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Last Modified: गुरुवार, 26 जून 2025 (12:17 IST)

जलगंगा संवर्धन अभियान से पुनर्जीवित हुई भोपाल की ‘बड़े बाग़ की बावड़ी’

विरासत से विकास की ओर - एक बावड़ी की पुनर्रचना

Jal Ganga Conservation Campaign
भोपाल। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा प्रारंभ किए गए जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत  भोपाल
की ऐतिहासिक धरोहर ‘बड़े बाग़ की बावड़ी’ को नवजीवन मिला है। यह सफलता केवल विकास और जल संरचना के पुनरुद्धार की नहीं, बल्कि प्रदेश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के संरक्षण की भी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पर्यावरण संरक्षण दृष्टिकोण और जल संरक्षण को लेकर प्रतिबद्ध नेतृत्व ने इस अभियान को जन-आंदोलन का रूप दिया है।
करीब 200 वर्ष पूर्व निर्मित यह बावड़ी भोपाल की सबसे बड़ी बावड़ी है, बड़े बाग का कुल क्षेत्रफल 32 एकड़ है और यहां कई जल संरचनाएं हैं, उनमें से इसह बावड़ी की गहराई 60 फीट है। बावड़ी दो मकबरों के मध्य स्थित है यह बावड़ी स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण भी है।
 
जिला प्रशासन एवं नगर निगम भोपाल द्वारा इस बावड़ी की सफाई, सिल्ट हटाने, खरपतवार उन्मूलन, दीवारों और सीढ़ियों की मरम्मत, रंगाई-पुताई तथा सुरक्षा जाली लगाने जैसे कार्य तेज़ी से किए गए। लगभग 40 क्यूबिक मीटर सिल्ट हटाने और जल ग्रहण क्षमता को 2000 लीटर प्रति घंटा तक पहुँचाने के बाद यह संरचना फिर से उपयोग में लाई जा रही है।

आज इस ऐतिहासिक बावड़ी का जल निस्तार कार्यों में प्रयोग हो रहा है और यह स्थल अब भोपाल की जल धरोहर एवं सांस्कृतिक पर्यटन का केंद्र बन रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की दूरदर्शिता ने इस बावड़ी को एक बार फिर जीवंत कर दिया है। जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत यह कार्य न केवल एक संरचना का पुनरुद्धार है, बल्कि जल संरक्षण के प्रति मध्यप्रदेश सरकार की गहरी प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है।
 
 
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