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Written By WD

एक-दूसरे में क्या देखते हैं प्रेमी?

Romance lover | एक-दूसरे में क्या देखते हैं प्रेमी?
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ऐसे लोग जो प्रेम करते हैं वे आखिर एक-दूसरे में क्या देखते हैं। वे मानते हैं कि कोई महिला या पुरुष सम्पूर्ण नहीं होता। मनोचिकित्सक भी मानते हैं कि ऐसे लोगों के लिए दरअसल एक-दूसरे की इच्छाएँ और आकांक्षाएँ ही मायने रखती हैं। वे कभी आपस में शारीरिक आकर्षण नहीं देखते।

मनोवैज्ञानिक कहते हैं- कोई भी व्यक्ति सम्पूर्ण नहीं होता लेकिन उसकी कुछ खूबियाँ उसे खूबसूरत और पूर्ण व्यक्ति बना देती हैं। लेकिन महिलाएँ इस मामले में थोड़ी अलग होती हैं। वे ऐसे पुरुष प्रेमी तलाश करती हैं जो दूसरों से अलग हों। लेकिन उन्हें पाने के बाद भी वे उनसे शिकायत कर सकती हैं कि वे सम्पूर्ण नहीं हैं। कई बार महिलाएँ अपने प्रेमी के सामने ही दूसरे पुरुषों की तारीफ भी करती हैं। म मनोचिकित्सक कहते हैं कि ऐसी महिलाएँ भ्रमित होती हैं। कई बार वे अपना साथी इसलिए खो देती हैं कि उन्हें लगता है कि वह दूसरे पुरुषों में जितना सक्रिय और क्रियाशील नहीं है।

लेकिन ऐसा सिर्फ इसलिए होता है कि अधिकतर महिलाएँ अपने प्रेमियों में गुस्सेदार व्यक्ति नहीं देखनचाहतीं। यदि ऐसे होता है तो वे हैरान होती हैं कि आखिर उसे क्या हो गया है। महिलाओं का मानना है कि उनकप्रेमी ऐसा नहीं हो सकता। पर यह सिर्फ महिलाओं के साथ ही नहीं है। पुरुष भी कुऐसही महिलाओतलामेरहतहैंपुरुष प्रेम में पड़ते ही जिस महिला से दो-चार होते हैं वह उनकी नजर में एक बेहतर मेजबान, माँ और प्रेयसी होती है। वे चाहते हैं कि वे उस महिला की आँखों में पुतलियों की तरह रहें पर वे नहीं जानते कि पुतलियाँ भी तो स्थिर नहीं होतीं। जब ऐसा होता है तो पुरुष भी वही सोचते हैं, जो महिलाएँ सोचती हैं कि अरे! यह क्या हुआ? यह वह पुरुष या महिला तो नहीं।

मनोविश्लेषक गीतिका कपूर कहती हैं- कोई भी महिला या पुरुष सदा एक जैसा नहीं रह सकता। सबके मन और इच्छाओं में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं! इसलिए प्रेम में बाहरी सौंदर्य अधिक दिन नहीं चलता। यह अंतर्संबंधों की बात है। मनोचिकित्सक भी मानते हैं कि प्रायः हम खुद को स्थिर बनाए रखने के लिए हमेशा एक स्थिर रहने वाला साथी तलाश करते हैं जबकि हर व्यक्ति की भावनाएँ अलग-अलग समय पर अलग होती हैं। संबंधों में कई बार खटास आ जाती है लेकिन यदि स्त्री-पुरुष एक-दूसरे से सच्चा प्रेम करते हैं व उनमें सम्मान की भावना है तो उनका प्रेम और आकर्षण बना रहता है। यह जानने के लिए पहले प्रेम में पड़ना जरूरी है। गीतिका कहती हैं- हालाँकि यह बहुत आसान नहीं। लेकिन प्रेम के आधार पर बना संबंध बहुत कम खराब होता है।

(वेबद‍ुनिया फीचर डेस्क)