श्री सत्यनारायण की व्रत कथा
भगवान श्री सत्यनारायण की व्रत कथा आस्थावान हिन्दू धर्मावलंबियों के लिए चिरपरिचित कथा है। संपूर्ण भारत में इस कथा के प्रेमी अनगिनत संख्या में हैं, जो इस कथा और व्रत का नियमित पालन व पारायण करते हैं। स्कन्द पुराण के रेवा खण्ड में इस कथा का उल्लेख किया गया है। सभीप्रकार के मनोरथ पूर्ण करने वाली यह कथा अनेक दृष्टि से अपनी उपयोगिता सिद्ध करती है। यह कथा समाज के सभी वर्गों को सत्यव्रत की शिक्षा देती है। सत्य को ईश्वर मानकर, निष्ठा के साथ समाज के किसी भी वर्ग का व्यक्ति यदि इस व्रत व कथा का श्रवण करता है, तो उसे इससे निश्चित ही मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस कथा की लोकप्रियता और उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए हमने यहाँ संस्कृत व हिन्दी में इस कथा को उपलब्ध कराया है।