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  4. What is the importance of Bhauma Pradosh in the month of Savan
Written By WD Feature Desk
Last Updated : सोमवार, 21 जुलाई 2025 (17:16 IST)

सावन मास के भौम प्रदोष का क्या है महत्व, जानिए कैसे रखें इस दिन व्रत और 5 फायदे

Bhaum Pradosh 2025
Sawan Bhaum Pradosh 2025: सावन मास का पहला प्रदोष व्रत इस बार 22 जुलाई 2025, मंगलवार को है। यह व्रत मंगलवार के दिन होने के कारण इसे भौम प्रदोष व्रत के नाम से भी जाना जाता है। भौम प्रदोष का शास्त्रों में बहुत महत्व बताया गया है। मंगलवार हनुमानजी का और प्रदोष का दिन शिवजी का होता है। हनुमानजी भी शिवजी के अंशावतार हैं। सावन माह में यह संयोग बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ALSO READ: सावन मास के दूसरे मंगला गौरी व्रत पर भौम प्रदोष का दुर्लभ संयोग, कर्ज से मुक्ति के 3 अचूक उपाय
 
त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ- 22 जुलाई 2025 को सुबह 07:05 बजे से।
त्रयोदशी तिथि समाप्त- 23 जुलाई 2025 को प्रात: 04:39 बजे तक।
प्रदोष पूजा मुहूर्त- शाम 07:18 से रात्रि 09:22 बजे तक। 
 
कैसे रखें भौम प्रदोष का व्रत:
  • प्रदोष तिथि प्रारंभ होने से पहले ही व्रत की शुरुआत करें।
  • तिथि समाप्ति के बाद ही व्रत का पारण करें।
  • इस दिन निराहार रहें। क्षमता नहीं हो तो फलाहार लें। 
  • इस दिन हनुमानजी और शिवजी की संयुक्त रूप से पूजा करें। 
 
  1. त्रयोदशी तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में जागकर शिव जी का ध्यान करते हुए स्नान करें, नहाने के पानी में काले तिल अवश्य डालें।
  2. इस दिन स्वच्छ धुले वस्त्र धारण करना चाहिए, ध्यान रखें कि यह कटे-फटे ना हो।
  3. पूरा दिन शिव जी का ध्यान तथा मंत्र जाप करते हुए व्यतीत करें।
  4. गंगा जल तथा गाय के कच्चे दूध से भगवान शिव का अभिषेक करके उन्हें भांग, धतूरा, बिल्वपत्र, शहद, सफेद पुष्प आदि चढ़ाएं।
  5. भगवान महादेव का पुन: शाम के समय प्रदोष मुहूर्त में पूजन करें, पूजन से पहले स्वयं भी स्नान करें। 
  6. खास मनोकामना पूर्ति के लिए मंदिर जाकर दूध, दही, घी, शहद, काले तिल आदि सामग्री से शिवाभिषेक करें तथा इस समय ॐ नम: शिवाय जपते रहें।
  7. इस दिन व्रत रखें तथा सिर्फ फलाहार ग्रहण करें।
  8. शिव जी की धूप, दीप तथा सुगंधित अगरबत्ती से आरती करें तथा नैवेद्य चढ़ाएं।
  9. तालाब या नदी किनारे जाकर मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं तथा गरीबों को अन्न, वस्त्र का दान करें। 
  10. प्रदोष के दिन काले तिलयुक्त कच्चा दूध शिव जी पर चढ़ाएं तथा काले तिल का दान करें, यह पितृ दोष से मुक्ति, पितरों की आत्मा को शांति तथा धन, यश और कीर्ति मिलेगी। 
भौम प्रदोष व्रत के फायदे:
1. मंगलवार को आने वाले इस प्रदोष के दिन व्रत रखने से स्वास्थ्य सबंधी सभी तरह की समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है।
2. इस दिन प्रदोष व्रत विधिपूर्वक रखने से कर्ज से छुटकारा मिल जाता है। इसके लिए संपूर्ण वर्ष के भौम प्रदोष का विधिवत व्रत रखें।
3. इस दिन हनुमानजी की वि‍धिवत रूप से पूजा करना चाहिए जिससे उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है।
4. प्रदोष तिथि का व्रत माता पार्वती और भगवान शिव को समर्पित है। इसीलिए उनकी पूजा करने से भी मंगल लाभ मिलता है।
5. पुराणों के अनुसार इस व्रत को करने से बेहतर स्वास्थ और लम्बी आयु की प्राप्ति होती है।