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Nataraja Stuti
Written By
WD Feature Desk
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पंचदेव पूजन
शिव के कुछ पर्यायवाची नाम
वन्दे महाकाल महासुरेशम
सोमवार व्रत की आरती
पूजन सामग्री
नटराज स्तुति
सत सृष्टि तांडव रचयिता
नटराज राज नमो नमः...
हेआद्य गुरु शंकर पिता
नटराज राज नमो नमः...
गंभीर नाद मृदंगना धबके उरे ब्रह्माडना
नित होत नाद प्रचंडना
नटराज राज नमो नमः...
शिर ज्ञान गंगा चंद्रमा चिद्ब्रह्म ज्योति ललाट मां
विषनाग माला कंठ मां
नटराज राज नमो नमः...
तवशक्ति वामांगे स्थिता हे चंद्रिका अपराजिता
चहु वेद गाए संहिता
नटराज राज नमोः...
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Dev uthani ekadashi deep daan: देव उठनी एकादशी पर कितने दीये जलाएं
Tulsi vivah par kitne diye jaate hai: देवउठनी एकादशी (प्रबोधिनी एकादशी) तुलसी विवाह पर आप 1, 5, 11, 21, 51 या 108 दीये जला सकते हैं, हालांकि 5 दीये जलाना बहुत शुभ माना जाता है। मुख्य रूप से गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए और इसे तुलसी के पौधे के पास जलाना चाहिए।
यदि आपका घर या दुकान है दक्षिण दिशा में तो करें ये 5 अचूक उपाय, दोष होगा दूर
Dakshin disha ke makan and Dukan ka vastu: हिन्दू धर्म, ज्योतिष और वास्तु शास्त्र में दक्षिण दिशा को अशुभ माना गया है। इस दिशा में घर या दुकान का मुख्य द्वार है तो उससे नुकसान होने की संभावना बनी रहती है। दक्षिण दिशा को यम और मंगल की दिशा माना गया है। यह दिशा स्त्रियों के लिए अत्यंत अशुभ तथा अनिष्टकारी होती है। इस दिशा से सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों का प्रभाव ज्यादा रहता है जो शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए ठीक नहीं है। दक्षिण दिशा में मुख्य द्वार या खिड़की है तो दक्षिण के बुरे प्रभाव से बचना जरूरी है। इसके लिए जानिए 5 खास अचूक उपाय।
Dev Uthani Ekadashi 2025: देव उठनी एकादशी की पूजा और तुलसी विवाह की संपूर्ण विधि
Dev Uthani Ekadashi 2025: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस दिन को कुछ लोग छोटी दिवाली और देव दिवाली भी मानते हैं। देव उठनी एकादशी पर भगवान विष्णु को योगनिद्रा से जगाने और तुलसी विवाह करने का प्रचलन है। आओ जानते हैं दोनों ही परंपरा के संबंध में विस्तार से पूजन और विवाह विधि।
काशी के मणिकर्णिका घाट पर चिता की राख पर '94' लिखने का रहस्य: आस्था या अंधविश्वास?
Kashi Manikarnika Ghat: काशी (वाराणसी/बनारस) को मोक्षदायिनी नगरी कहा जाता है, जहाँ गंगा तट पर स्थित मणिकर्णिका घाट पर जीवन और मृत्यु का संगम सदियों से होता रहा है। यह महाश्मशान, जहाँ राजा हरिशचंद्र के समय से अंतिम संस्कार की अग्नि निरंतर धधक रही है, हाल ही में सोशल मीडिया पर एक रहस्यमय परंपरा के कारण चर्चा में आया है। Quora और Instagram पर लाखों यूजर्स यह सवाल पूछ रहे हैं: दाह संस्कार के बाद चिता की राख पर '94' क्यों लिखा जाता है?
Vishnu Trirat Vrat: विष्णु त्रिरात्री व्रत क्या होता है, इस दिन किस देवता का पूजन किया जाता है?
