रविवार, 1 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. समाचार
  4. Rishikesh Ganges River
Written By

लीवरपूल और भारत में 'बीटल्स के भारत में 50 वर्ष' के जश्न की तैयारियां शुरू

लीवरपूल और भारत में 'बीटल्स के भारत में 50 वर्ष' के जश्न की तैयारियां शुरू - Rishikesh  Ganges River
ऋषिकेश। गंगा किनारे कई कालजयी गीत रचने वाले इंग्लैंड के मशहूर रॉक बैंड बीटल्स की ऐतिहासिक भारत यात्रा की गोल्डन जुबली अगले साल लीवरपूल और भारत में मनाई जाएगी और सालभर तक चलने वाले जश्न की तैयारियां दोनों जगह शुरू हो गई हैं।
 
विश्व की इस योग राजधानी में राम झूला पार करने के बाद स्वर्गाश्रम परिसर के पीछे उजाड़ पड़े बीटल्स आश्रम को देखकर सहसा यकीन नहीं होता कि 50 बरस पहले यहां ऐसा संगीत रचा गया था। 
 
बीटल्स के सदस्य जॉन लेनोन, पॉल मैकार्टनी, जॉर्ज हैरीसन और रिंगो स्टार अपने परिवार और करीब 300 अन्य लोगों के पूरे लवाजमे के साथ फरवरी 1968 में महर्षि महेश योगी के बुलावे पर भारत आए थे। वे महर्षि महेश योगी के चौरासी कुटिया आश्रम में रुके थे जिसे बाद में 'बीटल्स आश्रम' का नाम दिया गया। 
 
बीटल्स ने उस यात्रा के दौरान 'व्हाइट एलबम', 'एब्बे रोड' और 'लेट इट बी' एलबम के कई गीत रचे जिनमें 'द व्हाइट एलबम' का गीत 'द मदर नेचर्स सन' ऋषिकेश के प्राकृतिक सौंदर्य का बखान करता है।
 
लीवरपूल स्थित द बीटल्स स्टोरी म्यूजियम की मार्केटिंग मैनेजर डायना ग्लोवर और कस्टमर सर्विस मैनेजर क्लेयर आयरलैंड अगले साल होने वाले आयोजन की संभावनाएं तलाशने जून अंत में यहां का दौरा कर चुकी हैं।
 
ग्लोवर ने कहा कि हम बीटल्स के भारत में 50 साल का जश्न धूमधाम से मनाएंगे। इसके लिए एक अनूठी प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा, जो उस दौरे के बीटल्स के संगीत पर प्रभाव की बानगी पेश करेगी। यह फरवरी 2018 में लांच की जाएगी और इसके बाद सालभर तक कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा जिनमें लीवरपूल में भारतीय संगीत और संस्कृति से जुड़ी कार्यशालाएं शामिल हैं। 
 
उन्होंने बताया कि म्यूजियम कनाडा में रहने वाले फोटोग्राफर पॉल साल्टजमैन से भी संपर्क में है, जो बीटल्स की यात्रा के समय ऋषिकेश में थे और उस यात्रा की कई दुर्लभ तस्वीरें उनके कैमरे में कैद हुईं। 
 
उत्तराखंड के राजाजी टाइगर रिजर्व क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाला बीटल्स आश्रम वन विभाग की संपत्ति है, लेकिन 2001 से 2015 के दौरान पर्यटकों का प्रवेश यहां निषेध था। इसे दिसंबर 2015 में नेशनल टाइगर कन्जर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) से मंजूरी मिलने के बाद पर्यटकों के लिए फिर खोला गया और अब इसे अगले साल होने वाले समारोहों के लिए तैयार किया जा रहा है।
 
राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक सनातन सोनकर ने बताया कि समारोह से बीटल्स स्टोरी म्यूजियम के अलावा महर्षि महेश योगी के अनुयायियों और स्थानीय लोगों को भी जोड़ा जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि आश्रम के मुख्य हॉल और प्रवचन हॉल में मरम्मत का काम जल्दी ही शुरू किया जाएगा। इस हॉल में बीटल्स ने अनमोल नगमों की रचना की थी। इसकी दीवार टूटी थी और यहां कभी-कभार हाथी भी घुस जाते थे। सुरक्षा के मद्देनजर सबसे पहले मरम्मत का काम शुरू किया गया है, जो अगले साल की शुरुआत तक पूरा हो जाएगा। 
 
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही यहां एक सूचना केंद्र की भी जरूरत है चूंकि बड़ी तादाद में सैलानी यहां आते हैं जिन्हें जानकारी चाहिए होती है। इसके साथ ही स्थानीय लोगों को पर्यटन से जोड़ा जाएगा ताकि उनकी आजीविका का एक स्रोत पैदा हो।
 
मार्च में ऋषिकेश में सालाना 'योग महोत्सव' का आयोजन होता है जिसमें महर्षि महेश योगी के अनुयायी बड़ी तादाद में आते हैं जिन्हें इस कार्यक्रम से जोड़ने की योजना है। (भाषा)
ये भी पढ़ें
अयोध्या में इंडोनेशिया से पधारेंगे राम और सीता