क्या बाइचुंग भूटिया की हार के पीछे है भाजपा सरकार? पूर्व कप्तान ने दिया यह बयान
नई दिल्ली : पूर्व भारतीय कप्तान बाईचुंग भूटिया ने शनिवार को कहा कि वह अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के चुनावों में राजनीतिक हस्तक्षेप के उच्च स्तर को देखकर हैरान थे जिसमें उनकी इच्छानुसार परिणाम नहीं आया।अध्यक्ष पद के चुनाव में भूटिया को भाजपा नेता और पूर्व गोलकीपर कल्याण चौबे से हार मिली।
भूटिया खुद राजनीति से जुड़ चुके हैं, वह 2014 और 2016 में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर क्रमश: लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। इस 45 वर्षीय पूर्व खिलाड़ी ने अपने गृह राज्य में हमरो सिक्किम पार्टी भी बनायी। लेकिन उन्होंने कहा कि एआईएफएफ के चुनाव बिना किसी राजनीतिक हस्तक्षेप के पूरी तरह से फुटबॉल केंद्रित होने चाहिए थे।
भूटिया ने पीटीआई से कहा, मैं हरान था क्योंकि मैंने व्यक्तिगत रूप से एआईएफएफ के चुनावों में इतने उच्च स्तर के राजनीतिक हस्तक्षेप की उम्मीद नहीं थी। मैंने सोचा कि यह एक फुटबॉल अध्यक्ष पद का चुनाव है और मैं पूरी ईमानदारी से अपना योगदान देना चाहता था।
उन्होंने कहा, अगर वे (उनके प्रतिद्वंद्वी) जीत के प्रति इतने आश्वस्त थे तो एक ताकतवर केंद्रीय मंत्री गुरूवार को रात नौ बजे उस होटल में क्यों आया जिसमें मतदान करने वाले ठहरे हुए थे और शुक्रवार को चुनाव के दिन सुबह दो बजे तक वहां रूके रहे और उन सभी को उस होटल में एक विशेष तल पर लेकर गये।
भूटिया ने हालांकि उस केंद्रीय मंत्री का नाम नहीं लिया लेकिन चुनावों में उनके नाम का प्रस्ताव रखने वाले राजस्थान राज्य संघ के अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि कानून मंत्री किरेन रीजीजू होटल में मौजूद थे और उन्होंने सदस्यों को पूर्व भारतीय कप्तान के खिलाफ मतदान करने के लिये कहा।
देश के महान फुटबॉलरों में से एक भूटिया ने कहा कि उन्हें यह बात समझ नहीं आयी कि एक केंद्रीय मंत्री एआईएफएफ चुनावों से पहले की रात मतदान करने वालों के साथ इतना समय क्यों बितायेगा, हालांकि उन्होंने रीजीजू पर उनके खिलाफ प्रचार करने का आरोप नहीं लगाया।
उन्होंने कहा, निर्वाचक मंडल में से 34 में से 33 सदस्यों (गोपालकृष्णा कोसाराजू को छोड़कर) को होटल के उस मंजिल पर ले जाया गया और पूरे तल पर प्रवेश की मनाही कर दी गयी। मैं किसी से भी संपर्क नहीं कर सका क्योंकि नेटवर्क नहीं आ रहा था।
भूटिया ने कहा, मैंने राजस्थान संघ के सचिव को फोन करने की कोशिश की जो वोटर हैं लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। उन्होंने कहा, राजनीतिक हस्तक्षेप मेरे लिये हैरानी भरी चीज थी और यह दुर्भाग्यपूर्ण है। भारतीय फुटबॉल के लिये दुखद है।
(भाषा)