ओलंपिक टीम में जगह बनाने के लिए मेहनत कर रहा हूं : गुरिंदर
बेंग्लुरु। भारतीय हॉकी टीम के डिफेंडर गुरिंदर सिंह ने कहा है कि उनका लक्ष्य सिर्फ भारतीय टोक्यो ओलंपिक टीम में जगह बनाने का है जिसके लिए वह काफी मेहनत कर रहे हैं। 2016 जूनियर हॉकी विश्व कप की स्वर्ण विजेता टीम के सदस्य रहे गुरिंदर लॉकडाउन के दौरान बेंग्लुरु स्थित शिविर में हैं। कोरोना के कारण टोक्यो ओलंपिक जुलाई 2021 तक के लिए स्थगित कर दिए गए हैं।
पंजाब के 25 वर्षीय गुरिंदर ने कहा, 'मैं ओलंपिक की भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए पूरी मेहनत कर रहा हूं। लॉकडाउन के दौरान खुद को फिट रखना मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता है और मैं फिलहाल कुछ ड्रिल भी कर रहा हूं। ओलंपिक में भारत के लिए खेलना मेरा बचपन का सपना है और मैं उम्मीद करता हूं कि ओलंपिक टीम में शामिल होकर मैं टूर्नामेंट में भारत की जीत में अपना योगदान दूंगा।'
हॉकी जूनियर विश्व कप में टीम की जीत के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, 'जूनियर विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतना मेरे करियर का अहम मोड़ साबित हुआ। मेरे प्रदर्शन को देखा गया और मुझे सीनियर टीम में शामिल किया गया। 2017 में सुल्तान अजलान शाह कप में मेरे पदार्पण के बाद करियर में कई उतार चढ़ाव आए।'
गुरिंदर ने कहा, 'मैं 2018 राष्ट्रमंडल खेलों जैसे कई बड़े टूर्नामेंट के लिए टीम में शामिल रहा लेकिन कुछ अन्य टूर्नामेंट में मुझे बाहर भी किया गया। इस साल एफआईएच हॉकी प्रो लीग में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वापसी कर मुझे काफी अच्छा लगा। मैंने इन तीन वर्षों में काफी कुछ सीखा है और मैं भविष्य के मैचों के लिए अपने कौशल को बढ़ाने के लिए सही स्थिति में हूं।'
कोच ग्राहम रीड की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि टीम उनके मार्गदर्शन में काफी आक्रामक हो गई है। उन्होंने कहा, 'पिछले कुछ साल से कोच रीड हमारे साथ जुड़े हुए हैं और मैं यकीन के साथ कह सकता हूं कि पिछले साल अप्रैल से हमारी टीम में बदलाव दिखना शुरु हो गया था।'
गुरिंदर ने कहा, 'हमारी टीम काफी आक्रामक हो गई है और हम गोल करने के कई अवसर निकाल लेते हैं। पिछले साल नवंबर में सीनियर पुरुष राष्ट्रीय कोचिंग शिविर के दौरान उन्हें प्रत्येक खिलाड़ी के खेल की रणनीति पर चर्चा करते देखना बेहद सुखद था।'
उन्होंने कहा, 'चूंकि एफआईएच हॉकी ओलंपिक क्वालीफायर के बाद अगले टूर्नामेंट के लिए काफी समय था उस दौरान कोच रीड खिलाड़ियों के साथ समय व्यतीत कर रहे थे और उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि हम शिविर के दौरान कुछ पहलुओं पर सुधार करें।' (वार्ता)