हरितालिका तीज की सरल और प्रामाणिक पूजा विधि
पं शांतनु शास्त्री
आज यानी 16 सितंबर 2015 को हरितालिका तीज है। धर्म ग्रंथों के अनुसार इस दिन महिलाएं पूरे दिन बिना किसी आहार के व्रत रखती हैं तथा भगवान शिव व पार्वती की पूजा करती हैं। मान्यता है कि यह व्रत करने से कुंवारी कन्याओं को श्रेष्ठ वर की प्राप्ति होती है और विवाहित महिलाओं का सौभाग्य अखंड बना रहता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि इस दिन भगवान शिव व माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो भक्त की हर मनोकामना पूरी हो सकती है। यह उपाय देवी भागवत व शिवपुराण में बताए गए हैं-
पूजन व्रत और उपाय विधि:
नित्यकर्म से निवृत होकर तिल तथा आंवला के चूर्ण से स्नान करें। आम की चौकी पर केले के पत्ते का मंडप बनाकर शंकर और पार्वती की मिटटी की या शिव पार्वती की मूर्ति स्थापित करें। या किसी शिव जी के मंदिर या घर पर शिवलिंग के सामने पूर्वमुखी होकर तथा आसान पर बैठकर गौरी-शंकर का विधिवत संयुक्त पूजन करें।
सर्वप्रथम शुद्ध घी का दीपक जलाएं। तत्पश्चात सीधे (दाहिने) हाथ में अक्षत रोली बेलपत्र, मूंग, फूल और पानी लेकर इस मंत्र से संकल्प करें -
"उमामहेश्वरसायुज्य सिद्धये हरितालिका व्रत महं करिष्ये"।
इसके बाद सुगंधित धूप जलाएं। लाल रंग के फूल चढ़ाएं। सिंदूर अर्पित करें तथा गुड़ का भोग लगाएं तत्पश्चात सुहाग की पिटारी में सुहाग की सारी सामग्री सजा कर रखें, फिर इन वस्तुओं को पार्वती जी को अर्पित करें। भगवान शंकर को वस्त्रांबर-कुर्ता, धोती, अंगवस्त्र आदि अर्पित करें।
"ह्रीं गौरीशंकराय नमः"
मंत्र का सामर्थ्यानुसार जाप करें। सुहाग सामग्री किसी सुहागिन ब्राह्मणी को तथा सुयोग्य ब्राह्मण को कुर्ता, धोती, अंगवस्त्र दान करें। संध्या के समय घर के केंद्र(आंगन) में किसी परात में पानी में थोड़ा दूध, तिल और फूलों की पत्तियां मिलाकर भरकर रखें तथा इसमें तीन दीपक जलाकर गौरीशंकर से परिवार की कुशलता की प्रार्थना करें।
हरतालिका व्रत पूजन के सरल उपाय, घर में सौभाग्य लाए
हरतालिका व्रत पूजन के सरल उपाय, घर में सौभाग्य लाए
1- देवी भागवत के अनुसार माता पार्वती का अभिषेक आम अथवा गन्ने के रस से किया जाए तो लक्ष्मी और सरस्वती ऐसे भक्त का घर छोड़कर कभी नहीं जातीं। वहां नित्य ही संपत्ति और विद्या का वास रहता है।
2- शिवपुराण के अनुसार लाल व सफेद आंकड़े के फूल से शिव का पूजन करने पर भोग व मोक्ष की प्राप्ति होती है।
3- माता पार्वती को घी का भोग लगाएं तथा उसका दान करें। इससे रोगी को कष्टों से मुक्ति मिलती है तथा वह निरोगी होता है।
4- माता पार्वती को शक्कर का भोग लगाकर उसका दान करने से भक्त को दीर्घायु प्राप्त होती है। दूध चढ़ाकर दान करने से सभी प्रकार के दु:खों से मुक्ति मिलती है। मालपूआ चढ़ाकर दान करने से सभी प्रकार की समस्याएं स्वत: ही समाप्त हो जाती है।
5- हरतालिका व्रत के दिन शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव को चमेली के फूल चढ़ाने से वाहन सुख मिलता है। अलसी के फूलों से शिव का पूजन करने से मनुष्य भगवान विष्णु को प्रिय होता है।
6- भगवान शिव की शमी पत्रों से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है। बेला के फूल से पूजन करने पर शुभ लक्षणों से युक्त पत्नी मिलती है। धतूरे के पुष्प के पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं, जो कुल का नाम रोशन करता है। लाल डंठलवाला धतूरा पूजन में शुभ माना गया है।
7- भगवान शिव पर ईख (गन्ना) के रस की धारा चढ़ाई जाए तो सभी आनन्दों की प्राप्ति होती है। शिव को गंगाजल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।
8- देवी भागवत के अनुसार वेद पाठ के साथ यदि कर्पूर, अगरु (सुगंधित वनस्पति), केसर, कस्तूरी व कमल के जल से माता पार्वती का अभिषेक करने से सभी प्रकार के पापों का नाश हो जाता है तथा साधक को थोड़े प्रयासों से ही सफलता मिलती है।
9- जूही के फूल से भगवान शिव का पूजन करने से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती। दूर्वा से पूजन करने पर आयु बढ़ती है। कनेर के फूलों से शिव पूजन करने से नवीन वस्त्रों की प्राप्ति होती है। हरसिंगार के पुष्पों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है।
10- देवी भागवत के अनुसार माता पार्वती को केले का भोग लगाकर दान करने से परिवार में सुख-शांति रहती है। शहद का भोग लगाकर दान करने से साधक को धन प्राप्ति के योग बनते हैं। गुड़ की वस्तुओं का भोग लगाकर दान करने से दरिद्रता का नाश होता है।
11- भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है। तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाता है।
12- द्राक्षा (दाख) के रस से यदि माता पार्वती का अभिषेक किया जाए तो भक्तों पर देवी की कृपा बनी रहती है।
13- शिवपुराण के अनुसार जौ अर्पित करने से सुख में वृद्धि होती है। भगवान शिव को गेंहू चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है।
14- देवी भागवत के अनुसार माता पार्वती को नारियल का भोग लगाकर उसका दान करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। माता को विभिन्न प्रकार के अनाजों का भोग लगाकर गरीबों को दान करने से लोक-परलोक में आनंद व वैभव मिलता है।
15- माता पार्वती का अभिषेक दूध से किया जाए तो व्यक्ति सभी प्रकार की सुख-समृद्धि का स्वामी बनता है।