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Written By WD

साधु के भेष में शैतान...

- वेबदुनिया विशेष

साधु
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हेरा-फेरी के दौर में कोई कैसे किसी भी संत पर विश्वास करके उसका परम भक्त बन जाता है, यह आश्चर्य का ही विषय है। ऐसा नहीं है कि अनपढ़ या गरीब लोग ही इन तथाकथित संतों के भक्त बनकर इनके चरणों में साष्‍टांग पड़े रहते हैं, बल्कि बहुत ज्यादा पढ़े-लिखे लोग भी इनके आगे गिड़गिड़ाते नजर आते हैं।

इसमें लोगों का दोष नहीं, दरअसल व्यक्ति अपने कर्मों से इतना दुखी हो चला है कि उसे समझ में नहीं आता कि किधर जाएं, जहां उसका दुख-दर्द मिट जाए। व्यक्ति धर्म के मार्ग से भटक गया है तभी तो ठग लोग बाजार में उतर आए हैं और लोगों के दुख-दर्द का शोषण कर रहे हैं।

यह सिर्फ हिन्दू धर्म की विडंबना नहीं है, सभी धर्मों में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जिन्होंने धर्म को धंधा बनाकर रख दिया है। वे भोली-भाली जनता को परमेश्वर, प्रलय, ग्रह-नक्षत्र और शैतान से डराकर लुटते हैं।

तथाकथित साधु, ज्योतिषि, ढोंगी फकीर, मौलवी और पादरियों द्वारा लोगों को भ्रमित कर और डराकर ताबीज, यंत्र, पुस्तक और अभिमंत्रित किए गए लॉकेट आदि बेचे जा रहे हैं। कुछ संत तो ऐसे हैं, जो अपने प्रवचन और ध्यान बेचने में लगे हैं। कोई चंगाई सभा के नाम पर धर्मांतरण कर रहा है तो कोई भूत भगाने के नाम पर धोका दे रहा है।

कुछ बाबा दावा करते हैं कि हम हर तरह का दुख दूर कर देंगे, बीमारी मिटा देंगे, भूत भगा देंगे, तलाक करा देंगे और कोर्ट केस भी‍ ‍िजता देंगे। इस तरह का दावा करने वाले बाबा देशभर में लाखों की तादाद में हैं। आए दिन अखबारों में ऐसे संत, ज्योति‍षियों और तांत्रिकों के विज्ञापन छपे हुए देखे जा सकते हैं।

ये सभी भटकाव के रास्ते हैं। भ्रम-द्वंद्व, डर में जीने वाला या भटका हुआ व्यक्ति कभी भी कहीं भी पहुंच जाता है। वह कभी इस बाबा तो कभी उस ‍ज्योतिष के चक्कर काटता रहता है।

फर्जी बाबाओं की भरमार : देश-विदेश में बहुत सारे फर्जी बाबा हैं, जिनकी समय-समय पर पोल खुली है। बाबाओं की भरमार के बीच कुछ बड़े नाम हैं- जैसे तांत्रिक चंद्रास्वामी, नित्यानंद, भीमानंद, निर्मल बाबा आदि ये वो नाम हैं, जो किसी न किसी कारण विवादों में रहे हैं।

इनमें से कुछ पर तो गंभीर आरोप सिद्ध हुए हैं और बहुत से ऐसे बाबा हैं, जिन पर धर्म को धंधा बनाने का आरोप लगता रहता है, जैसे कोई योग बेच रहा है तो कोई जड़ी-बुटी। कोई ध्यान बेच रहा है तो कोई प्रवचन।

बहुत से बाबाओं पर तो यौन दुराचार और देह व्यापार करने का आरोप भी लगाया गया है, जैसे- भगवताचार्य राजेंद्र, नित्यानंद, पायलट बाबा, इच्छाधारी बाबा, भीमानंद उर्फ राजीव रंजन द्विवेदी उर्फ शिवमूरत बाबा, बंगाली बाबा ऊर्फ तांत्रिक बाबा आदि। सेक्स रैकेट चलाने वाले साधुओं के नामों की तो लंबी फेहरिस्त है। कथित बाबाओं के सेक्स स्कैंडल आए दिन उजागर होते रहते हैं।

दुनिया भर में बहुत से ईसाई चर्च यौन दुराचार करने के मामले में अव्वल हैं। पिछले कई वर्षों से रोमन कैथलिक धर्मगुरुओं पर आरोप लगते रहे हैं। हाल ही में अमेरिका में कैथलिक ईसाई पादरियों के खिलाफ यौन दुराचार के सात सौ नए आरोप लगाए गए हैं।

बाबाओं के चमचे : चार किताब पढ़कर आजकल कोई भी संत, ज्योतिष, प्रीस्ट बनकर लोगों को ठगने लगा है। लोग भी इनकी बातों को बिलकुल 'वेद वाक्य' या 'ब्रह्म वाक्य' मानकर पूजने लगते हैं। इन संतों से वे ही लोग प्रभावित होते हैं, जिन्होंने कभी खुद के धर्म को खुद आगे रहकर नहीं पढ़ा या जिनका मानसिक स्तर ही इतना है कि हर किसी से वे बहुत जल्द ही प्रभावित हो जाते हैं अर्थात जिनमें तार्किक ‍बुद्धि नहीं है।

भगवान को छोड़कर आजकल लोग अपने-अपने बाबाओं के लॉकेट को गले में लटकाकर घूमते रहते हैं। उसे लटकाकर वे क्या घोषित करना चाहते हैं, यह तो हम नहीं जानते। हो सकता है कि वे किसी कथित महान हस्ती से जुड़कर खुद को भी महान-बुद्धिमान घोषित करने की जुगत में हो।

इन तथाकथित बाबाओं के चमचों के घर में जाकर देखोगे तो पता चलेगा कि भगवान के फोटो की बजाय इनके बाबा का फोटो मिलेगा और वह भी इतना बड़ा कि दीवार भी छोटी पड़ने लगे।

किसी भी धर्म के संतों का काम होता है समाज को सही दिशा दिखाना, उन्हें शैतान के मार्ग से हटाकर ईश्वर के मार्ग पर लाना, लेकिन आजकल के साधु तो खुद ही शैतान की तरफ से हैं
- शतायु