गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. महाशिवरात्रि
  4. Mahashivratri panch grahi yog sanyog
Written By
Last Updated : सोमवार, 28 फ़रवरी 2022 (09:23 IST)

महाशिवरात्रि पर बन रहा है पंचग्रही योग, जानिए इस संयोग में पूजा का क्या मिलेगा फल

महाशिवरात्रि पर बन रहा है पंचग्रही योग, जानिए इस संयोग में पूजा का क्या मिलेगा फल - Mahashivratri panch grahi yog sanyog
Mahashivratri 2022
Maha Shivratri 2022 Kab Hai: इस वर्ष महाशिवरात्रि पर शुभ मुहूर्त और संयोग के साथ ही पंचग्रही योग भी बन रहे हैं। इस योग में भगवान शिव की पूजा की तो मिलेगा का उनका आशीर्वाद। आओ जानते हैं क्या मिलेगा पूजा का फल और कैसे करें भोलेनाथ की पूजा।
 
 
महाशिवरात्रि डेट : वर्ष 2022 में 1 मार्च मंगलवार को मनाई जाएगी महाशिवरात्रि। इस वर्ष महाशिवरात्रि 1 मार्च को सुबह 03.16 मिनट से शुरू होकर बुधवार, 2 मार्च को सुबह 10 बजे तक रहेगी। रात्रि में शिव जी के पूजन का शुभ समय शाम 06.22 मिनट से शुरू होकर रात्रि 12.33 मिनट तक रहेगा। कहते हैं महाशिवरात्रि के दिन चाहे कोई भी समय हो भगवान शिव जी की आराधना करना चाहिए। 
 
खास संयोग : धनिष्ठा नक्षत्र में परिघ योग रहेगा। धनिष्ठा के बाद शतभिषा नक्षत्र रहेगा। परिघ के बाद शिवयोग रहेगा। 
 
ग्रह संयोग : बारहवें भाव में मकर राशि में पंचग्रही योग रहेगा। मंगल, शुक्र, बुध और शनि के साथ चंद्र है। लग्न में कुंभ राशि में सूर्य और गुरु की युति रहेगी। चतुर्थ भाव में राहु वृषभ राशि में जबकि केतु दसवें भाव में वृश्‍चिक राशि में रहेगा। 
 
पूजा विधि :
- महाशिवरात्रि की विधि-विधान से विशेष पूजा निशिता या निशीथ काल में होती है। हालांकि चारों प्रहरों में से अपनी सुविधानुसार यह पूजन कर सकते हैं। साथ ही महाशिवरात्री के दिन रात्रि जागरण का भी विधान है।
 
- महाशिवरात्रि पर शिवलिंग की पूजा होती है। इस दिन मिट्टी के पात्र या लोटे में जलभरकर शिवलिंग पर चढ़ाएं इसके बाद उनके उपर बेलपत्र, आंकड़े के फूल, चावल आदि अर्पित करें। जल की जगह दूध भी ले सकते हैं।
 
मंत्र : महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप इस दिन करना चाहिए।
shiv and shivling
10 चीजों से करें भोलेनाथ जी को प्रसन्न : 
1. धतूरा : धतूरा अर्पित करने से सभी तरह के संकटों का समाधान हो जाता है। 
 
2. आंकड़ा : एक आंकड़े का फूल चढ़ाना सोने के दान के बराबर फल देता है।
 
3. बिल्वपत्र : बिल्वपत्र को अर्पित करने से 1 करोड़ कन्याओं के कन्यादान का फल मिलता है। यह शिवजी के तीन नेत्रों का प्रतीक है।
 
4. देसी घी : शिवलिंग पर घी अर्पित करने से व्यक्ति में शक्ति का संचार होता है।
 
5. भांग : भांग अर्पित करना शुभ माना जाता है। इससे शिवजी अपने भक्तों की हर तरह से रक्षा करते हैं।
 
6. चीनी : चीनी अर्पित करने से जीवन में कभी भी यश, वैभव और कीर्ति की कमी नहीं होती है।
 
7. दूध : किसी भी प्रकार के रोग से मुक्त होने और स्वस्थ रहने के लिए दूध अर्पित करें।  
 
8. दही : जीवन में परिपक्वता और स्थिरता प्राप्त करने के लिए दही अर्पित करते हैं। 
 
9. इत्र :  इत्र चढ़ाने से तन और मन की शुद्धि होती है साथ ही तामसी आदतों से मुक्ति भी मिलती है। 
 
10. केसर : लाल केसर से शिवजी को तिलक करने से सोम्यता प्राप्त होती है और मांगलिक दोष भी दूर होता है।
 
पूजा की सावधानियां :
 
1. शिव पूजा में तुलसी का पत्ता अर्पित नहीं किया जाता है।
 
2. शिवजी को केतकी और केवड़ा के फूल अर्पित नहीं करते हैं।
 
3. शिवजी के समक्ष शंख भी नहीं बजाया जाता है। 
 
4. शिवजी को नारियल भी अर्पित नहीं किया जाता है। 
 
5. शिवजी को रोली और कुमकुम भी नहीं लगाया जाता है। 
 
6. शिवलिंग की पूर्ण परिक्रमा नहीं की जाती है।
ये भी पढ़ें
महाकाल की नगरी उज्जैन में बनेगा विश्‍व रिकॉर्ड, सायरन बजते ही जलेंगे 21 लाख दीपक