सोमवार, 2 अक्टूबर 2023
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ऋग्वेद में छुपे हैं कई रहस्य, जानिए 25 आश्चर्यजनक तथ्य

रविवार,अप्रैल 2, 2023
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महाभारत में श्रीमद्भागवत गीता के अलावा अनु गीता, हंस गीता, पराशर गीता, बोध्य गीता, विचरव्नु गीता, हारीत गीता, काम गीता, पिंगला गीता, वृत्र गीता, शंपाक गीता, उद्धव गीता, मंकि गीता, व्याध गीता जैसी अनेक गीताएं हैं। इसके अलावा गुरु गीता, अष्ट्रवक गीता, ...
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हिन्दू धर्म का एकमात्र धर्मग्रंथ है वेद। वेद के चार भाग है- ऋग, यजु, साम और अथर्व। वेदों का सार है उपनिषद और उपनिषदों का सार है गीता। महाभारत, रामायण, पुराण, स्मृति ग्रंथ और सूत्र ग्रंथ को धर्मग्रंथ नहीं माना जाता है। रामायण, महाभारत और पुराण इतिहास ...
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वेद की वाणी को ईश्वर की वाणी कहा जाता है। वेद संसार के सबसे प्राचीन धर्मग्रंथ है। वेद को 'श्रुति' भी कहा जाता है। 'श्रु' धातु से 'श्रुति' शब्द बना है। 'श्रु' यानी सुनना। कहते हैं कि इसके मन्त्रों को ईश्वर (ब्रह्म) ने प्राचीन तपस्वियों को अप्रत्यक्ष ...
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वेदों का सार उपनिषद और उपदिषदों का सार गीता है। भगवान ब्रह्मा और माता गायत्री के जब हम चित्र देखते हैं तो उसमें चार हाथों में से एक हाथ में वेद को थामें बताया जाता है। फिर हम टीवी सीरियल में देखते हैं कि ब्रह्मलोक में चार वेद बालक बने खेल रहे हैं ...
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गीता जयंती प्रत्‍येक वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्‍लपक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इस एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहते हैं जो उत्पन्ना एकादशी के बाद आती है। इस बार अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह 25 दिसंबर 2020 शुक्रवार को मनाई जाएगी। इस साल गीता जयंती की ...
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हिन्दू धर्म में बहुत सारी बुराइयों का समावेश हो चला है। मनमाने तीर्थ, यज्ञ, पूजा, त्योहार आदि का प्रचलन हो चला है। लोग सोलह संस्कारों की वैदिक रीति को छोड़कर अन्य रीतियों से कर्म करने लगे हैं। लोग ईश्‍वर, भगवान, देवी-देवता को छोड़कर जीवित इंसानों, ...
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महाभारत के 18 अध्यायों में से 1 भीष्म पर्व का हिस्सा है भगवत गीता। गीता में भी कुल 18 अध्याय हैं। 18 अध्यायों की कुल श्लोक संख्या 700 है। वेदों का सार अर्थात संक्षिप्त रूप है उपनिषद्ध और उपनिषदों का सार है गीता। गीता सभी हिन्दू ग्रंथों का निचोड़ और ...
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ऋग्वेद से ही अन्य तीन वेदों की रचना हुई है। ऋग, यजु, साम और अथर्व ये चार वेद हैं। ऋग्वेद पद्यात्मक है, यजुर्वेद गद्यमय है और सामवेद गीतात्मक है। ऋग्वेद दुनिया का प्रथम ग्रंथ और धर्मग्रंथ है। यूनेस्को ने ऋग्वेद की 1800 से 1500 ई.पू. की लगभग 30 ...
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ऋग्वेद दुनिया की प्रथम पुस्तक और प्रथम धर्मग्रंथ है। वेद ईश्वर द्वारा ऋषियों को सुनाए गए ज्ञान पर आधारित है इसीलिए इसे श्रुति कहा गया है। सामान्य भाषा में वेद का अर्थ होता है ज्ञान। वेद पुरातन ज्ञान विज्ञान का अथाह भंडार है। इसमें मानव की हर समस्या ...
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पुराणों पर मध्यकाल से ही विवाद होता आया है। अंग्रेज काल में अंग्रेजों ने इसे अप्रमाणिक ग्रंथ कहना शुरू किया था फिर उनका अनुसारण हमारे यहां के तथाकथित इतिहासकारों ने भी किया। कहते हैं कि इस दुष्प्रचार के चलते ही आर्य समाज के लोग भी ऐसा ही मानते हैं।
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अधिकतर हिंदुओं के पास अपने ही धर्मग्रंथ को पढ़ने की फुरसत नहीं है। वेद, उपनिषद पढ़ना तो दूर वे गीता तक को नहीं पढ़ते जबकि गीता को एक घंटे में पढ़ा जा सकता है। हालांकि कई जगह वे भागवत पुराण सुनने या रामायण का अखंड पाठ करने के लिए समय निकाल लेते हैं ...
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दुनिया के प्रथम ग्रंथ वेद में आज तक कोई परिवर्तन नहीं हुआ। इसका कारण है उसके छंदबद्ध होने की अद्भुत शैली और वेदपाठ करने की खास विधि। यही कारण है कि
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वेद 4 हैं- यथाक्रम ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद। पुराण 18 हैं- यथाक्रम ब्रह्म, पद्म, वैष्णव, वायव्य (शैव), भागवत, नारद, मार्कण्डेय, आग्नेय, भविष्य, ब्रह्मवैवर्त, लैंग (लिंग), वराह, स्कंद, वामन, कौर्म (कूर्म), मतस्य, गरूड़, ब्रह्मांड। उपनिषद ...
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वेद दुनिया के प्रथम धर्मग्रंथ है। इसी के आधार पर दुनिया के अन्य मजहबों की उत्पत्ति हुई जिन्होंने वेदों के ज्ञान को अपने अपने तरीके से भिन्न भिन्न भाषा में प्रचारित किया। वेद ईश्वर द्वारा ऋषियों को सुनाए गए ज्ञान पर आधारित है इसीलिए इसे श्रुति कहा ...
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वेद की मानें या पुराण की?

