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अक्षय पुण्य चाहिए तो इस समय करें श्राद्ध

अक्षय पुण्य चाहिए तो इस समय करें श्राद्ध - akshay puny chaahie to is samay karen shraaddh
Shradh 2024 : श्राद्ध पक्ष के सोलह दिन पितृ स्मरण के दिन होते हैं। इन सोलह दिनों में पितृगणों की तृप्ति के लिए तर्पण, दान व ब्राह्मण भोजन इत्यादि कराया जाता है। वैसे तो वर्षभर श्राद्ध व तर्पण किया जा सकता है। श्राद्ध के भी कई प्रकार होते हैं जैसे नान्दी श्राद्ध, पार्वण श्राद्ध एवं मासिक श्राद्ध आदि किंतु श्राद्ध पक्ष के सोलह दिनों में तिथि अनुसार श्राद्ध करने से अनंत गुना फ़ल प्राप्त होता है एवं पितृगण संतुष्ट होकर अपने आशीष प्रदान करते हैं। 
 
आइए जानते हैं कि किस समय किया गया अनंत फ़लदायी होता है।
 
'कुतप-काल' में ही करें श्राद्ध कर्म-
 
श्राद्ध पक्ष के सोलह दिनों में सदैव कुतप बेला में ही श्राद्ध संपन्न करना चाहिए। दिन का आठवां मुहूर्त 'कुतप' काल कहलाता है। दिन के अपराह्न 11:36 मिनिट से 12:24 मिनिट तक का समय श्राद्ध कर्म के विशेष शुभ होता है। इस समय को 'कुतप' काल कहते हैं। इसी समय पितृगणों के निमित्त धूप डालकर, तर्पण, दान व ब्राह्मण भोजन कराना चाहिए।
 
'गजच्छाया योग' में श्राद्ध का अनंत गुना फ़ल-
 
शास्त्रों में 'गजच्छाया योग' में श्राद्ध कर्म करने से अनंत गुना फ़ल बताया गया है। 'गजच्छाया योग' कई वर्षों बाद बनता है इसमें किए गए श्राद्ध का अक्षय फ़ल होता है। 'गजच्छाया योग' तब बनता है जब सूर्य हस्त नक्षत्र पर हो और त्रयोदशी के दिन मघा नक्षत्र होता है। यदि यह योग महालय (श्राद्ध पक्ष) के दिनों में बन जाए तो अत्यन्त शुभ होता है।
 
-ज्योतिर्विद पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: [email protected]
 
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