Trirat Vrat 2025: विष्णु त्रिरात्री व्रत एक महत्वपूर्ण हिंदू व्रत है, जो तीन रातों और तीन दिनों तक चलने वाला उपवास या विशेष धार्मिक अनुष्ठान होता है। 'त्रिरात्री' का शाब्दिक अर्थ ही 'तीन रातें' होता है। इस व्रत का संबंध मुख्य रूप से भगवान विष्णु और उनके विभिन्न रूपों से होता है।
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Kaal Bhairav Jayanti 2025: अष्ट भैरव में से काल भैरव के इस मंत्र से मिलेगा उनका आशीर्वाद
Kaal Bhairav Mantra: भगवान शिव के उग्र और दयालु स्वरूप, काल भैरव को समय का अधिपति और आपत्तियों का संहारक माना जाता है। उनकी उपासना साधक को भयहीनता, सुरक्षा और सभी नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति प्रदान करती है। यहां पढ़ें आध्यात्मिक उन्नति, शक्ति और सुरक्षा देन तथा नकारात्मक ऊर्जा का नाश करने वाला पावरफुल मंत्र...
Guru Nanak Jayanti 2025: गुरु नानक जयंती/ गुरु पर्व 2025: जानें तिथि, महत्व और इस दिन के मुख्य समारोह
Guru Nanak Jayanti Festival: गुरु पर्व सिख धर्म में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि सिख धर्म के पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब में गुरु की महिमा का बहुत विस्तार से वर्णन किया गया है। यहां तक कि सिख धर्म में गुरु को 'गुरु नानक' से लेकर 'गुरु ग्रंथ साहिब' तक हर एक गुरु की महिमा को माना जाता है।
Kartik Purnima Snan in Pushkar: कार्तिक पूर्णिमा पर राजस्थान के पुष्कर सरोवर में स्नान का क्या है महत्व?
Pushkar Sarovar Snan: कार्तिक पूर्णिमा, जो कि कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को आती है, यह हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र मानी जाती है। कार्तिक पूर्णिमा पर पुष्कर सरोवर में स्नान करना ब्रह्मा जी की कृपा प्राप्त करने, पापों से मुक्ति पाने और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग माना गया है। इसीलिए इस दिन राजस्थान के पुष्कर के पवित्र सरोवर में स्नान का विशेष महत्व है।
Kartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा पर कौनसा दान रहेगा सबसे अधिक शुभ, जानें अपनी राशिनुसार
Kartik Purnima How to Donate According to Zodiac Sign: कार्तिक पूर्णिमा का दिन विशेष रूप से पुण्य अर्जित करने का अवसर होता है। इस दिन का दान का महत्व अत्यधिक होता है, और राशिनुसार दान करना और भी अधिक प्रभावकारी माना जाता है। यहां जानें आपकी राशि का स्वामी ग्रह, दान के लिए शुभ वस्तुएं और प्राप्त होने वाले परिणाम...
Dev Diwali 2025: देव दिवाली पर 5 जगहों पर करें दीपदान, देवता स्वयं करेंगे आपकी हर समस्या का समाधान
Dev diwali 2025 date deepadan: पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा की पावन तिथि वह दिन है जब पृथ्वी पर स्वर्ग के देवता अवतरित होते हैं और एक भव्य उत्सव मनाते हैं। इसे ही हम देव दीपावली के नाम से जानते हैं- देवताओं की स्वयं की दिवाली। मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने दुष्ट असुर त्रिपुरासुर का संहार किया था, और इस विजय की खुशी में समस्त देवी-देवताओं ने काशी के गंगा घाटों पर दीये जलाए थे। यह पर्व दान, स्नान और असंख्य दीपों को प्रज्वलित करने का महापर्व है। इस अलौकिक अवसर पर 5 जगहों पर दीपदान करने से देवाता होंगे अति प्रसन्न।