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Written By WD Sports Desk
Last Modified: सोमवार, 30 जून 2025 (17:31 IST)

महिला कोच पर गंभीर आरोप, कमरे में नाबालिग लड़की के जबरन कपड़े उतरवाए

जूनियर मुक्केबाज ने महिला कोच पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया; माता-पिता ने प्राथमिकी दर्ज कराई

Sports Authority of India
भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के रोहतक केंद्र की राष्ट्रीय मुक्केबाजी अकादमी (एनबीए) की महिला कोच पर राष्ट्रीय स्तर की नाबालिग मुक्केबाज ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।नाबालिग के माता-पिता द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी (एफआईआर) के अनुसार बार-बार ‘मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न’ के कारण वह अवसाद में चली गई है।

इस से जुड़ी प्राथमिकी की प्रति होने के बावजूद ‘PTI-(भाषा)’ आरोपी का नाम सार्वजनिक नहीं कर रहा है क्योंकि मामले की जांच चल रही है।इस मामले में भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) और भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) से जब टिप्पणी के लिए संपर्क किया गया तो उन्होंने 17 वर्षीय पीड़िता द्वारा डराने-धमकाने और थप्पड़ मारने की घटनाओं के बारे में शिकायत मिलने की बात स्वीकार की, लेकिन एफआईआर में लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के बारे में उन्हें सूचित किए जाने से इनकार किया।

दोनों संस्थाओं ने कहा कि उनकी आंतरिक जांच में कोच के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। यह कोच इस समय जूनियर और युवा मुक्केबाजों के लिए राष्ट्रीय शिविर के संचालन में प्रमुख भूमिका निभा रही हैं।रोहतक पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी में पीड़िता ने कहा है कि कोच ने एक बार जबरन उसके कपड़े उतारने की कोशिश की, उसे कई बार थप्पड़ मारे, उसका करियर बर्बाद करने की धमकी दी और अन्य मुक्केबाजों के सामने उसे ‘बुरे चरित्र वाली’ कहा, जिससे वह अलग-थलग पड़ गई।

कोच के खिलाफ शिकायत भारतीय न्याय संहिता की धारा 115 (जान बूझकर से चोट पहुंचाना) और 351 (3) (आपराधिक धमकी) के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम की धारा 10 (गंभीर यौन उत्पीड़न) के तहत दर्ज की गई है।साइ ने कहा कि जरूरत पड़ने पर वह जांच में सहायता करेगा।

साइ के क्षेत्रीय केंद्र (सोनीपत) ने इस बारे में ‘पीटीआई’ के सवाल पर कहा, ‘‘ अभी तक हमें किसी प्राथमिकी की प्रति नहीं मिली है। एनबीए रोहतक की एक महिला मुक्केबाज ने 24 अप्रैल 2025 को ई-मेल कर एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उसने आयरलैंड में 25 मार्च 2025 से तीन अप्रैल 2025 तक आयोजित आमंत्रण मुक्केबाजी टूर्नामेंट के दौरान एक महिला कोच द्वारा मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उस शिकायत में यौन उत्पीड़न का कोई आरोप नहीं लगाया गया था।’’उन्होंने कहा, ‘‘मामले की एक विस्तृत जांच की गई जिसमें शिकायतकर्ता, संबंधित कोच, सभी साथी कोच, वहां मौजूद कर्मचारियों और साथी खिलाड़ियों के बयान लिए गए। इसमें हालांकि लगाए गए आरोप साबित नहीं हो सके।’’उन्होंने कहा, ‘‘साइ स्वच्छ खेल सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और प्राथमिकी के आधार पर  किसी भी समय जांच के दौरान सहयोग के लिए तैयार रहेगा।’’

इस मुक्केबाज के माता-पिता ने कहा है जिस तरह से बीएफआई का इस मामले में रवैया रहा है, वे इससे खुश नहीं हैं।पीड़िता के माता-पिता ने उसके खिलाफ हुई दुर्व्यवहार का विस्तार से वर्णन करते हुए बताया कि आयरलैंड दौरे पर कोच ने इस मुक्केबाज को अपमानित किया और उसका यौन उत्पीड़न भी किया।

प्राथमिकी में लगाये गये आरोप के मुताबिक, ‘‘इस कोच ने पहले भी उसे अनुचित तरीके से छूने की कोशिश की थी, लेकिन मेरी बेटी उस समय उसके मंसूबे को समझ नहीं पायी।’’माता-पिता ने कहा कि ने उनकी बेटी को अभ्यास का वीडियो रिकॉर्ड करने को कहा था और ऐसा नहीं करने पर उसे कठोर शारीरिक व्यायाम की सजा भी दी गई।

उन्होंने कहा, ‘‘उसने कोच से वीडियो रिकॉर्ड न करने के लिए माफी मांगी और साथ ही कोच की इच्छा के अनुसार अनुरोध किया कि वह  मुक्केबाजी अभ्यास में उसके लिए सेकंडिंग (बाउट के दौरान कोचिंग सहायता) करे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यह कोच हालांकि उसके साथ नहीं गयी और दूसरे अन्य कोच को उसके साथ जाने से रोक दिया। हमारे पास यह साबित करने के लिए सीसीटीवी फुटेज है कि मेरी बेटी रिंग में अकेली थी।’’

माता-पिता ने आरोप लगाया कि मुश्किल परिस्थितियों में राष्ट्रीय स्तर की मुक्केबाजी में दो स्वर्ण पदक जीतने के बावजूद कोच द्वारा यौन उत्पीड़न भी किया गया।प्राथमिकी के मुताबिक, ‘‘कोच ने मेरी बेटी पर लड़कों से ज्यादा बात करने का आरोप लगाया। उसने अन्य मुक्केबाजों के सामने उसे अपमानित किया और उसे अपना फोन लाने के लिए कहा। जब मेरी बेटी अपने कमरे में गई, तो वह भी उसके पीछे वहां पहुंच कर कमरा बंद करके उसे अनुचित तरीके से छूने की कोशिश की।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उसने मेरी बेटी के कपड़े जबरन उतारने की कोशिश की और जब उसने विरोध करते हुए धक्का दिया तो कोच ने उसे कई बार थप्पड़ मारे। कोच इसके बाद मेरी बेटी को घसीटकर अभ्यास वाले हॉल में ले गई और उसे लिखित में यह देने को कहा कि उसके पास दो फोन थे और वह इसमें से एक का इस्तेमाल लड़कों से बात करने के लिए कर रही थी।’’

माता-पिता ने बताया कि निर्देशों का पालन करने से इनकार करने पर लड़की को थप्पड़ मारे गए।साइ ने हालांकि कहा कि उनकी जांच के दौरान इस दौरे पर मौजूद किसी भी अन्य मुक्केबाज ने इस दावे का समर्थन नहीं किया।

इस मुक्केबाज के माता-पिता ने आरोप लगाया, ‘‘ इस कोच ने मेरी बेटी को धमकी दी कि अगर उसने इसके खिलाफ शिकायत की तो उसे परिणाम भुगतने होंगे। कोच ने मेरी बेटी को मानसिक रूप से अस्थिर भी कहा और उसका फोन लेकर उसका पासवर्ड साझा करने के लिए भी मजबूर किया। उसने उसकी निजी डायरी भी ले ली। इससे मेरी बेटी अवसाद और सदमे में है।’’

माता-पिता ने कहा कि उन्हें बेटी की दुर्दशा के बारे में शिविर में शामिल उसके एक साथी से पता चला। वह इसके बाद रोहतक पहुंचे जहां उनकी बेटी ने भावुक होकर अपनी आपबीती सुनाई।’’
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