शुक्रवार,जुलाई 15, 2016
उत्तर : हिन्दू धर्म के एकमात्र धर्मग्रंथ है वेद। वेदों के 4 भाग हैं- ऋग, यजु, साम और अथर्व। इन वेदों के अंतिम भाग या तत्वज्ञान को उपनिषद और वेदांत कहते हैं। इसमें ईश्वर संबंधी बातों का उल्लेख मिलता है। उपनिषद या वेदांत को ही भगवान कृष्ण ने संक्षिप्त ...
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महाभारत युग में युद्ध और उस काल की विषम परिस्थितियों में भी ज्ञान की गंगाएं बही थीं। महाभारत को पंचमवेद कहा गया है। महाभारत में वह सबकुछ है जो आप सोच सकते हैं और वह सब कुछ भी है तो कोई दूसरा सोच सकता है। आओ जानते हैं कि महाभारत में युद्ध और गीता के ...
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दार्शनिकों, संतों, साहित्यकारों, नीतिज्ञों और वैज्ञानिकों के विचारों को पढ़कर जीवन में बहुत लाभ मिलता है। मौर्यकाल में जहां नीतिज्ञों में चाणक्य का नाम विख्यात था, वहीं दार्शनिकों और मनोवैज्ञानिकों में पाणिनी और पतंजलि का नाम सम्मान के साथ लिया जाता ...
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ये तो सभी जानते हैं कि वेद ही हिन्दुओं के धर्मग्रंथ हैं। वेद 4 हैं- ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद। उक्त चारों वेदों के ज्ञान को व्यवस्थित या विषयबद्ध कर ऋषियों ने लोगों को समझाया। जिस ऋषि ने वेदों के ज्ञान को अपने तरीके से लिखा उसके नाम पर एक ...
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हिन्दू धर्मग्रंथ 'वेद' को जानिए...

शुक्रवार,अक्टूबर 31, 2014
वेद मानव सभ्यता के लगभग सबसे पुराने लिखित दस्तावेज हैं। वेदों की 28 हजार पांडुलिपियां भारत में पुणे के 'भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट' में रखी हुई हैं। इनमें से ऋग्वेद की 30 पांडुलिपियां बहुत ही महत्वपूर्ण हैं जिन्हें यूनेस्को ने विश्व विरासत ...
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