगले साल के पेरिस ओलंपिक और रविवार को खेले जाने वाले विश्व चैंपियनशिप पुरुष भाला फेंक फाइनल में पोडियम पर चढ़े। इस लम्हे के बाद फोटो के लिए जब नदीम के पास पाकिस्तानी झंड़ा नहीं था तो नीरज चोपड़ा ने उन्हें हिंदुस्तानी झंडे के अंदर लिया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर खासा वायरल हुआ।
फाइनल में और क्वालिफायर में आस पास ही रहा नदीम और नीरज का प्रदर्शन
चोपड़ा ने शुक्रवार को बुडापेस्ट में अपने करियर के चौथे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 88.77 मीटर के साथ विश्व चैंपियनशिप फाइनल के लिए क्वालीफाई किया तो वहीं नदीम ने 86.79 मीटर की दूरी के साथ सत्र का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
इसके बाद फाइनल में 25 वर्ष के चोपड़ा ने पहला प्रयास फाउल रहने के बाद दूसरे में आज का सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंका। इसके बाद उन्होंने 86 . 32 मीटर, 84 . 64 मीटर , 87 . 73 मीटर और 83 . 98 मीटर के थ्रो फेंके।पाकिस्तान के अरशद नदीम ने 87 . 82 मीटर के सत्र के अपने सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ रजत और चेक गणराज्य के याकूब वालेश ने कांस्य पदक जीता जिनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 86 . 67 मीटर का था।
नीरज चोपड़ा के साथ कोई प्रतिद्वंद्विता नहीं: अरशद नदीम
नदीम ने कहा, ‘‘मैं किसी से प्रतिस्पर्धा नहीं करता। मैं हमेशा खुद से प्रतिस्पर्धा और प्रदर्शन को बेहतर करने की कोशिश करता हूं। नीरज के साथ कोई प्रतिद्वंद्विता नहीं है। आप हमेशा शीर्ष एथलीटों से सीख सकते हैं।’’
नदीम कोहनी की चोट से उबरकर लगभग एक साल बाद प्रतियोगिता में वापसी की। उन्होंने कहा कि उनके मन में चोपड़ा के लिए बहुत सम्मान है।उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं और मेरा काम अपने देश के लिए बेहतर से बेहतर बनना हैउम्मीद है अगले साल ओलंपिक में भी हम दोनों पोडियम पर चढ़ेंगें।’’
चोपड़ा पिछले साल कमर की चोट के कारण बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेलों से हट गये थे जहां नदीम ने 90.18 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता था। यह 56 वर्षों में ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धा में पाकिस्तान का पहला पदक था।
नीरज चोपड़ा ने फिर रचा इतिहास, विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय बने
ओलंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा ने फिर इतिहास रच दिया और विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बन गए जिन्होंने पुरूषों की भालाफेंक स्पर्धा में 88 . 17 मीटर के थ्रो के साथ यह उपलब्धि हासिल की।
भारत के किशोर जेना पांचवें स्थान पर रहे जिन्होंने अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 84 . 77 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंका । वहीं डी पी मनु छठे स्थान पर रहे जिनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 84 . 14 मीटर का था। विश्व चैम्पियनशिप में यह पहली बार हुआ है कि शीर्ष आठ में तीन भारतीय रहे हों।
निशानेबाज अभिनव बिंद्रा के बाद एक ही समय पर ओलंपिक और विश्व चैम्पियनशिप जीतने वाले चोपड़ा दूसरे भारतीय बन गए। बिंद्रा ने 23 वर्ष की उम्र में विश्व चैम्पियनशिप और 25 वर्ष की उम्र में ओलंपिक स्वर्ण जीता था।
तोक्यो में 2021 ओलंपिक में एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले चोपड़ा पहले भारतीय बने। उन्होंने 2022 में यूजीन में विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था।उनसे पहले लंबी कूद में अंजू बॉबी जॉर्ज ने 2003 में पेरिस विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था।
एक ही समय पर ओलंपिक और विश्व खिताब जीतने वाले वह तीसरे भालाफेंक खिलाड़ी बन गए। उनसे पहले चेक गणराज्य के जान जेलेज्नी और नॉर्वे के आंद्रियास टी यह कारनामा कर चुके हैं। जेलेज्नी ने 1992, 1996 और 2000 में ओलंपिक खिताब जीते जबकि 1993, 1995 और 2001 में विश्व चैम्पियनशिप जीती थी। आंद्रियास ने 2008 ओलंपिक और 2009 विश्व चैम्पियनशिप जीते थे।
अब चोपड़ा के नाम खेल के सारे खिताब हो गए हैं। उन्होंने एशियाई खेल (2018), राष्ट्रमंडल खेल (2018) स्वर्ण के अलावा चार डायमंड लीग खिताब और पिछले साल डायमंड लीग चैम्पियन ट्रॉफी जीती।वह 2016 में जूनियर विश्व चैम्पियन रहे और 2017 में एशियाई चैम्पियनशिप खिताब जीता।