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Written By WD Feature Desk
Last Updated : सोमवार, 6 जनवरी 2025 (12:25 IST)

शाकम्भरी नवरात्रि 2025, मां शाकंभरी की पौराणिक कथा

शाकम्भरी नवरात्रि 2025, मां शाकंभरी की पौराणिक कथा - Shakambhari Maa Katha  2025
Shakambari Devi katha : वर्ष 2025 में मां शाकम्भरी जयंती 13 जनवरी, दिन सोमवार को मनाई जाएगी। हिन्दू पंचांग कैलेंडर के अनुसार नव वर्ष में शाकम्भरी नवरात्रि का प्रारंभ 07 जनवरी, दिन मंगलवार पौष शुक्ल अष्टमी से हो रहा है तथा पौषी पूर्णिमा पर इस नवरात्रि का समापन होगा और इस दिन देवी शाकम्भरी जयंती स्वरूप देवी का पूजन किया जाएगा।ALSO READ: शाकम्भरी नवरात्रि 2025 में कब से होगी प्रारंभ, क्या है इसका महत्व?
 
Highlights
  • शाकंभरी नवरात्रि कब से है?
  • माता शाकम्भरी किसका अवतार है?
  • 2025 में शाकंभरी जयंती कब है?
पौष अष्टमी से पौष पूर्णिमा तक शाकम्भरी देवी की कथा पढ़ने का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं यहां...
 
यहां पढ़ें देवी शाकम्भरी की पौराणिक कथा :
 
धार्मिक पौराणिक ग्रंथों के अनुसार मां शाकम्भरी को आदिशक्ति जगदम्बा देवी दुर्गा का सौम्य अवतार माना जाता है। इस संबंध में एक कथा मिलती है, जिसके अनुसार एक समय जब दुर्गम नामक दैत्य ने पृथ्‍वी पर भयंकर आतंक का माहौल पैदा किया और इस तरह करीब 100 वर्ष तक वर्षा न होने के कारण चारों तरफ अन्न-जल का अभाव होने से भीषण सूखा पड़ा, जिससे लोग मरने लगे और जीवन खत्म होने लगा था। 
 
दैत्य दुर्गम ने ब्रह्मा जी से चारों वेद चुरा लिए थे। तब आदिशक्ति दुर्गा ही मां शाकम्भरी देवी के रूप में अवतरित हुई, जिनके सौ नेत्र थे। तब उन्होंने रोना शुरू किया, और माता के रोने पर आंसू निकले और इस तरह पूरी धरती में जल का प्रवाह हो गया। फिर अंत में देवी मांय शाकम्भरी दुर्गम दैत्य का अंत कर दिया।
 
इस संबंध में एक अन्य भी मिलती हैं, उस कथा के अनुसार देवी शाकम्भरी ने 100 वर्षों तक तप किया था और महीने के अंत में एक बार शाकाहारी भोजन कर तप किया था। ऐसी निर्जीव जगह जहां पर 100 वर्ष तक पानी भी नहीं था, वहां पर स्वयं ही पेड़-पौधे उत्पन्न हो गए।

यहां माता का चमत्कार देखने जब साधु-संत आए तो उन्हें शाकाहारी भोजन परोसा गया, जिसका तात्पर्य यह था कि मां शाकम्भरी केवल शाकाहारी भोजन का ही भोग ग्रहण करती हैं। तब इस घटना के बाद से माता का नाम 'मां शाकम्भरी' पड़ा। इस देवी के बारे में ऐसी मान्यता भी है। 
 
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