भोपाल में 90 डिग्री वाले पुल को लेकर CM मोहन यादव का बड़ा एक्शन, 2 सीई समेत 7 इंजीनियर सस्पैंड
Bhopal ROB Case : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 90 डिग्री वाले पुल के दोषपूर्ण डिजाइन को लेकर 2 मुख्य अभियंताओं सहित 7 अभियंता निलंबित किए गए हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि ऐशबाग आरओबी के निर्माण में हुई गंभीर लापरवाही में मैंने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए थे। जांच रिपोर्ट के आधार पर लोनिवि के 8 इंजीनियर्स के खिलाफ कार्रवाई की गई है। 2 सीई सहित 7 इंजीनियर्स को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। एक सेवानिवृत्त एसई के खिलाफ विभागीय जांच की जाएगी।
खबरों के अनुसार, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि ऐशबाग आरओबी के निर्माण में हुई गंभीर लापरवाही में मैंने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए थे। भोपाल में 90 डिग्री वाले पुल के दोषपूर्ण डिजाइन को लेकर 2 मुख्य अभियंताओं सहित 7 अभियंता निलंबित किए गए हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर लोनिवि के 8 इंजीनियर्स के खिलाफ कार्रवाई की गई है। 2 सीई सहित 7 इंजीनियर्स को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। एक सेवानिवृत्त एसई के खिलाफ विभागीय जांच की जाएगी।
इस प्रोजेक्ट में आरओबी का त्रुटिपूर्ण डिजाइन प्रस्तुत करने पर निर्माण एजेंसी एवं डिजाइन कंसल्टेंट दोनों को ब्लैक लिस्ट किया गया है। आरओबी में आवश्यक सुधार के लिए कमेटी बनाई गई है। सुधार के बाद ही आरओबी का लोकार्पण किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा कराई गई जांच रिपोर्ट में ये सामने आया कि इस ब्रिज के निर्माण से पहले उसके डिजाइन को तीन बार बदला गया था। जो तकनीकी दृष्टि से खतरनाक है।
रिपोर्ट के अनुसार, ये निर्माण एक्सीडेंटल ज़ोन बन सकता है। रेलवे ओवरब्रिज (ROB) का निर्माण 21 मई 2022 को शुरू हुआ था। ये प्रोजेक्ट अपनी समय सीमा से पहले ही करीब 1 साल पीछे चल रहा है। अब खामियां दूर होने के बाद ही ब्रिज का उदघाटन कर आम लोगों के लिए इसे खोला जाएगा।
तकरीबन 18 करोड़ रुपए की लागत से बने इस आरओबी का उद्देश्य महामाई का बाग, पुष्पा नगर और स्टेशन क्षेत्र से नए भोपाल तक वाहनों की आवाजाही को सुगम बनाना है। इस पुल को लेकर विवाद होने के बाद लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने पुल पर वाहनों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए समाधान खोजने के लिए एक समिति बनाई थी।
पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने तब कहा था कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की एक टीम ने मामले की जांच की और पाया कि जमीन की अनुपलब्धता के कारण अजीब डिजाइन अपनाया गया था। उन्होंने कहा था कि दो मुख्य अभियंताओं वाली समिति रेलवे सहित सभी हितधारकों से बात करेगी और फिर सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
उनके अनुसार समिति की रिपोर्ट के आधार पर यह तय किया जाएगा कि पुल के मोड़ को कैसे सुगम और दुर्घटना मुक्त बनाया जाए। आरओबी के निर्माण से जुड़े अधिकारियों ने पहले तर्क दिया था कि जमीन की कमी और पास में मेट्रो रेल स्टेशन की मौजूदगी को देखते हुए उनके पास इसे इस तरह बनाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने कहा कि अगर थोड़ी और जमीन उपलब्ध हो जाए तो 90 डिग्री के तीखे मोड़ को कर्व में बदला जा सकता है।
मार्च 2023 में आरओबी का निर्माण शुरू होने से पहले सरकार ने कहा था कि इसके चालू हो जाने के बाद ऐशबाग इलाके के लोगों को न तो रेलवे क्रॉसिंग पर इंतजार करना पड़ेगा और न ही लंबा चक्कर लगाना पड़ेगा और इससे हर दिन करीब तीन लाख लोगों को फायदा होगा। हालांकि इसके 90 डिग्री के मोड़ के कारण सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के साथ-साथ स्थानीय निवासियों ने कहा कि दोषपूर्ण डिजाइन दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है क्योंकि वाहनों को इसके तीखे कोण के कारण मोड़ से गुजरना मुश्किल होगा।
Edited By : Chetan Gour