रविवार, 22 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. अन्य खेल
  3. समाचार
  4. Ankita Raina
Written By
Last Updated : सोमवार, 21 मई 2018 (20:30 IST)

फुटवर्क और मांसपेशियों की मजबूती पर काम किया अंकिता रैना ने

फुटवर्क और मांसपेशियों की मजबूती पर काम किया अंकिता रैना ने - Ankita Raina
नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया ओपन 2012 के बाद से भारत की किसी महिला खिलाड़ी को ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट के मुख्य वर्ग में जगह नहीं मिली है और अंकिता रैना मंगलवार से शुरू हो रहे फ्रेंच ओपन क्वालीफायर में इस खराब रिकॉर्ड को बदलने के इरादे से उतरेंगी।
 
 
पिछले 6 महीने में पेशेवर सर्किट में लगातार अच्छे प्रदर्शन की बदौलत अंकिता ने न सिर्फ करियर में पहली बार शीर्ष 200 में जगह बनाई बल्कि अधिकारियों को उन्हें लक्ष्य ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) में शामिल करने को बाध्य होना पड़ा जिससे पहले उनकी अनदेखी की गई थी। वे भारतीय टेनिस इतिहास की सिर्फ 5वीं महिला खिलाड़ी हैं जिसने शीर्ष 200 में जगह बनाई।
 
अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ 181वीं रैंकिंग पर काबिज अंकिता की नजरें अब इतिहास रचने पर टिकी हैं। 4 आईटीएफ और डब्ल्यूटीए प्रतियोगिता खेलने के बाद चीन से लौटीं अंकिता को पुणे में कोच हेमंत बेन्द्रे के मार्गदर्शन में अपने खेल को निखारने का अधिक समय नहीं मिला लेकिन इसके बावजूद वे बड़ी चुनौती के लिए तैयार हैं।
 
अंकिता ने अपनी तैयारियों के बारे में कहा कि मैं पुणे में 3 दिन के लिए थी और इस दौरान मुझे अपना ब्रिटेन का वीजा लेना था। इन 3 दिन के दौरान मैंने अपने फुटवर्क और स्लाइडिंग पर काम किया जिसकी क्ले कोर्ट पर जरूरत पड़ती है। साथ ही यात्रा के दौरान मैं मांसपेशियों की मजबूती की व्यायाम करती हूं जिससे स्लाइडिंग के दौरान संतुलन बनाने में मदद मिलती है।
 
इस 25 वर्षीय खिलाड़ी को इस मौके की अहमियत पता है लेकिन वे चीजों को सामान्य रखना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि अपने टेनिस के लिए मेरे हमेशा से ही काफी सपने और लक्ष्य रहे जिसमें से अधिकांश साकार हुए लेकिन मुझे लगता है कि अपने पहले ग्रैंडस्लैम में खेलना मेरे लिए विशेष होगा। अंकिता हाल में चीन में क्ले कोर्ट पर खेली थीं और इसलिए उनका मानना है कि उन्हें सामंजस्य बैठाने में अधिक परेशानी नहीं होगी, साथ ही वे अपनी प्रतिद्वंद्वियों को लेकर भी चिंतित नहीं हैं।
 
उन्होंने कहा कि मैं पिछले काफी समय में शीर्ष 200 में शामिल खिलाड़ियों के खिलाफ खेल रही हूं। यहां इन्हीं में से अधिकांश से मेरा सामना होगा। एक निश्चित स्तर के बाद टेनिस काफी रूप से मानसिक खेल हो जाता है और यह इस पर निर्भर करता है कि आप मानसिक रूप से कितने मजबूत और धैर्यवान हैं। आत्मविश्वास और भरोसे से आपको अहम या कड़े मैचों में जीत में मदद मिलती है। (भाषा)
ये भी पढ़ें
नरसिंह ने विदेशी पहलवान को पछाड़ा, रात ढाई बजे तक डटे रहे कुश्ती प्रेमी