रविवार, 22 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. श्राद्ध पर्व
  4. shradhh and daan 16 kaam ki baatain
Written By

श्राद्ध में यह 16 बातें रखेंगे याद, तो पितृ देंगे भरपूर आशीर्वाद...

श्राद्ध में यह 16 बातें रखेंगे याद, तो पितृ देंगे भरपूर आशीर्वाद... - shradhh and daan 16 kaam ki baatain
वैसे तो हर अमावस्या और पूर्णिमा को, पितरों के लिये श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। लेकिन आश्विन शुक्ल पक्ष के 16 दिन, श्राद्ध के लिये विशेष माने गए हैं। इन दिनों में पितृ प्रसन्न रहते हैं। आशीष देकर जाते हैं। उनके लिए किए जाने वाले श्राद्ध में इन 16 बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। 
 
-तर्पण में दूध, तिल, कुशा, पुष्प, गंध मिश्रित जल से पितरों को तृप्त किया जाता है।
-ब्राह्मणों को भोजन और पिंड दान से, पितरों को भोजन दिया जाता है।
-वस्त्रदान से पितरों तक वस्त्र पहुंचाया जाता है।
-यज्ञ की पत्नी दक्षिणा है। श्राद्ध का फल, दक्षिणा देने पर ही मिलता है।
-श्राद्ध के लिए दोपहर का कुतुप और रोहिण मुहूर्त श्रेष्ठ है। कुतुप मुहूर्त दोपहर 11:36 से 12:24 तक होता है।  -
-रोहिण मुहूर्त दोपहर 12:24 से दिन में 1:15 तक। 
-कुतप काल में किए गए दान का अक्षय फल मिलता है।
-पूर्वजों का तर्पण, हर पूर्णिमा और अमावस्या पर करें।
-श्राद्ध के दिनों में, कम से कम जल से तर्पण ज़रूर करें। 
-चंद्रलोक के ऊपर और सूर्यलोक के पास पितृलोक होने से, वहां पानी की कमी है।
-जल के तर्पण से, पितरों की प्यास बुझती है वरना पितृ प्यासे रहते हैं।
-पिता का श्राद्ध पुत्र करता है। पुत्र के न होने पर, पत्नी को श्राद्ध करना चाहिए।
-पत्नी न होने पर, सगा भाई श्राद्ध कर सकता है।
-एक से ज्य़ादा पुत्र होने पर, बड़े पुत्र को श्राद्ध करना चाहिए।
- कभी भी रात में श्राद्ध न करें, क्योंकि रात्रि राक्षसी का समय है। 
- दोनों संध्याओं के समय भी श्राद्धकर्म नहीं किया जाता है।


 
ये भी पढ़ें
श्राद्ध का भोजन कैसा हो, श्राद्ध के भोजन में क्या नहीं पकाएं...