बलात्कार : आखिर क्यों होते हैं?
किन 5 प्रमुख वजह से होते हैं बलात्कार
वेबदुनिया फीचर डेस्क बलात्कार। यह लफ्ज कितना असर करता है हम पर? क्या झनझना देता है हमारे मानस के तंतुओं को या हम ऐसी खबरों को देख-सुन कर निरपेक्ष भाव से आगे बढ़ जाते हैं? अगर हम संवेदनशील हैं तो ही खबर हमें स्पर्श करती है अन्यथा आमतौर पर यही प्रतिक्रिया होती है कि उफ, फिर वही बलात्कार की खबर? इसमें नया क्या है? अगर तरीका नया है तो खबर हमारे काम की, वरना एक स्त्री का लूटा जाना हमारे मन की धरा पर कुछ खास हलचल नहीं मचाता। बलात्कार के आए दिन सामने आते पहलुओं पर गौर किया जाए तो बलात्कार के 5 प्रमुख कारण माने जा सकते हैं। पहला कारण : पुरुषों की मानसिक दुर्बलता/सामाजिक दबाव में कमी ईश्वर ने नर और नारी की शारीरिक संरचना भिन्न इसलिए बनाई कि यह संसार आगे बढ़ सके। परिवेश में घुलती अनैतिकता और बेशर्म आचरण ने पुरुषों के मानस में स्त्री को मात्र भोग्या ही निरूपित किया है। यह आज की बात नहीं है अपितु बरसों-बरस से चली आ रही एक लिजलिजी मानसिकता है जो दिन-प्रतिदिन फैलती जा रही है। स्त्री शरीर को लेकर बने सस्ते चुटकुलों से लेकर चौराहों पर होने वाली छिछोरी गपशप तक और इंटरनेट पर परोसे जाने वाले घटिया फोटो से लेकर हल्के बेहूदा कमेंट तक में अधिकतर पुरुषों की गिरी हुई सोच से हमारा सामना होता है। कई बार पुरुषों का बढ़ता तनाव भी बलात्कार का कारण होता है और महिलाओं के प्रति बढ़ता अपमानजनक माहौल भी पुरुष के दुस्साहस को बढ़ाने में उत्प्रेरक का काम करता है। हमारी सामाजिक मानसिकता भी स्वार्थी हो रही है। फलस्वरूप किसी भी मामले में हम स्वयं को शामिल नहीं करते और अपराधी में व्यापक सामाजिक स्तर पर डर नहीं बन पाता। पहली बार दामिनी/निर्भया के मामले में सामाजिक रोष प्रकट हुआ। वरना तो ना सोच बदली है ना समाज। अभी भी हालात 70 प्रतिशत तक शर्मनाक हैं। क्या किया जाए : पुरुषों की परिष्कृत सोच को बढ़ावा दिया जाए। जानिए बलात्कार का दूसरा कारण अगले पेज पर
दूसरा कारण : नशा