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Last Modified: गुरुवार, 23 मार्च 2023 (16:26 IST)

भारतीय फुटबॉल की मैदान पर शानदार वापसी, म्यांमार को 1-0 से हराया

भारतीय फुटबॉल की मैदान पर शानदार वापसी, म्यांमार को 1-0 से हराया - India emerges victorious with a narrow marging over Myanmaar
इम्फाल: अनिरूद्ध थापा के पहले हाफ के इंजुरी समय में किये गये गोल की मदद से भारत ने बुधवार को यहां तीन देशों के अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल टूर्नामेंट के शुरूआती मैच में म्यांमार पर 1-0 से जीत दर्ज की।भारत ने पूरे मैच में दबदबा बनाया जिसे देखते हुए जीत का अंतर थोड़ा बड़ा होना चाहिए था लेकिन मौके चूकने के साथ भाग्य का साथ नहीं देने से मेजबान टीम ज्यादा गोल नहीं दाग सकी।भारतीय विंगर बिपिन सिंह और लालियानजुआला चांगटे शुरू से ही फुर्तीले रहे और उन्होंने प्रतिद्वंद्वी के खेम में लगातार सेंध लगायी।

भारतीय कप्तान सुनील छेत्री के प्रयास भी विफल रहे। मैच के आधे घंटे बाद छेत्री को स्वर्णिम मौका मिला जब चांगटे ने उन्हें पास दिया लेकिन भारतीय कप्तान का शॉट सीधे विकेटकीपर के हाथों में चला गया।
पर भारत ने आखिरकार पहले हाफ के इंजुरी टाइम में बढ़त बनाने में सफलता हासिल की जब थापा ने बॉक्स के अंदर से ‘रिबाउंड’ पर काफी करीब से इसे गोलपोस्ट में पहुंच दिया।
म्यांमा के खिलाफ हम बड़े अंतर से जीत सकते थे : स्टिमक

भारत ने त्रिकोणीय अंतरराष्ट्रीय फुटबाल टूर्नामेंट के पहले मैच में म्यांमार को 1-0 से हराया लेकिन मुख्य कोच इगोर स्टिमक का मानना है कि मेजबान टीम के दबदबे को देखते हुए उसे बड़े अंतर से जीत दर्ज करनी चाहिए थी।
कप्तान सुनील छेत्री से जुड़े दो फैसलों के कारण भारत दो गोल नहीं कर पाया। इसमें पहले हाफ में भारत को पेनल्टी नहीं दी गई जबकि एक अवसर पर ऑफसाइड होने के कारण गोल अमान्य करार दिया गया। स्टिमक ने कहा कि उनके लिए स्कोर लाइन 1-0 नहीं बल्कि 3-0 है।

भारतीय कोच स्टिमक ने कहा,‘‘ मैं अपने खिलाड़ियों से कुछ नहीं कह सकता क्योंकि उन्होंने वैसा ही खेल दिखाया जैसा हम चाहते थे। गोलकीपर अमरिंदर ने बेहतरीन खेल दिखाया और सुनील दुर्भाग्यपूर्ण रहा जो गोल नहीं कर पाया। वह गोल करने के लिए भूखा था और हैट्रिक बना सकता था।’’

कई को उम्मीद नहीं थी इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) फाइनल के केवल चार दिन बाद छेत्री पूरे 90 मिनट तक खेलेंगे लेकिन भारतीय कप्तान की प्रतिबद्धता और गोल करने की भूख को देखते हुए स्टिमक ने उन्हें पूरे समय तक मैदान में बनाए रखने का फैसला किया।
कोच ने कहा,‘‘ सुनील पहला खिलाड़ी था जो आईएसएल फाइनल के बाद शिविर में पहुंचा। उसने राष्ट्रीय टीम से जुड़ने में एक मिनट का समय भी बर्बाद नहीं किया। इससे उसकी भूख और प्रतिबद्धता का पता चलता है। वह टीम के सबसे फिट खिलाड़ियों में से एक है और लगातार तीन दिन तक खेल सकता है।’’ (भाषा)
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