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गर्भधान, पुंसवन एवं सीमन्तोन्नयन संस्कार से ही पैदा होती है बुद्धिमान संतान, उज्जवल रहता है उसका भविष्य

सोमवार,मार्च 20, 2023
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दिन और रात के 30 मुहूर्तों में से एक मुहूर्त है ब्रह्म मुहूर्त। यह मुहूर्त उषा काल में आता है। यह मुहूर्त बहुत ही शुभ और पवित्र माना जाता है। बिजली के आने के पहले प्राचीन काल के लोग इसी मुहूर्त में उठकर अपने नित्य और दैनिक कार्य शुरू कर देते थे। आओ ...
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पूजा के समय पूजा करने और करवाने वाला एक विशेष आसन पर बैठता है। यह आसन सूती, रेशमी या ऊनी होता है और इसा रंग लाल, पीला या नारंगी होता है, लेकिन कहते हैं कि सबसे अच्छा आसन कुश का होता है। लकड़ी की चौकी या घासफूस की चाटाई का उपयोग भी कर सकते हैं। पूजा ...
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Hindu Niyam: संधिकाल को हिन्दू सनातन धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। संधिकाल अर्थात सूर्य के उदय होने के पूर्व और अस्त होने के बाद का काल। इसी तरह दिन में 8 समय संधिकाल होता है। सूर्य के उत्तरायण जाने के पूर्व और दक्षिणायन में आने के पूर्व ...
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हाथ की कलाई पर, कमर, गले, यज्ञ वेदी पर, कलश पर, पेड़ के तने पर, पशुओं के गले में, नई वस्तुओं पर और किसी देवी-देवता के स्थान आदि जगहों पर मौली, कलावा, रक्षासूत्र, पवित्र नाड़ा या कच्चा सूत बांधे जाने की परंपरा है। पेड़ या पौधों पर कलावा या कच्चा सूत ...
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भारत में कई नीतिकार हुए हैं, जिन्होंने भारत के धर्म और राज्य को एक दिशा दी है। उन्हीं नीतिकारों में से एक प्रसिद्ध नीतिकार हैं शुक्राचार्य। ऋषि भृगु के पुत्र और दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य की शुक्र नीति आज भी प्रासंगिक मानी जाती है। पहले हमने आपको ...
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Bhojan ke niyam: हिन्दू धर्म, ज्योतिष, वास्तु और आयुर्वेद में भोजन के कई नियम बताए गए हैं। उन नियमों को हम फॉलो नहीं करते हैं तो परेशानी में पड़ते हैं। भोजन से ही हमारा शरीर और मन बनता है अत: भोजन के परोसने के नियम भी जान लेना चाहिए। भोजन की थाली ...
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भारत में चाणक्य से पूर्व कई महान नीतिज्ञ हुए। जैसे भीष्म, विदुर, मनु, चर्वाक, शुक्राचार्य, बृहस्पति, परशुराम, गर्ग आदि अनेकों नीतिज्ञ हुए हैं। चाणक्य के बाद भी कई महान नीतिज्ञ हुए हैं जैसे भर्तृहरि, हर्षवर्धन, बाणभट्ट आदि। विदुर धृतराष्ट्र के सौतेले ...
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प्राचीनकाल से ही प्याज और लहसुन को खाने की मनाई की गई है, परंतु ऐसा क्यों और किसे प्याज या लहसुन खाना चाहिए और किसे नहीं यह जानना भी जरूरी है। इतनी महत्वपूर्ण चीज को आखिर क्यों खाने के लिए मना किया गया है। आओ जानते हैं इस संबंध में महत्वपूर्ण ...
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विदुर नीति में लक्ष्मी का अधिकारी बनने के लिए विचार और कर्म से जुड़े 4 अहम सूत्र बताए गए हैं। जानिए, ये चार तरीके जिनको अपनाकर ज्ञानी हो या अल्प ज्ञानी दोनों ही धनवान बन सकते हैं।
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हिन्दू धर्म में शालिग्राम का बहुत महत्व है। क्या आप जानते हैं कि शालिग्राम क्या होता है, कहां मिलता है, क्यों पूजाघर में रखते हैं, क्यों करते हैं देव उठनी एकादशी के दिन तुलसी के पौधे के साथ इसका विवाह, क्या है घर में शालिग्राम रखने के नियम। आओ जानते ...
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तुलसी का धार्मिक महत्व भी है और आयुर्वेदिक महत्व भी है। यह एंटीबायोटिक, दर्द निवारक और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी फायदेमंद है। यहां जानिए तुलसी की माला पहनने के 5 फायदे।
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शुद्ध जल से काया निरोगी होती है और अशुद्ध जल से रोगी। शुद्ध अन्न और वायु के बाद शुद्ध जल जरूरी है। अशुद्ध जल से लिवर और गुर्दों का रोग हो जाता है। यदि उक्त दोनों में जरा भी इंफेक्शन है तो इसका असर दिल पर भी पड़ता है। लगभग 70 प्रतिशत रोग जल की ...
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दीपदान के बारे में सभी ने सुना होगा परंतु कम लोग ही जानते होंगे कि दीपदान क्या है, कैसे करें दीपदान और क्या है दीप दान करने के फायदे। आओ इस संबंध में जानने हैं कुछ खास जानकारी।
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कई लोग यह देखते भी नहीं है कि कहां हंसी-मजाक करना चाहिए और कहां नहीं। कहां हंसाना चाहिए और कहां नहीं। उनके लिए समय और काल का कोई महत्व नहीं होता है। कई बार हंसना दु:खदायी भी हो सकता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि गरुड़ पुराण सहित अन्य ग्रंथों में ...
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मंदिर या घर के पूजाघर में आपने देखा होगा गरुड़ घंटी को। मंदिर के द्वार पर और विशेष स्थानों पर घंटी या घंटे लगाने का प्रचलन प्राचीन काल से ही रहा है। घंटी विशेष प्रकार का नाद होता है जो आसपास के वातावरण को शुद्ध करता है।
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माह में 2 एकादशियां होती हैं अर्थात आपको माह में बस 2 बार और वर्ष के 365 दिनों में मात्र 24 बार ही नियमपूर्वक एकादशी व्रत रखना है। हालांकि प्रत्येक तीसरे वर्ष अधिकमास होने से 2 एकादशियां जुड़कर ये कुल 26 होती हैं।
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Tulsi and Gangajal : हिन्दू धर्म में गंगाजल और तुलसी का मिलन बहुत ही पवित्र माना जाता है। गंगा जहां शिव से संबंध रखती है वहीं तुलसी श्रीहिर विष्णु से। दुनिया के सभी जलों में सबसे पवित्र जल गंगा के जल को माना जाता है और तुसली को सबसे पवित्र पौधा माना ...
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Puja ghar vastu : घर का पूजाघर या मंदिर बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण होता है। इसी से संपूर्ण घर संचालित होता है। पूजाघर का वास्तु के अनुसार होना जरूरी है। इसमें नियम अनुसार ही मूर्तियां, पूजा सामग्री या अन्य वस्तुएं रखना चाहिए। घर के मंदिर या पूजाघर ...
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यदि निम्नलिखित 10 नियम आपने अपना लिए तो निश्चित ही शर्तिया आपको कभी भी कोई गंभीर रोग नहीं होगा और आप जीवनभर निरोगी बने रहेंगे, परंतु उससे पूर्व आपको 3 शर्तों का पालन करना होगा। जैसे कुछ पाने के लिए खोना पड़ता है उसी तरह यह 3 शर्तें अपनाएं।
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